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बिहार के सरकारी स्कूलों में फेल होने वाले बच्चों की चलेगी दो महीने की विशेष कक्षा, जानिए शिक्षकों के लिए आदेश

‍Bihar News: बिहार में सरकारी स्कूलों में फेल होने वाले बच्चों की दो महीने की विशेष कक्षा का आयोजन किया जाएगा. इसको लेकर निर्देश जारी किया गया है. बच्चों के फायदे को देखने हुए यह फैसला लिया गया है.

‍Bihar News: बिहार में सरकारी स्कूलों में फेल होने वाले बच्चों के लिए विशेष कक्षाएं चलेंगी. इसको लेकर आदेश जारी किया गया है. कमजोर बच्चों के हित में यह फैसला लिया गया है. शिक्षा विभाग की ओर से निर्देश दिया गया है कि कक्षा पांच, आठ, नौ और 11 के बच्चों के लिए दो महीनों की विशेष कक्षाएं ली जाए. इनमें उन विद्यार्थियों को शामिल किया जाएगा, जो परीक्षा में फेल हो गए होंगे. ऐसे छात्र व छात्राओं की स्थिति को सुधारने के लिए विशेष कक्षा लेने का फैसला लिया गया है. इससे इन्हें लाभ मिलेगा. साथ ही यह जीवन में काफी अच्छा करेंगे. अधिक मेहनत करने पर छात्र परीक्षा में पास हो सकते हैं.

बच्चों का होगा साप्ताहिक टेस्ट

फेल होने वाले विद्यार्थी परीक्षा में पास हो जाए. इसके लिए शिक्षकों को भी मेहनत करना होगा. विभाग की ओर से आदेश दिया गया है कि शिक्षक कमजोर बच्चों की दो महीने की अतिरिक्त क्लास लेंगे. बच्चों के साथ ही शिक्षकों को भी मेहनत करनी होगी. इसके बाद ही बच्चों का भविष्य बनेगा. कक्षा लेने के बाद इन बच्चों का साप्ताहिक टेस्ट भी लिया जाएगा. मालूम हो कि कक्षा एक, दो, तीन, चार, छह व सात के सभी बच्चों को पास नहीं किया जाएगा. जबकि, इनकी परीक्षा के दौरान अन्य कक्षाएं नहीं ली जाएगी.

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जिला स्तर पर होगी बच्चों की परीक्षा

फेल करने वाले छात्र व छात्राओं की अलग से विशेष कक्षा चलेगी. इसके अलावा कमजोर बच्चों की अलग से परीक्षा भी ली जाएगी. विशेष कक्षा के संचालन में इनकी पढ़ाई का स्तर भी जांचा जाएगा. साप्ताहिक परीक्षा के माध्यम से यह जांच की जाएगी कि इन बच्चों को पढ़ाई से आखिर कितना फायदा पहुंचा है. शैक्षणिक सत्र 2023- 24 की वार्षिक परीक्षा 20 मार्च 2024 से 31 मार्च 2024 के बीच आयोजित होगी. वार्षिक परीक्षा के बाद अप्रैल महीने में गर्मी की छुट्टियां होगी. इसमें जिला स्तर पर क्लास में शामिल बच्चों की परीक्षा ली जायेगी. यह परीक्षा जिले के डायट, बायट, पीटीइसी और सीटीइ में रखी जायेगी.

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चयनित बच्चों को परीक्षा देना जरुरी

वहीं, अगर विशेष कक्षाओं की बात करें तो इसमें चयनित सभी बच्चों के लिए परीक्षा का देना अनिवार्य है. परीक्षा का प्रश्न पत्र तैयार करने की जिम्मेदारी भी संस्थानों को दी गयी है. परीक्षा में स्कूलों की ओर से चयनित सभी बच्चों को भाग लेना जरूरी है. स्कूलों में मिशन दक्ष का संचालन किया जा रहा है. इसमें पढ़ाई में बेहद कमजोर सरकारी स्कूलों के कक्षा तीन आठ तक के 25 लाख से अधिक बच्चों को पढ़ाने के लिए विशेष कक्षाओं का आयोजन होगा. यह कक्षाएं एक दिसंबर से रोजाना संचालित की जा रही है. विद्यालय की गतिविधि समाप्त होने के बाद अथवा भोजनावकाश के बाद दक्ष की विशेष कक्षा का आयोजन किया जा रहा है.

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शिक्षकों को बच्चों को कक्षा के विषय का ज्ञान देना जरुरी

दक्ष कक्षाओं को लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पाठक ने भी आदेश दिया था. कक्षा के संचालन के लिए जिला पदाधिकारियों की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गयी है. इसमें मिशन दक्ष के संचालन के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिये गये हैं. अपर मुख्य सचिव पाठक ने निर्देश दिया था कि प्रत्येक शिक्षक को अधिकतम पांच बच्चे पढ़ाने होंगे. इससे कम बच्चों को नहीं पढ़ाया है. शिक्षकों को इतने बच्चे एडोप्ट करने होंगे. इन शिक्षकों की जिम्मेदारी होगी कि बच्चों को उस कक्षा का स्तरीय ज्ञान दें. बच्चों को उस कक्षा का ज्ञान दिया जाएगा, जिसमें उनका नामांकन किया गया है. शिक्षकों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है.

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