बिहार लोक सेवा आयोग की तरफ से चयनित 1,20,336 विद्यालय प्राध्यापकों में से 1,10,000 शिक्षकों को ही औपबंधिक (प्रोविजनल) नियुक्ति पत्र दिये जायेंगे. इसके बाद शिक्षकों की आवासीय ट्रेनिंग शुरू की जायेगी. यह जानकारी शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने राज्य के सभी जिला पदाधिकारियों को दी है. उन्होंने जिला पदाधिकारियों को बताया है कि कई महीने तक आपके जिले में स्थित संस्थानों में आवासीय प्रशिक्षण चलता रहेगा. अपर मुख्य सचिव पाठक ने जिला पदाधिकारियों से आग्रह किया है कि इंडक्शन ट्रेनिंग की मॉनीटरिंग करें और जिले के वरीय पदाधकारियों से ट्रेनिंग सेंटर्स का निरीक्षण भी कराएं.
केके पाठक ने जिला पदाधिकारियों को दिया निर्देश
अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने जिला पदाधिकारियों से कहा है कि आप लोग स्वयं, विकास आयुक्त अथवा अनुमंडलीय पदाधिकारियों को प्रशिक्षण संस्थाओं का निरीक्षण कराएं. उन्होंने कहा है कि पता लगायें कि जिन विद्यालय अध्यापकों की जो संख्या बतायी जा रही है, उस अनुसार विद्यालय अध्यापक प्रशिक्षण संस्थान में उपस्थित हो रहे हैं या नहीं. कितने विद्यालय अध्यापक प्रशिक्षण से गायब हैं? इन शैक्षणिक संस्थानों के टीचिंग फैकल्टी आ रही है या नहीं? वरीय पदाधिकारियों को चाहिए कि वह विद्यालय अध्यापकों को शैक्षणिक व्यवस्था के बारे में संबोधित करें.
77 संस्थानों में होगा प्रशिक्षण
अपर मुख्य सचिव के के पाठक की तरफ से जारी पत्र में बताया गया है कि चार नवंबर से 77 प्रशिक्षण संस्थानों एससीइआरटी /डीआइइटी / सीटीइ/ पीटीसीइ में प्रारंभ की जायेगी. वर्तमान में अभी 23 हजार विद्यालय अध्यापकों की पूर्णतया आवासीय प्रशिक्षण चल रहा है.
एक लाख दस हजार शिक्षक दे चुके हैं योगदान
दरअसल शिक्षा विभाग की मंशा है कि चयनित विद्यालय अध्यापकों का आवासीय प्रशिक्षण गंभीरता से कराया जाये. इसके लिए जरूरी है कि चयनित प्रशिक्षणार्थी अध्यापक और प्रशिक्षण देने वाले अध्यापकों पर निगरानी रखी जाये. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक एक लाख दस हजार विद्यालय अध्यापक काउंसिलिंग के बाद जिलों में अपना योगदान दे चुके हैं.
अध्यापकों की नियुक्ति के लिए सॉफ्टवेयर तैयार
1.20 लाख विद्यालय अध्यापकों की नियुक्ति के लिए सॉफ्टवेयर तैयार है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक उसमें अध्यापकों, स्कूलों और बच्चों के जरूरी आंकड़े फीड करने की तैयारी की जा रही है. दो नवंबर के बाद शिक्षक को स्कूल आवंटन के संदर्भ में जरूरी कदम उठाये जायेंगे. हालांकि पूरी तरह स्कूल आवंटन की प्रक्रिया अगले दो-ढाई महीने तक चल सकती है. क्योंकि आवासीय प्रशिक्षण लंबा खिंचेगा. हालांकि यह साफ कर दिया गया है कि बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित नवागत शिक्षकों की नियुक्तियां पूरी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में ही की जायेंगी.
जहां एक भी शिक्षक नहीं ,वहां सबसे पहले होगी नियुक्ति
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सॉफ्टवेयर के जरिये जरूरी हुआ तो 31 अक्तूबर तक आवासीय प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके 23 हजार विद्यालय अध्यापकों को स्कूलों में पदस्थ किया जा सकता है. हालांकि इस बारे में आधिकारिक निर्णय नवंबर के प्रथम सप्ताह में ही लिया जायेगा. फिलहाल विद्यालय अध्यापकों की नियुक्ति का क्राइटेरिया निर्धारित करने की माथा-पच्ची चल रही है. विभागीय जानकार बताते हैं कि सबसे पहले उन स्कूलों में अध्यापकों को भेजा जायेगा, जहां अभी एक भी शिक्षक नहीं है.
ग्रामीण क्षेत्रों में पहले होगी नियुक्ति
शिक्षा विभाग की रणनीति है कि जिन स्कूलों सबसे अधिक रिक्तियां हैं, वहां पहले योगदान दिलाया जाये. रिक्तियों को भरने की कवायद सबसे पहले ग्रामीण क्षेत्रों के दूर दराज के गांवों / पंचायतों के स्कूलों से शुरू की जायेगी. पूरी तैयारी है कि शहरी क्षेत्रों को पहले चरण की नियुक्ति प्रोसेस से बाहर किया जाये.शिक्षा विभाग राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों से ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों की सूची मांगी है.