एक अक्तूबर से दो लाख रुपये से अधिक कीमत वाले आभूषणों को राज्य के अंदर लाना या ले जाना आसान नहीं होगा. इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक बिल यानी इ-वे बिल (E way bill) अनिवार्य होगा. इस संबंध में वरीय चार्टर्ड अकाउंटेंट और जीएसटी विशेषज्ञ मशींद्र मशी ने बताया कि दो लाख रुपये से कम के आभूषणों के लिए इ-वे बिल अनिवार्य नहीं होगा. दो आभूषणों की कीमत दो लाख से अधिक है, तो सभी के लिए इ-वे बिल अनिवार्य होगा.
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने पहली बार सोने-चांदी जैसी कीमती धातुओं व रत्नों को इ-वे बिल के दायरे में ला दिया है. नया नियम ज्वेलर्स और कस्टमर दोनों पर लागू होगा. एक अक्तूबर से दो लाख रुपये से अधिक के आभूषण एक जगह से दूसरी जगह लेकर जायेंगे, तो उन्हें इ-वे बिल दिखाना होगा.
मशीं ने बताया कि केंद्रीय परोक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) ने स्पष्ट किया है अगर कोई ज्वेलर्स मरम्मत कराने के लिए आभूषणों को लेकर जा रहा है, तो उसे भी इ-वे बिल की जरूरत होगी. ज्वेलर्स चाहे निबंधित हो या गैर निबंधित, उन्हें दो लाख रुपये से ज्यादा के गहनों के लिए इ-वे बिल की जरूरत होगी. सीए मशींद्र मशीं ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से सोने और चांदी के गहने खरीदता है, तो इसके साथ विशेष नंबर जेनरेट किया जायेगा. इसके साथ ही इ-वे बिल भी जेनरेट होगा.