KK Pathak बिहार के इन शिक्षकों को भगोड़ा घोषित करेंगे, बोले- अब इन्हें किसी भी बहाली में नहीं मिलेगा मौका..

बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने ऐसे बीपीएससी शिक्षकों को चिन्हिंत करने का निर्देश दिया है जो योगदान देने के बाद से लगातार गायब हैं. के के पाठक ने ऐसे शिक्षकों को भगोड़ा घोषित करने की बात कही है. जानिए पूरा मामला..

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2023 3:42 PM

बिहार में BPSC द्वारा आयोजित परीक्षा को पास करके आए शिक्षकाें ने स्कूलों में योगदान दे दिया है. पहले चरण में चयनीत 1 लाख से अधिक शिक्षकाें ने अब योगदान दे दिया है. दूसरी तरफ योगदान देने के बाद कई शिक्षक अपना इस्तीफा भी सौंप चुके हैं. नौकरी छोड़ने की अलग-अलग वजह उन्होंने बतायी है. वहीं दूसरी ओर योगदान देने के बाद भी कई बीपीएससी शिक्षक लगातार गायब रह रहे हैं अब ऐसे शिक्षकों पर शिक्षा विभाग का डंडा चलने वाला है. विभाग अब ऐसे शिक्षकों को चिन्हित करेगा और कड़ी कार्रवाई करेगा. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने कहा है कि ऐसे शिक्षक भगोड़े घोषित किए जाएंगे. आगे की कार्रवाई के बारे में भी उन्होंने बताया है.

किन शिक्षकों को भगोड़ा घोषित किया जाएगा?

स्कूलों में पहले चरण में योगदान देने के बाद से लगतार गायब रहने वाले शिक्षकों को भगोड़ा घोषित किया जाएगा. साथ ही उनकी सूची तैयार कर उन्हें अगले चरण की किसी भी भर्ती में शामिल नहीं होने दिया जाएगा. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने ये बातें कहीं. वे शुक्रवार की देर शाम मुजफ्फरपुर के मिठनपुरा स्थित शिक्षा भवन से ही प्रदेश भर के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबांधित कर रहे थे.

प्रदेश स्तर पर भगोड़े शिक्षकों की सूची तैयार करने का निर्देश

के के पाठक ने कहा कि अबतक योगदान दे चुके शिक्षकों का डाटा तैयार कर उपलब्ध कराएं. साथ ही ऐसे शिक्षकों को भी चिह्नित करें जो लगातार अनुपस्थित रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश स्तर पर भगोड़े शिक्षकों की सूची तैयार की जाएगी. उन्होंने पहले चरण में योगदान देने वाले जिन शिक्षकों का अबतक प्राण नंबर जेनरेट नहीं हुआ है. उसको लेकर डीइओ को आदेश दिया. कहा कि प्राथमिकता के आधार पर शिक्षकों का प्राण नंबर जेनरेट कराएं ताकि शिक्षकों के खाते में उनका वेतन समय से भेजा जा सके.

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ग्रामीण इलाकों में शिक्षकों की तैनाती

बता दें कि बीपीएससी से चयनीत शिक्षकों की तैनाती ग्रामीण इलाकों में की गयी है. वहीं अपर मुख्य सचिव नवनियुक्त शिक्षकों को सलाह देते रहे हैं कि वो गांव के स्कूलों की हालत को सही करने को प्रतिबद्ध हैं. ग्रामीण इलाके में गरीबों के बच्चे पढ़ाई से वंचित रह जाते हैं. के के पाठक ने शिक्षकों को साफ शब्दों में कहा है कि गांव को आपसे उम्मीद है. मजदूरों के बच्चे मजदूर ही नहीं बने, वो कलेक्टर बने. इसकी जिम्मेवारी हम सबों की है. बता दें कि ग्रामीण इलाकों में स्कूल होने की वजह से अब शिक्षा विभाग इन शिक्षकों के लिए गांव में ही मकान/ फ्लैट मुहैया कराने की तैयारी में है.

शिक्षकों को के के पाठक की सलाह

मुजफ्फरपुर पहुंचे केके पाठक डायट रामबाग में प्रशिक्षण के लिए पहुंचे अध्यापकों के पास भी पहुंचे. इस दौरान अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग तेज गति से काउंसलिंग से लेकर पोस्टिंग तक की प्रक्रिया पूरी की है. उन्होंने शिक्षकों से कहा कि जिस गति से शिक्षा विभाग चला उसी गति से आप बच्चों को शिक्षा देने में जुट जाएं. उन्होंने शिक्षकों को कहा कि योगदान के बाद आपको स्कूल के 10-12 किलोमीटर की परिधि में ही आवास लेकर रहना होगा. ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें भी चकाचक हैं. ऐसे में किसी को आने जाने में परेशानी नहीं होगी.

गांव में ही होगी तैनाती, शहरों में पोस्टिंग का छोड़ दें ख्याल- बोले के के पाठक

के के पाठक ने ट्रेनिंग सेंटर में नवचयनीत शिक्षकों को कहा कि आप यदि गांव में नहीं रह सकते हैं तो प्रशिक्षण में भी समय बर्बाद करने की जरूरत नहीं है. ऐसे लोग अभी यहां से चले जाएं. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि शहर में पोस्टिंग की कोई गुंजाइश नहीं है. आपको गांव के ही स्कूलों में सेवा देनी है.

बिना कॉपी जांचे की मार्किंग को होगी कार्रवाई

वहीं अपर मुख्य सचिव ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को कहा कि कई जगह से यह शिकायत मिली है कि सेंटअप टेस्ट में बिना कॉपियों की जांच किए ही मार्किंग कर दी गई है. ऐसे में सभी डीइओ प्रधानाध्यापकों से यह लिखित रूप में लें कि उन्होंने कॉपियों की जांच कराई है. इसके बाद रैंडम किसी भी स्कूल के कॉपी का सत्यापन कराएं. यदि इस दौरान बिना कॉपी जांच कराए यदि नंबर दिया गया हो तो संबंधित प्रधानाध्यापक के खिलाफ कठोर कार्रवाई करें. उन्होंने मैट्रिक और इंटर की प्रायोगिक परीक्षा को लेकर भी सख्त निर्देश दिया. कहा कि इसमें भी जिला स्तर पर पदाधिकारी लगातार भ्रमण कर यह सुनिश्चित करें कि प्रायोगिक परीक्षा नियमानुसार संचालित कराइ जाए.

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