बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ( kk Pathak ) को लेकर कयासों का दौर पिछले कुछ दिनों से चलता रहा और अब उन्होंने अपने ही अंदाज में इसपर विराम लगा दिया है. के के पाठक छुट्टी के बीच में ही वापस लौट आए हैं और एसीएस के पद को फिर से संभाल लिया है. वहीं पद संभालते ही के के पाठक फिर एकबार एक्शन में आ गए हैं. बिहार में प्रचंड ठंड को देखते हुए जिलाधिकारियों ने स्कूलों में कक्षा 8 तक के संचालन को पूरी तरह बंद करने का आदेश दिया था. के के पाठक ने अब इन आदेशों पर सवाल खड़े किए हैं और जिलाधिकारियों और आयुक्तों को नसीहत दी है.
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक शुक्रवार को छुट्टी से लौट आये. उन्होंने अपना पदभार खुद ग्रहण किया. वहीं पदभार संभालते ही के के पाठक एक्शन मोड में दिखने लगे हैं. उन्होंने ठंड को लेकर स्कूलों में कक्षाओं का संचालन बंद करने के आदेश पर सवाल खड़े किए हैं. डीएम व प्रमंडलीय आयुक्त को उन्होंने निशाने पर लिया है और कई सवाल पूछते हुए उन्हें नसीहत भी दे दी है.
के के पाठक ने सभी प्रमंडल आयुक्तों को पत्र भेजा है. जिसमें लिखा गया है कि पिछले दिनों सर्दी/ शीतलहर के कारण विभिन्न प्रमंडलों के विभिन्न जिलों में तरह-तरह के आदेश जिला प्रशासन के द्वारा दिए गए. इन आदेशों को देखने से ये लगता है कि धारा-144 के तहत ऐसे फैसले लिए गए. लेकिन धारा 144 के तहत स्कूल बंद किया जाना एक गंभीर और वैधानिक मामला है. क्योंकि इसके तहत हम कानून की धारा 144 CrPc का आह्वान करते हैं. के के पाठक ने इस धारा के उपयोग करने को लेकर कहा कि अगर हम कानून की कोई ऐसी धारा का उपयोग करते हैं तो हमें ये ख्याल रहना चाहिए कि इसके तहत पारित आदेश न्यायिक जांच पर खरा उतरे. यह समान परिस्थिति में सभी पर समान रूप से लागू होना चाहिए.
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के के पाठक ने जिला दण्डाधिकारियों के फैसले पर सवाल उठाए हुए पूछा है कि इस धारा के तहत केवल स्कूलों को ही बंद किया गया है. अन्य संस्थानों का इसमें जिक्र नहीं है. जैसे- कोचिंग संस्थानों, सिनेमा हॉल, मॉल, दुकान आदि.. उन्होंने सवाल किया है कि जिन जिलों में स्कूलों को बंद किया गया वहां के जिला प्रशासन से यह पूछा जा सकता है कि ये कैसी सर्दी या शीतलहर है जो केवल विद्यार्थियों पर ही गिरती है और कोचिंग संस्थानों में नहीं गिरती?उन्होंने पत्र में लिखा है कि इन कोचिंग संस्थानों या ट्यूशन के लिए हमारे ही विद्यालयों के बच्चे पढ़ने जाते हैं.