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बिहार के स्कूलों में मिशन दक्ष की शुरुआत, जानिए इसको लेकर केके पाठक का क्या है आदेश

‍Bihar News: बिहार के स्कूलों में मिशन दक्ष की शुरूआत होने जा रही है. इसमें कमजोर बच्चों को अलग से पढ़ाया जाएगा और इनकी अलग से परीक्षा भी ली जाएगी. इसको लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने आदेश जारी किया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 30, 2023 1:00 PM

‍Bihar News: बिहार के स्कूलों में मिशन दक्ष का आगाज हो रहा है. इसमें कमजोर बच्चों को अलग से शिक्षा दी जाएगी और इनकी अलग से परीक्षा भी ली जाएगी. बिहार में लाखों बच्चों के लिए अलग से कक्षा का संचालन किया जाएगा. इन छात्र व छात्राओं का अलग से एग्जाम भी होगा. साथ ही इनके परीक्षा कैलेंडर को भी जारी किया गया है. दिसंबर से दक्ष क्लास का आयोजन होने जा रहा है. विशेष कक्षा में पढ़ाई करके यह परीक्षा को पास करेंगे. इस योजना के तहत स्कूलों के कमजोर बच्चों की सूची को तैयार किया गया था. प्रत्येक क्लास से पांच बच्चों को चयनित किया गया था. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी श्याम नंदन की ओर से एक दिसंबर से इन बच्चों के लिए कक्षा के संचालन का आदेश है. विशेष कक्षा का संचालन बच्चों की छुट्टी के बाद होगा.


प्रधानाध्यापक के ऊपर हो सकती है कार्रवाई

यह विशेष कक्षा स्कूल में छुट्टी होने के बाद प्रतिदिन 3:30 से 4:15 तक चलेगी. इसमें वैसे बच्चे शामिल होंगे जो हिंदी का किताब ठीक से पढ़ नहीं सकते हैं. वहीं, गणित के वह बच्चे जिन्हें अंक पहचानने में परेशानी आती है. उन्हें भी इसमें शामिल किया जाएगा. इन बच्चों को 15 मार्च, 2024 तक पढ़ने में अच्छा बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. वहीं, अगर यह बच्चे अगर परीक्षा में सफल नहीं हो पाते है तो प्रधानाध्यापक के ऊपर कार्रवाई भी की जाएगी. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने भी इसको लेकर आदेश जारी किया था. मार्च के तीसरे सप्ताह में वार्षिक परीक्षा का आयोजन किया जाएगा. इस परीक्षा में इन बच्चों का पास होना आवश्यक है. यदि यह बच्चे कक्षा में असफल होते हैं, तो संबंधित शिक्षक या प्रधानाध्यापक पर कार्रवाई की जा सकती है.

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जिला पदाधिकारियों की अध्यक्षता में कमेटी का गठन

केके पाठक ने इसको लेकर सभी जिला पदाधिकारियों को पत्र लिखा था. दक्ष योजना के संचालन के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिए गए है. जिला पदाधिकारियों की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है. केके पाठन ने आदेश दिया है कि प्रत्येक शिक्षकों को अधिकतम पांच बच्चों को पढ़ाना होगा. शिक्षकों को कमजोर बच्चों को अडॉप्ट करना होगा. अपने कक्षा के स्तर से कम ज्ञान रखने वाले बच्चों को पढ़ाई में अव्वल बनाना होगा. इसमें माध्यमिक शिक्षकों की अहम भूमिका होने वाली है. शिक्षकों की दैनिक रूप से स्कूलों में हाजिरी भी लगाई जाएगी.

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