बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक राज्य की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. इसके लिए वह आए दिन राज्य के विभिन्न स्कूलों और शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों में निरीक्षण के लिए भी जाते हैं. इस दौरान वहां मिलने वाली कमियों और शिकायतों को भी उनके द्वारा दूर करने का प्रयास किया जाता है. इसी निरीक्षण के दौरान कुछ महिला शिक्षकों ने उनसे दोपहिया वाहन चलाने का प्रशिक्षण लेने का अनुरोध किया. जिसके बाद शिक्षा विभाग ने महिला शिक्षकों की मांग पर फैसला लिया. इसके तहत सरकार अब महिला शिक्षकों को स्कूटर / स्कूटी चलाने की ट्रेनिंग देगी. जिससे राज्य की नवनियुक्त महिला शिक्षकों को अपनी तैनाती की जगह पर पहुंचने में आसानी होगी. साथ ही शिक्षिकाएं समय पर स्कूल भी पहुंच सकेंगी.
महिला शिक्षिकाओं की मांग पर शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश
महिला शिक्षिकाओं की मांग पर शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के लिए एक आदेश जारी किया है. इस आदेश में कहा गया है कि बीपीएससी से चयनित होने वाले नवनियुक्त शिक्षकों में महिलाओं की संख्या अधिक है, इन्हें स्कूल पहुंचने में देर नहीं हो और वह समय पर स्कूल पहुंचे. इसको लेकर जिलों में शिक्षकों को स्कूटी चलाने की ट्रेनिंग दी जाये.
क्या बोले केके पाठक…
अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने कहा है कि प्रशिक्षण देने वाले संस्थान की सूची जिला परिवहन पदाधिकारी के कार्यालय से प्राप्त करें. फिलहाल प्रति प्रशिक्षु के दर को स्थानीय बाजार दर के आधार पर निगोसिऐट करते हुए प्रशिक्षण शुरू करें. इसके लिए विभाग स्तर पर तुरंत निविदा निकाली जाये और दर निर्धारण करते हुए प्रति प्रशिक्षणार्थी को दो पहिया वाहन का प्रशिक्षण शुरू कर दिया जाये.
चार दिसंबर से शुरू होगी ट्रेनिंग
विभाग ने जिलों को आदेश दिया है कि चार दिसंबर से शुरू होने वाले बैच में दो पहिया-स्कूली के प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाये. प्रशिक्षण 30 मिनट की होगी और इस प्रशिक्षण को पीटी कक्षा के बाद और ट्रेनिंग क्लास शुरू होने के बीच में दिया जाये. टेनिंग शिक्षकों की संख्या देखते हुए तय किया जाये और साढ़े छह से साढ़े आठ के बीच में ट्रेनिंग पूरा कार्य पूरा किया जाये.
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इधर, बीपीएससी की पात्रता परीक्षा देकर चयनित होने के बावजूद बड़ी तादात में चयनित अभ्यर्थी शिक्षक पद पर योगदान देने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. 30 नवंबर को ही योगदान की आखिरी घोषित समय सीमा समाप्त हो जाने के बावजूद अभ्यर्थी इसके प्रति उदासीन बने रहे हैं. अधिकारीगण की वीडियो कांफ्रेंसिंग से उजागर इस तथ्य का वर्णन करते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने जिलों के डीईओ को एक पत्र लिखते हुए कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा में चयनित वैसे शिक्षक अभ्यर्थी जो केंद्र या राज्य सरकार की किसी सेवा में नहीं हैं उनका योगदान 30 नवंबर के बाद स्वीकार नहीं किया जाएगा.
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वहीं उक्त पत्र में माध्यमिक शिक्षा निदेशक के द्वारा यह भी कहा गया है कि वैसे शिक्षक जो राज्य या केंद्र सरकार की नौकरी में कार्यरत नहीं थे, वे 30 नवंबर तक योगदान नहीं कर सकेंगे. इसके बाद ऐसा मान लिया जाएगा कि वे शिक्षक के रूप में कार्य करने को इच्छुक नहीं हैं. वहीं, केंद्र या राज्य सरकार की नौकरी में कार्यरत हैं, वे त्याग पत्र दे चुके हैं, तो त्यागपत्र की स्वीकृति की प्रतीक्षा ना कर 07 दिसंबर 2023 की संध्या छह बजे तक योगदान कर लें. बाद में वह त्यागपत्र स्वीकृत कराकर विभाग को सौंप देंगे. यह सुविधा उन्हें दी जा रही है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने अपने उक्त पत्र में स्पष्ट किया है कि यह व्यवस्था बीपीएससी से चयनित और पूर्व से नियोजित शिक्षक शिक्षिकाओं पर भी लागू होगी.
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