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केके पाठक ने न इस्तीफा दिया, न ट्रांसफर हुआ, फिर भी क्यों मचा है हंगामा? जानिए वायरल लेटर का सच

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने अपने पद (अपर मुख्य सचिव ) के प्रभार से परित्याग कर दिया है. पाठक ने इसे बात की सूचना राज्य के मुख्य सचिव , विकास आयुक्त , मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव , सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी को अवगत करा दिया है.

By Anand Shekhar | January 11, 2024 7:52 PM
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बिहार के चर्चित आईएएस अधिकारी और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक (KK Pathak) ने अपने पद (अपर मुख्य सचिव ) से इस्तीफा दे दिया है, ऐसी चर्चा चल रही है. स्वास्थ्य कारणों से पाठक 8 जनवरी से छुट्टी पर हैं, तभी से केके पाठक को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. कोई उनके इस्तीफे की बात कर रहा है तो कोई कह रहा है कि उनका ट्रांसफर होने वाला है. इस बीच गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हो गया, जिसके बाद उनके इस्तीफे की चर्चा ने और जोर पकड़ लिया है. अब जानिए इस चिट्ठी में कितनी सच्चाई है और ये अटकलें कैसे शुरू हुईं.

क्या लिखा है चिट्ठी में…

वायरल लेटर के ऊपर शेड्यूल नंबर 53 और फॉर्म नंबर 202 लिखा हुआ है. इसके बाद पत्र में लिखा है कि मैं अधोहस्ताक्षरकर्ता, केके पाठक, भा. प्र. से. (1990), सामान्य प्रशासन विभाग, बिहार पटना के अधिसूचना संख्या – 1 / पी-1004 / 2021 / सा०प्र० – 590, दिनांक – 9.1.2024 के आलोक में आज दिनांक 9.1.2024 के अपराह्न में अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग, बिहार पटना के पद का प्रभार स्वतः परित्याग करता हूं. इसके बाद पत्र के नीचे कार्यमुक्त अधिकारी के रूप में केके पाठक के हस्ताक्षर किया गया है.

‘परित्याग’ से शुरू हुई इस्तीफे की अटकलें

केके पाठक ने इस बात की प्रतिलिपि राज्य के मुख्य सचिव , विकास आयुक्त , मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव , सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी को अवगत करा दिया है. इस चिट्ठी में इस्तेमाल किए गए शब्द परित्याग को कई लोगों ने इस्तीफा समझ लिया और फिर शुरू हो गई केके पाठक के इस्तीफे की खबर.

पाठक ने अपनी तरफ से दिये प्रभार प्रतिवेदन में साफ कर दिया है कि उन्होंने अपने पद के प्रभार का परित्याग नौ जनवरी को सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से जारी अधिसूचना के आलोक में किया है.

स्वास्थ्य कारणों से छुट्टी पर हैं केके पाठक

आपको बता दें कि 1990 बैच के आईएएस अधिकारी केके पाठक स्वास्थ्य कारणों से 8 जनवरी से 16 जनवरी तक छुट्टी पर हैं. उनकी अनुपस्थिति में सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग की विशेष सचिव रचना पाटिल के हस्ताक्षर से अधिसूचना जारी की गयी. इसमें शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का प्रभार शिक्षा सचिव वैद्यनाथ यादव को सौंप दिया गया. यादव को यह प्रभार 8 जनवरी से 16 जनवरी तक की अवकाश अवधि के लिए दिया गया है.

वायरल हुई चिट्ठी

गौरतलब है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी केके पाठक इन दिनों अर्जित अवकाश (Earned Leave) पर हैं. उनके छुट्टी पर जाने को लेकर कई तरह की अटकलें चल रही हैं. इसी बीच केके पाठक के पद से परित्याग की चिट्ठी वायरल हुई और उनके द्वारा इस्तीफा दिए जाने की बात की हर तरफ चर्चा होने लगी.

क्यों भरा जाता है फॉर्म 202

बता दें बिहार सरकार द्वारा अधिकारियों के कामकाज के लिए बनाई गई संहिता की अनुसूची संख्या 53 के तहत महत्वपूर्ण पद पर तैनात अधिकारी को लंबी छुट्टी पर जाने से पहले फॉर्म नंबर 202 भरना होता है. फॉर्म 202 भरने का मतलब है कि अधिकारी ने छुट्टी की अवधि के तक के लिए पद छोड़ दिया है. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि छुट्टी की अवधि के दौरान उनके पद के स्तर पर लिए जाने वाले निर्णय बिना किसी बाधा के लिए जा सकें.

केके पाठक ने क्यों किया परित्याग

दरअसल, केके पाठक जब भी छुट्टी पर जाते थे तो वैद्यनाथ यादव को अतिरिक्त प्रभार में विभाग के रूटीन कार्य निबटाने की जिम्मेवारी दी जाती थी, वो अपर मुख्य सचिव पद के स्तर से लिए जाने वाले नीतिगत फैसले नहीं ले सकते थे. लेकिन इस बार केके पाठक 16 जनवरी तक स्वास्थ्य कारणों से लंबी छुट्टी पर गए हैं. ऐसे में उनके पद के स्तर से लिए जाने वाले नीतिगत फैसले वैधनाथ यादव भी ले सकें, इसलिए उन्होंने पद से परित्याग किया.

क्यों जरूरी था परित्याग

ऐसा इसलिए भी जरूरी था कि 13 जनवरी को दूसरे चरण में नियुक्त करीब सवा लाख शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया जाना है. ऐसे में कई ऐसे कार्य होंगे जो अपर मुख्य सचिव पद के स्तर से किए जाने होंगे. लेकिन केके पाठक के अवकाश पर होने की वजह से यह कार्य नहीं किए जा सकते थे. ऐसे में केके पाठक ने पद का परित्याग किया और वैद्यनाथ यादव को इसका प्रभार सौंपा गया. अब केके पाठक 16 जनवरी या फिर जब भी छुट्टी से वापस लौटेंगे तो पद संभालने का एक प्रपत्र भर कर वापस कार्य शुरू करेंगे.

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