16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार शिक्षा विभाग के कर्मियों और शिक्षकों के लिए केके पाठक का नया आदेश, शाम 5 बजे के बाद ही कर सकेंगे ये काम

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि शिक्षकों से चुनाव संबंधी कार्य शाम पांच बजे के बाद लिया जाये, क्योंकि चुनाव कार्य के लिए अतिरिक्त मानदेय दिया जाता है. इसलिए शिक्षक व कर्मियों से अतिरिक्त घंटे कार्य लिया जा सकता है.

बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने शिक्षा विभाग के कर्मचारियों व शिक्षकों के लिए एक नया आदेश जारी किया है. जिसके तहत स्कूल टाइम में शिक्षकेतर कर्मी, शिक्षकों व टोला सेवकों की ड्यूटी चुनाव कार्य के लिए नहीं लगाई जाएगी. इन सभी की ड्यूटी शाम पांच बजे के बाद लगायी जायेगी. इस संबंध में केके पाठक ने सभी जिलों के डीएम को एक पत्र लिख आदेश जारी किया है. जारी आदेश पत्र में कहा गया है कि आवश्यकता होने पर शिक्षा विभाग के कर्मचारियों व शिक्षकों को चुनावी ड्यूटी पर लगाया जा सकता है. हालांकि चुनाव कार्य के लिए किसी भी विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मियों की ड्यूटी सुबह 9:00 बजे से शाम के 5:00 बजे तक नहीं लगायी जायेगी, यानी किसी भी कीमत पर विद्यालय की पढ़ाई बाधित ना हो.

सुबह से 9 से 5 बजे तक नहीं लगाई जाए बच्चों की ड्यूटी

आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए केके पाठक द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि अक्सर यह देखा जाता रहा है कि शिक्षा विभाग के शिक्षकों, शिक्षकेतर कर्मियों व टोला सेवकों को चुनाव संबंधित कार्य यानी बीएलओ के कार्य में लगाया जा रहा है, साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि शिक्षा विभाग इस बात से भी पूरी तरह अवगत है कि बिना शिक्षा विभाग के कर्मियों के सहयोग के जिले में चुनाव का काम नहीं हो सकता है. इसलिए इस बात को ध्यान में रखते हुए आपसे शिक्षा विभाग यह अनुरोध करता है कि यदि आप शिक्षा विभाग के शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मी व टोला सेवकों की ड्यूटी चुनाव कार्य के लिए लगाते हैं, तो यह ध्यान दें कि चुनाव कार्य के लिए ड्यूटी शाम 5:00 बजे के बाद ही लगायी जाई.

5 बजे के बाद कराया जाए चुनाव संबंधी कार्य

इसके साथ ही जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि किसी भी शिक्षक, टोला सेवक व कर्मियों की ड्यूटी प्रात: 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक नहीं लगायी जाये, ताकि किसी भी हालत में विद्यालय की पढ़ाई बाधित ना हो सके. साथ ही आदेश में कहा गया है कि चुनाव संबंधी कार्य शाम 5:00 बजे के बाद लिया जाये, क्योंकि चुनाव कार्य के लिए अतिरिक्त मानदेय दिया जाता है. इसलिए शिक्षक व कर्मियों से अतिरिक्त घंटे कार्य लिया जा सकता है.

Also Read: बिहार के सरकारी स्कूलों में नियुक्त अतिथि शिक्षकों की बढ़ी टेंशन, जानिए शिक्षा विभाग का नया आदेश

केके पाठक ने क्यों जारी किया आदेश

दरअसल शिक्षा विभाग के कर्मियों और शिक्षकों की चुनाव कार्य के लिए अक्सर ड्यूटी लगाई जाती है. इस वजह से देखा गया है कि बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है, क्योंकी शिक्षक स्कूल की टाइमिंग में ही चुनावी कार्य निपटाते हैं. ऐसे में वो बच्चों को सही ढंग से पढ़ा नहीं पाते हैं. वहीं इससे पहले जब जाति आधारित गणना के लिए शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी, तो केके पाठक ने एक आदेश जारी कर कहा था कि शिक्षकों की ड्यूटी सिर्फ गणना के लिए लगाई जाए. इसके अलावा शिक्षकों से कोइ भी प्रशासनिक कार्य नहीं कराया जाए. साथ ही गैर शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों की ड्यूटी लगाने से पहले इस बात का ध्यान रखना भी जरूरी है कि बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं हो.

Also Read: BPSC TRE 2.0: दूसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा की बदली तारीख, अब इस दिन होगा एग्जाम, जानें क्यों हुआ बदलाव

243 विधानसभा क्षेत्रों में नियुक्त किये गये एइआइओ

गौरतलब है कि 2024 में लोकसभा चुनाव है, जिसको लेकर तैयारियां शुरू हो गई है. निर्वाचन आयोग मतदाता सूची अपडेट करने में लगा हुआ है. इसके साथ ही बीते दिनों निर्वाचन विभाग ने राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों में सहायक निर्वाचक निबंधक पदाधिकारियों (एइआरओ) की नियुक्ति की अधिसूचना जारी की है. इन पदाधिकारियों की जिम्मेदारी है कि मतदाता सूची की तैयारी में वह निर्वाचक निबंधक पदाधिकारी(आरइओ) का सहयोग करेंगे.

Also Read: नवनियुक्त शिक्षकों को केके पाठक की चेतावनी, कहा- नेता बनने का भूत उतार दें, नहीं तो कर दिये जायेंगे बर्खास्त

चलाया जा रहा पुनरीक्षण कार्यक्रम

मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में चलाया जा रहा है. इन पदाधिकारियों के मातहत ही सभी बूथ लेबल ऑफिसर काम करते हैं. निर्वाचन विभाग द्वारा की गयी गजट अधिसूचना में एइआरओ की जिम्मेदारी विभिन्न पदाधिकारियों को दी गयी है, जिनमें प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी और नगरपालिका क्षेत्रों में कार्यपालक पदाधिकारी शामिल हैं. मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद जब चुनाव की घोषणा होती है तो इन्हीं पदाधिकारियों को सहायक निर्वाचन पदाधिकारी के रूप में नामित किया जाता है. चुनाव में इन पदाधिकारियों को निर्वाचन पदाधिकारी (आरओ) को सहयोग करना होता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें