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बिहार के नियोजित शिक्षकों को केके पाठक की चेतावनी, सक्षमता परीक्षा का विरोध किया तो होगी कार्रवाई

सक्षमता परीक्षा के विरोध में प्रस्तावित धरना-प्रदर्शन में शामिल होने वाले शिक्षकों के खिलाफ शिक्षा विभाग कार्रवाई करेगा. शिक्षा विभाग ने इस संदर्भ में सभी जिला पदाधिकारियों को पत्र लिखा है.

By Anand Shekhar | February 5, 2024 9:43 PM
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बिहार में नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा देने के लिए आयोजित होने वाली सक्षमता परीक्षा को लेकर शिक्षा विभाग और शिक्षक संघ आमने-सामने हैं. शिक्षक संघ के बड़े आंदोलन के ऐलान के बाद अब शिक्षा विभाग ने भी नया आदेश जारी कर दिया है. केके पाठक के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि सक्षमता परीक्षा के विरोध में शामिल होने वाले शिक्षकों पर शिक्षा विभाग कार्रवाई करेगा.

सक्षमता परीक्षा का विरोध करने पर कार्रवाई

शिक्षा विभाग ने सभी जिला अधिकारियों को पत्र लिखकर सक्षमता परीक्षा का विरोध करने वाले शिक्षकों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188, धारा 187 और अन्य सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करने को कहा है. इसके अलावा, जिला अधिकारियों को विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले शिक्षकों की पहचान करने और विभागीय नियमों के तहत उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने के लिए कहा गया है.

विधानसभा के समक्ष धरना देने की घोषणा

जिला पदाधिकारियों को लिखे पत्र में उन्होंने स्पष्ट किया है कि विभिन्न माध्यमों से सूचना प्राप्त हुई है कि नियोजित शिक्षकों ने 13 फरवरी को सक्षमता परीक्षा का बहिष्कार कर विधानसभा के समक्ष धरना देने की घोषणा की है. चूंकि 13 फरवरी को स्कूल खुले रहेंगे. इसलिए ऐसी स्थिति में अगर शिक्षक स्कूल छोड़कर ऐसे विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि शिक्षण संस्थानों का शिक्षण कार्य बाधित हो रहा है.

धारा 141 के तहत कार्रवाई

जारी आदेश में जिला पदाधिकारियों से कहा गया है कि यदि आपके जिले में नियोजित शिक्षकों की तरफ से किसी भी प्रकार के धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम रखा जाता है तो उसे आइपीसी की धारा 141 के तहत उसे ‘अनलॉफुल असेंबली’ मानते हुए आवश्यकतानुसार कार्रवाई की जाये.

तीन बार फेल होने पर जाएगी नियोजित शिक्षक की नौकरी

उल्लेखनीय है कि नियोजित शिक्षकों ने सक्षमता परीक्षा का बहिष्कार करने की घोषणा की है. जबकि शिक्षा विभाग ने नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देते हुए विशिष्ट शिक्षक बनाने के लिए सक्षमता परीक्षा पास करने की बाध्यता रखी है. हालांकि शिक्षा विभाग ने इस सक्षमता परीक्षा को उत्तीर्ण करने के लिए नियोजित शिक्षकों को तीन विकल्प दिए हैं. अगर शिक्षक यह परीक्षा पास नहीं कर पाते हैं तो उन्हें सेवा मुक्त कर दिया जायेगा. तीन लाख से अधिक नियोजित शिक्षक इसका विरोध कर रहे हैं.

हाइकोर्ट में शिक्षक सक्षमता परीक्षा मामले में याचिका दायर

इधर, राज्य सरकार द्वारा स्थानीय निकाय शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा के लिए बनाये गये नियमावली को चुनौती देते हुए एक पटना हाइ कोर्ट में सोमवार को याचिका दायर की गयी है. याचिका वरीय अधिवक्ता योगेश चन्द्र वर्मा ने दायर की है . इस याचिका के माध्यम से बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली, 2023 के रूल 3 और 4 को अवैध, भेदभावपूर्ण, अनुचित और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन करार देने का आग्रह कोर्ट से किया गया है.

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परीक्षा पर रोक लगाने का किया गया आग्रह

याचिका के जरिये उक्त परीक्षा के लिए फॉर्म भरने पर रोक लगाने का आदेश देने का आग्रह करते हुए आगामी 26 फरवरी से होने जा रही परीक्षा पर रोक लगाने का भी आग्रह किया गया है. वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने बताया कि राज्य सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा उक्त आशय का नोटिफिकेशन 26 दिसबंर, 2023 को जारी किया है, जो कि बिहार गजट में भी प्रकाशित है, जिसमें कैडर बनाने और दक्षता परीक्षा की बात कही गई है. प्रत्येक शिक्षक को परीक्षा पास करने के लिए तीन प्रयास दिए जायेंगे.

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