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मद्य निषेद विभाग लौटे केके पाठक, शराबबंदी की समीक्षा के बाद नीतीश कुमार का बड़ा कदम

कल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शराबबंदी को लेकर चली समीक्षा बैठक का असर दिखने लगा है. नीतीश कुमार ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस आये वरिष्ठ आईएएस अधिकारी केके पाठक को निबंधन उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग में अपर मुख्य सचिव की जिम्मेदारी दे दी है.

पटना. कल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शराबबंदी को लेकर चली समीक्षा बैठक का असर दिखने लगा है. नीतीश कुमार ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस आये वरिष्ठ आईएएस अधिकारी केके पाठक को निबंधन उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग में अपर मुख्य सचिव की जिम्मेदारी दे दी है.

शराबबंदी कानून के शुरुआती दिनों में भी केके पाठक को बड़ी जिम्मेदारी दी गयी थी. मुख्यमंत्री के इस निर्णय से शराब माफियाओं के बीच हड़कंप मच गया है. केके पाठक अपने कड़क मिजाज और ईमानदारी के कारण खासे चर्चे में रहते हैं.

अपने कार्यशैली के कारण उनकी नौकरशाही में अलग पहचान है. उनके इस विभाग में लौटने से शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू किये जाने की उम्मीद की जा रही है. नीतीश कुमार के शराबबंदी कानून को तैयार करने वाला असली हीरो यही केके पाठक है.

नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी की जिम्मेदारी उनके कंधों पर ही दी थी. उस वक़्त भी दिल्ली से वापस आने के साथ ही प्रधान सचिव उत्पाद बनाए गए. इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिलते ही केके पाठक ने शराबबंदी के लिए रात दिन एक करके ऐसा कानून तैयार कर दिया जो मिसाल बन गई.

उत्तर प्रदेश के मूल निवासी केके पाठक 1990 बैच के आइएएस अधिकारी है. अपने कॅरियर में उन्होंने शेखपुरा में राजो सिंह और अनंत सिंह के बड़े भाई दिलीप को जेल भेजने से लेकर कई नामी गिरामी विधायकों को जमीन पर लेकर खड़ा किया.

Posted by Ashish Jha

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