बिहार: के के पाठक ने चाहा और बदली जाने लगी स्कूलों की सूरत, नए शौचालय व कई कामों के लिए करोड़ों रुपए हुए जारी

KK Pathak News: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने सरकारी स्कूलों की तस्वीर बदलने का प्रयास किया है. उसे सरकार की ओर से बल मिला है. स्कूलों में शौचालय निर्माण व अन्य कामों के लिए करोड़ों रुपए जारी किए गए हैं.

By ThakurShaktilochan Sandilya | January 13, 2024 11:50 AM

Bihar School News: बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पद की कमान नीतीश सरकार ने सख्त मिजाजी आइएएस अधिकारी के के पाठक (KK Pathak News) को सौंपी है. के के पाठक ने जब से इस पद की कमान थामी तब से ही वो एक्टिव हो गए. उन्होंने स्कूलों की सूरत बदलने का जो प्रयास किया है वो अब रंग लाता दिख रहा है. के के पाठक को स्कूल परिसर में जर्जर भवन नहीं चाहिए और इससे जमींदोज करने का काम भी शुरू हो चुका है. कंप्यूटर की महत्ता को जानते हुए उन्होंने इस दिशा में जो प्रयास स्कूलों के लिए किए वो भी अब सामने दिखने लगा है. वहीं स्कूलों का निरीक्षण करने के दौरान के के पाठक विद्यालय परिसर में शौचालय की साफ-सफाई खुद जाकर देखते हैं. अब स्कूलों में शौचालय के निर्माण को लेकर भी फंड जारी किया जा रहा है.

पटना के 300 स्कूलों में बनेंगे शौचालय व हेडमास्टर रूम

शिक्षा विभाग की ओर से वित्तीय वर्ष 2023-24 में पटना जिले के 300 प्रारंभिक व माध्यमिक स्कूलों में शौचालय व हेडमास्टर रूम का निर्माण किया जायेगा. इसके अलावा स्कूल का जीर्णोद्धार भी किया जायेगा. जिले के प्रारंभिक और माध्यमिक विद्यालयों में पहले फेज में शौचालय और बोरिंग कनेक्शन के लिए 96 स्कूलों का चयन किया गया है. जिले के विभिन्न प्रखंडों के चयनित किये गये स्कूलों में नये शौचालय, पुराने शौचालय का निर्माण और बोरिंग कनेक्शन दिया जाना है. इसके लिए आवश्यकता अनुसार विभिन्न स्कूलों को ढाई से साढ़े तीन लाख रुपये आवंटित किये गये हैं.

पटना में निर्माण कार्य के लिए 11 करोड़ रुपये आवंटित

पटना में जिला अभियंत्रण कोषांग की ओर से चयनित 96 स्कूलों में कुल दो करोड़ 80 लाख रुपये की लागत से निर्माण कार्य किया जाना है. कोषांग के निर्देशानुसार सभी चयनित स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को संवेदक चिह्नित कर निर्धारित समय पर कार्य पूरा कराने का निर्देश दिया है. स्कूलों में निर्माण कार्य एक महीने में पूरा करना अनिवार्य है. इसके अलावा दूसरे फेज में जिले के बाकी बचे 204 स्कूलों में भी शौचालय, बोरिंग कनेक्शन और जीर्णोद्धार कार्य किया जायेगा. जिले से चयनित किये गये 300 स्कूलों में निर्माण कार्य के लिए 11 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गयी है.

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बेंच डेस्क की खरीद पर जोर, स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए मिले 900 करोड़

बता दें कि शिक्षा विभाग की ओर से सरकारी स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए चालू वित्तिय वर्ष में करीब 900 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं. वार्षिक बजट के प्रावधान से यह अतिरिक्त है. के के पाठक जब स्कूलों का दौरा करते हैं तो बेंच-डेस्क की उपलब्धता पर उनका सख्त निर्देश रहता है. इस बजट में 200 करोड़ से अधिक की राशि केवल बैंच और डेस्क की खरीद के लिए तय की गयी है. 140 करोड‍़ रुपए इसके लिए जारी भी कर दिए गए हैं. अगले वित्तिय वर्ष 2024-25 में 1000 करोड‍़ रुपए से भी अधिक राशि इसपर खर्च करने की योजना है. ताकि सरकारी स्कूलों में बच्चों को जमीन पर बैठने की नौबत नहीं आए. सरकारी स्कूलों के बच्चों को प्राइवेट स्कूल में दी जा रही सुविधाएं मिले, के के पाठक इसी प्रयास में हमेसा दिखे हैं.

स्कूल के जर्जर भवन तोड़े जा रहे..

बिहार के स्कूल परिसरों में जर्जर भवनों को जमींदोज किया जा रहा है. अपर मुख्य सचिव के के पाठक इसे लेकर विशेष निर्देश दे चुके हैं. भागलपुर जिले में स्कूल परिसर में जर्जर भवनाें को तोड़ने का काम शुरू भी कर दिया गया है. जिला स्कूल परिसर से जर्जर भवनों को ध्वस्त करने का काम पिछले दिनों शुरू किया गया. इन भवनों को तोड़कर उस जगह पर गेस्ट हाउस, हॉस्टल समेत अन्य निर्माण कार्य शुरू किए जाएंगे. इसे लेकर पूरी योजना तय की गयी है. जिससे सरकारी स्कूलों की सूरत बदली जा सके.

सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर लैब बनने लगे..

के के पाठक चाहते हैं कि सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को कंप्यूटर की पूरी जानकारी हो. उन्होंने नालंदा में प्रशिक्षण ले रहे शिक्षकों को पिछले दिनों कहा कि आज का दौर डिजिटल हो गया है. इसलिए सभी को कंप्यूटर आना चाहिए, आप सभी कंप्यूटर की भी क्लास करें. अगले वर्ष तक सूबे के सभी मध्य विद्यालयों में कंप्यूटर पहुंच जाएगा. वहीं पिछले दिनों लखीसराय के प्लस टू कृत्यानंद मध्य विद्यालय मलयपुर में कंप्यूटर लैब का उद्घाटन किया गया. डीइओ कपिलदेव तिवारी ने इस लैब का उद्घाटन किया. इस दौरान डीइओ ने कहा कि कंप्यूटर की शिक्षा भी अब छात्रों को मिलेगी. ताकि छात्रों में सूचना एवं संचार तकनीक में कौशल विकसित हो सके.

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