KK Pathak News: बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक का खौफ लगातार कायम है. बिहार की शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए के के पाठक तब से ही एक्शन मोड में आ गए जब उन्होंने शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव का पदभार संभाला.के के पाठक लगातार प्रदेश के स्कूलों का निरीक्षण कर रहे हैं. सरकारी स्कूलों में गैरहाजिर रहने वाले बच्चों के नाम ताबड़तोड़ काटे गए. वहीं स्कूल में शिक्षकों की उपस्थिति को उन्होंने बेहद गंभीरता से लिया है. वहीं अब उनके एक नए फरमान ने शिक्षकों की ही नहीं बल्कि जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी अलर्ट मोड पर ला दिया है.
के के पाठक नाम का हड़कंप इस कदर है कि अगर एक जिले में उनके आगमन की सूचना मिले तो आसपास के कई जिले अलर्ट हो जाते हैं. इन दिनों स्कूलों में शिक्षक बिल्कुल समय पर पहुंचने लगे हैं. शिक्षा विभाग ने कई नियमों को सख्त कर दिया है.मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, के के पाठक ने सभी डीइओ के साथ वीडियो कॉंफ्रेंसिंग की थी. इसमें निर्देश दिया गया कि डीईओ हर दिन एक स्कूल का जायजा लेंगे और शाम में इसकी रिपोर्ट शिक्षा विभाग के अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होने वाली बैठक में देंगे.
अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने सभी डीईओ को निर्देश दिया है कि वो 15 दिनों में किन 15 स्कूलों का निरीक्षण करेंगे, उसकी लिस्ट भेजें. इसके बाद उक्त स्कूल में छात्रों की उपस्थिति, नामांकन, साफ-सफाई, लाइब्रेरी, स्मार्ट क्लासेज वगैरह की व्यवस्था का जायजा लें और उसकी रिपोर्ट भेजें. बताते चलें कि के के पाठक जिस जिले में सक्रिय रहते हैं उस जिले में पूरे दिश शिक्षा विभाग अलर्ट मोड पर रहता है. अब डीईओ को एक्टिव करने के पीछे भी उनकी कुछ ऐसी ही मंशा होगी कि अगर पदाधिकारी स्कूलों का जायजा लेते रहेंगे तो उनके उपस्थित होने की जानकारी से व्यवस्था में कोई लापरवाही नहीं की जाएगी. साथ ही जिन स्कूलों का निरीक्षण जिला शिक्षा पदाधिकारी करेंगे, एक सप्ताह के बाद उसकी साप्ताहिक रिपोर्ट भी विभाग को भेजी जाएगी. इसके पीछे की वजह यह है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों को यह पता चल सकेगा कि डीइओ के निरीक्षण के बाद स्कूल की स्थिति में क्या बदलाव आया.
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बता दें कि अपर मुख्य सचिव के के पाठक की सख्ती का असर बिहार के सरकारी स्कूलों में साफ दिखने लगा है. शिक्षक से लेकर स्टूडेंट तक अलर्ट मोड पर रहने लगे हैं. स्कूलों में शिक्षकों की ड्यूटी अब सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक कर दी गयी है. शिक्षा विभाग की ओर से इसे लेकर आदेश जारी किया गया है. वहीं स्कूल में लगातार गैरहाजिर रहने वाले स्टूडेंट के नाम भी धड़ल्ले से काटे जा रहे हैं. जबकि थोड़ी भी लापरवाही बरतने पर प्रधानाध्यापक पर गाज फौरन गिर रही है. कई हेडमास्टरों के वेतन रोके जा चुके हैं तो कई शिक्षक निलंबित किए गए हैं. वहीं बीपीएससी के जरिए परीक्षा देकर नियुक्त हुए नए शिक्षकों को भी अब स्कूल आवंटित कर दिया गया है. सूदूर गांव में इन शिक्षकों की तैनाती की गयी है. के के पाठक इन शिक्षकों के लिए आवास समेत कई अन्य सुविधआों के लिए लगे हुए हैं. अपर मुख्य सचिव का साफ कहना है कि गरीब के बच्चों को कलेक्टर बनाने के लिए सबों को लगना होगा. शिक्षकों को हर हाल में ईमानदारी से पढ़ाना होगा और इसमें कोई लापरवाही नहीं बरती जाएगी.