बिहार की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक लगातार प्रयास कर रहे हैं. राज्य में बड़े पैमाने पर बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से शिक्षकों की नियुक्ति भी की जा रही है. लेकिन इसके बावजूद कुछ ऐसे शिक्षक हैं, जिन्होंने विभिन्न वजहों से विद्यालय में विधिवत पढ़ाना शुरू नहीं किया है. ऐसे में अब प्रथम चरण के ऐसे विद्यालय अध्यापकों को शिक्षा विभाग की ओर से अल्टीमेटम जारी किया गया है. यह सख्त अल्टीमेटम सात दिनों के लिए है. इसके बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
भगोड़े शिक्षकों पर गिरने जा रही गाज
शिक्षा विभाग द्वारा जारी अल्टिमेटम में निलंबन से लेकर बर्खास्तगी और नियुक्तियां रद्द करने तक की कार्यवाही की जायेगी. इसमें सबसे बड़ी गाज भगोड़े शिक्षकों पर गिरने जा रही है. सख्त कार्यवाही की जद में आने वाले शिक्षकों की चार श्रेणियां शिक्षा विभाग ने चिन्हित की हैं. इस संदर्भ में माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को जारी किये हैं.
सात दिन के अंदर करना होगा योगदान
इसमें पहली श्रेणी के वे विद्यालय अध्यापक हैं, जिन्होंने औपबंधिक नियुक्ति पत्र ले लिये हैं, लेकिन विद्यालय पदस्थापन पत्र नहीं लिये हैं. माध्यमिक निदेशक ने निर्देश दिये हैं कि ऐसे शिक्षक अगर सात दिन के अंदर योगदान नहीं करते हैं तो यह माना जायेगा कि वे नियुक्ति के उपरांत कार्य करने के लिए इच्छुक नहीं है. इस आधार पर उनके संदर्भ में बीपीएससी की तरफ से की गयी उनकी अनुशंसा तथा औपबंधिक नियुक्ति पत्र को रद्द कर दिया जाये.
योगदान नहीं करने पर नियुक्ति पत्र को समाप्त करने की कार्रवाई
अगर सात दिन की समयावधि समाप्त हो जाने के बाद भी योगदान नहीं देते हैं तो उनकी नियुक्ति पत्र को समाप्त करने की कार्रवाई की जायेगी. इसी तरह का कठोर कदम उन विद्यालय अध्यापकों के खिलाफ उठाने के लिए कहा गया है, जिन्होंने नियुक्ति पत्र और विद्यालय पदस्थापन पत्र ले लिये, लेकिन विद्यालयों में योगदान नहीं दिये.
इन शिक्षकों पर नहीं चलेगी विभागीय कार्रवाई
इसके अलावा तीसरी श्रेणी के ऐसे विद्यालय अध्यापक, जिन्होंने नियुक्ति पत्र लिये. स्कूल में योगदान भी किया. हालांकि उनके योगदान की स्वीकृति कम्प्यूटर सिस्टम पर नहीं हुई . अब वे भगोड़ा हैं. निर्देश दिये हैं कि ऐसे भगोड़े शिक्षकों ने सात दिन के अंदर योगदान नहीं करते हैं तो उनकी नियुक्ति समाप्त करने के आदेश जारी कर दिये गये हैं. ऐसे भगोड़ा शिक्षकों पर विभागीय कार्रवाई चलाने की आवश्यकता नहीं है.
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इन शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस
इस अल्टीमेटम की जद में वैसे विद्यालय अध्यापक हैं, जिन्होंने नियुक्ति पत्र लिया. स्कूल में योगदान भी दिया. उनका योगदान कम्प्यूटर सिस्टम पर स्वीकृत भी हो चुका है. अब वे भगोड़ा बने हुए हैं. ऐसे शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किये जायें. संतोषजनक जवाब न मिले तो उन्हें विभागीय कार्यवाही करते हुए दो माह के अंदर बर्खास्त करने की कार्यवाही की जाये.
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