KK Pathak की शिकायत PMO तक पहुंची, बिहार में IMA ने की इमरजेंसी बैठक! थाने में भी दिया आवेदन
बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक और आइएमए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अजय कुमार के बीच इन दिनों विवाद छिड़ा हुआ है. के के पाठक के खिलाफ मामला थाने और पीएमओ तक पहुंचा है. जानिए क्या है पूरा विवाद..
बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक और आइएमए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अजय कुमार के बीच का विवाद थमता नहीं दिख रहा है. डॉ अजय कुमार ने के के पाठक के खिलाफ पटना के राजीवनगर थाने में आवेदन दिया है. इसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि केके पाठक ने अपने मोबाइल नंबर से कॉल कर दुर्व्यवहार किया है. अभद्र भाषा का प्रयोग किया है. उस दौरान डॉ अजय अपने परिवार के साथ केरल में थे. राजीवनगर थानाध्यक्ष रमन कुमार ने बताया कि आवेदन मिला है. जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी. वहीं डॉ अजय ने कहा कि अगर थाने में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी, तो कोर्ट से प्राथमिकी दर्ज करायेंगे.
आइएमए (बिहार शाखा) के साथ आपातकालीन बैठक
डॉ अजय कुमार ने बताया कि मामले का संज्ञान लेने के लिए बीते शनिवार को आइएमए (बिहार राज्य शाखा) के पदाधिकारियों की आपातकालीन बैठक की गयी है. बैठक में मौजूद सभी सदस्यों को घटना के बारे में बताया गया. दोषी अधिकारी के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए तत्काल जांच का अनुरोध किया गया. उन्होंने बताया कि उचित कार्रवाई के लिए पीएमओ के शिकायत कक्ष को भी एक पत्र भेजा गया है. बैठक में उपस्थित सदस्य मेरे साथ पूरी तरह एकजुट हैं. सभी ने सर्वसम्मति से केके पाठक द्वारा मुझ पर की गयी अभद्र भाषा की निंदा की है.
केके पाठक पर अपशब्द कहने का आरोप
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ अजय के आरोप के बाद शनिवार को एक बैठक बुलायी गयी. पटना के आइएमए हॉल में आयोजित बैठक का नेतृत्व आइएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ श्याम नारायण प्रसाद व पूर्व अध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने की. आइएमए के सदस्यों ने पाठक की ओर से डॉ अजय को कहे गये अपशब्द की निंदा की. पूर्व अध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने कहा कि शीर्ष पद पर बने रहने के बाद एक सम्मानित डॉक्टर को अपशब्द कहना गलत है. डॉ अजय ने कहा कि उनको पाठक की ओर से कहे गये अपशब्द का पूरा प्रूफ उनके पास है.
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माफी मांगने को लेकर भेजा गया था नोटिस
डॉ अजय कुमार द्वारा आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर केके पाठक ने अपने अधिवक्ता नरेश दीक्षित के माध्यम से उन्हें कानूनी नोटिस भेजा था. नोटिस में केके पाठक ने माफी मांगने के लिए कहा था. माफी नहीं मांगने की स्थिति में उन पर कानूनी कार्रवाई की बात भी कही गयी. जिसको लेकर डॉ अजय कुमार ने भी केके पाठक को कानूनी नोटिस भेजने की बात कही थी. डॉ अजय कहना है कि केके पाठक ने उन्हें अपशब्द कहा, क्योंकि एक चैनल को दिए साक्षात्कार में उनकी टिप्पणी से पाठक आहत हुए थे. डॉ अजय ने कहा कि उन्हें मोबाइल फोन पर उस वक्त अपशब्द कहा गया, जब वे परिवार के साथ राज्य के बाहर छुट्टी मना रहे थे. बता दें कि इससे जुड़ा एक अपुष्ट वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
कौन हैं के के पाठक?
के के पाठक बेहद सख्त मिजाज के आइएएस अधिकारी हैं. के के पाठक का पूरा नाम केशव कुमार पाठक है. उत्तर प्रदेश में जन्मे के के पाठक की पहली पोस्टिंग कटिहार जिले में हुई थी. जब बिहार और झारखंड एक था तब उन्होंने 1996 में पहली बार डीएम के रूप में गिरिडीह का कमान थामा था. वे बेगूसराय, शेखपुरा और बाढ़ में एसडीओ के पद पर भी रहे. राबड़ी देवी के शासनकाल में लालू यादव के गृह जिला गोपालगंज की जिम्मेवारी उन्हें मिली. एक अस्पताल का उद्घाटन उन्होंने तब एक सफाईकर्मी से करवाया था. इसे लेकर काफी सियासी घमासान मचा था. केके पाठक को सचिवालय बुला लिया गया था. नीतीश कुमार सत्ता में आए तो केके पाठक को कई अहम जिम्मेवारी सौंपी गयी. बिहार में शराबबंदी कानून लागू करने में के के पाठक की बड़ी भूमिका रही है. फेम इंडिया मैगजीन में 50 असरदार ब्यूरोक्रेट्स की सूची में भी शामिल हो चुके हैं.
के के पाठक जब बैठक में ही अधिकारी पर हुए आग बबूला
के के पाठक का विवादों से भी पुराना नाता रहा है. कुछ विवादों का जिक्र ऊपर आपने पढ़ा. जबकि हाल फिलहाल की बात करें तो सोशल मीडिया पर पिछले ही साल के के पाठक का एक वीडियो वायरल हुआ था. एक विभागीय बैठक में के के पाठक गुस्से से आगबबूला दिख रहे थे. उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हो रही बैठक में मौजूद अधिकारियों के खिलाफ जमकर अपशब्द कहे. तब मद्य निषेध आबकारी और निबंधन विभाग के प्रधान सचिव पद पर के के पाठक थे. वहीं शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव बनने के बाद के के पाठक शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर से ही टकरा गए थे. जिसके बाद खुद सीएम नीतीश कुमार ने दोनाें को बुलाकर मामले को शांत कराया था. इन दिनों के के पाठक सरकारी स्कूलों की व्यवस्था को सुधारने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं और उनके कामों की तारीफ भी हो रही है.