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बिहार: के के पाठक का नया फरमान, शिक्षक और शिक्षा पदाधिकारी नहीं करेंगे BPSC का ये काम, जानिए निर्देश..

बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा के सफल आयोजन के बाद अब शिक्षक परीक्षार्थियों के दस्तावेज सत्यापन का काम चल रहा है. इस बीच शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने नया फरमान जारी करते हुए शिक्षकों और शिक्षा पदाधिकारियों को इससे दूर रहने का निर्देश दिया है.

Bpsc teacher document verification: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक (KK Pathak) अब बीपीएससी से नाराज हुए हैं. शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन का काम इन दिनों चल रहा है. अपर मुख्य सचिव ने शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों और शिक्षकों को इस सत्यापन काम से दूर रहने का निर्देश दिया है.

बीपीएससी के लिए दस्तावेजों का सत्यापन नहीं करेंगे शिक्षक व पदाधिकारी

सूत्रों के मुताबिक अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया है कि शिक्षा विभाग के पदाधिकारी और शिक्षक बीपीएससी के लिए दस्तावेजों का सत्यापन नहीं करेंगे. उन्हें अपने मूल काम पर वापस लाया जायेगा. इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने बीपीएससी के सचिव को पत्र लिखा है. दरअसल अधिकारियों ने बताया कि शिक्षकों के सत्यापन कार्य में लगने से असुविधा हो रही है. इस पर उन्होंने अपना रुख साफ किया. कन्हैया लाल श्रीवास्तव ने बीपीएससी के सचिव को बताया है की शिक्षक अभ्यर्थियों के दस्तावेजों के सत्यापन में शिक्षको और शिक्षा पदाधिकारियों को नहीं लगाया जा सकता है.

शिक्षा विभाग का सचिवालय नहीं रहेगा बंद..

वहीं इस बीच एक और फैसला लिया गया और इसके तहत शिक्षा विभाग का सचिवालय छह सितंबर को खुला रहेगा. सचिवालय के अलावा सभी सभी डीइओ और बीइओ ऑफिस भी खुले रहेंगे. स्कूलों को बंद रखा गया है. सचिवालय खुलने से जुड़े दिशा निर्देश मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दिये गये हैं. इसमें शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों से कहा है कि वह कार्यालय में आकर काम निबटाएं.

डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का कार्य जारी, लगी विशेष ड्यूटी

बिहार लोक सेवा आयोग की शिक्षक नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा के अंतर्गत मंगलवार को दूसरे दिन डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का कार्य चला. बीपीएससी पूरी तैयारी के साथ यह कार्य करवा रही है. विद्यालय अध्यापकों की नियुक्ति के लिए चल रहे प्रमाण पत्र सत्यापन कार्य में सहयोग के लिए क्षेत्रीय कार्यालयों में तैनात 10 अभियोजन पदाधिकारियों की बीपीएससी में तैनाती की गयी है. उनकी तैनाती छह से 21 सितंबर के लिए होगी. गृह विभाग के अभियोजन निदेशालय ने आदेश जारी कर दिया है. वहीं अब शिक्षकों और शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों की सेवा इस कार्य के लिए लेने का विरोध सामने आ चुका है. जिससे बीपीएससी की परेशानी बढ़ सकती है.

शिक्षक अभ्यर्थियों का दस्तावेज सत्यापन

पटना में मंगलवार को 1550 शिक्षक अभ्यर्थियों ने डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कराया. मंगलवार को दूसरे दिन कंप्यूटर साइंस के अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन किया गया. वहीं मुजफ्फरपुर में कंप्यूटर साइंस के 467 अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट का सत्यापन हुआ. बीपीएससी की ओर से आयोजित शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में शामिल उच्च माध्यमिक के अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन मंगलवार को शांतिपूर्ण माहौल में हुआ. मुजफ्फरपुर में पहले दिन की अफरा-तफरी और अव्यवस्था से सबक लेकर दूसरे दिन काउंटर की संख्या भी बढ़ा दी गयी थी. साथ ही अभ्यर्थियों को टोकेन भी दिया जा रहा था. कंप्यूटर साइंस के कुल 800 अभ्यर्थियों में 467 के डॉक्युमेंट का वेरिफिकेशन हुआ. वहीं, शेष अभ्यर्थियों के लिए 13 सितंबर की तिथि संभावित है. अधिकारियों का कहना है कि सात सितंबर को तिथि निर्धारित थी, लेकिन अब उस दिन अवकाश घोषित हो गया है. कहा गया कि तिथि निर्धारित होने के बाद अभ्यर्थियों को सूचना भेज दी जायेगी.

दस्तावेज सत्यापन कार्य में लगे हैं डीइओ व डीपीओ भी..

दस्तावेज सत्यापन कार्य में डीइओ, डीपीओ समेत अन्य अधिकारी पूरी मुस्तैदी के साथ तैनात दिखे हैं. वहीं अब शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक का निर्देश है कि शिक्षक और शिक्षा पदाधिकारी इस कार्य में अपना योगदान नहीं देंगे. के के पाठक ने कहा है कि बीपीएससी अपने स्तर से ये काम करवाए.

के के पाठक के फरमान सुर्खियों में

बता दें कि के के पाठक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव हैं और अपने सख्त फैसले के लिए जाने-जाते हैं. के के पाठक ने शिक्षकों की उपस्थिति को गंभीरता से लिया है और अन्य कार्यों से शिक्षकों को दूर रखकर अध्यापन कार्य पर फोकस करवाने के लिए कई अहम निर्देश अबतक जारी किए हैं. इन दिनों शिक्षकों की छुट्टियों को लेकर भी के के पाठक सुर्खियों में रहे हैं. शिक्षा विभाग ने पिछले दिनों रक्षाबंधन की स्वीकृत छुट्टी को भी रद्द कर दिया था. जो विवादों में घिरा. वहीं जब स्वीकृत छुट्टियों को कैंसिल नहीं किए जाने का नया फरमान निकला तो के के पाठक इससे भी नाराज दिखे और इसका विरोध प्रकट किया है.

के के पाठक पर राज्यपाल बरसे..

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर तक के के पाठक पर बरस चुके हैं. मंगलवार को पटना विवि के व्हीलर सीनेट हाल में आयोजित शिक्षक दिवस समारोह में बिना नाम लिये शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर राज्यपाल खूब बरसे. राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा विभाग के सचिव को इतना साहस कहां से आया कि वह विश्वविद्यालय के कुलाधिपति को ऑटोनॉमी के बारे में पत्र लिखे, इस पर सोचने की जरूरत है.

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