Bihar News : बैंक में रेकी करने पासबुक लेकर जाता था कोढ़ा गैंग का शातिर, गिरफ्तार आरोपी ने खोले कई राज

कोढ़ा गैंग के शातिर ने मुजफ्फरपुर में जिस व्यक्ति का 1.40 लाख रुपये छीना था, उसके झोला में एक पासबुक भी था. राजकुमार बैंक के अंदर उसी पासबुक को लेकर जाता था, ताकि किसी को कोई शक न हो.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 5, 2023 12:24 AM

पटना. गांधी मैदान पुलिस द्वारा पकड़े गये कोढ़ा गैंग के शातिर राजकुमार यादव ने कई अहम खुलासे किये हैं. इसे पटना पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी. राजकुमार को पुलिस ने दो अप्रैल को गांधी मैदान एसबीआइ के पास से गिरफ्तार किया था. पूछताछ में इसने पुलिस को जानकारी दी है कि इसने कुछ दिनों पहले ही मुजफ्फरपुर में 1.40 लाख रुपये की छिनतई की थी. इसके बाद कई अन्य घटनाओं को अंजाम दिया था, लेकिन जब वहां की पुलिस एक्टिव हुई तो यह अपने साथियों राम यादव, लखन यादव, गुड्डु यादव व पुष्पेंद्र यादव के साथ पटना चला आया.

राजकुमार के पास से दो बाइक भी बरामद की गयी है. दोनों ही बाइक मुजफ्फरपुर में ही राम यादव व लखन यादव ने चुराया था और उसे राजकुमार को दे दिया था. राजकुमार उसी बाइक की मदद से पटना में छिनतई की घटना को अंजाम दे रहा था. इसने पटना आने के बाद गर्दनीबाग इलाके में फरवरी के दूसरे सप्ताह में 50 हजार रुपये की छिनतई की थी.

छीने गये पासबुक को लेकर जाता था बैंक में रेकी करने

यह गिरोह काफी चालाक है. इन लोगों ने मुजफ्फरपुर में जिस व्यक्ति का 1.40 लाख रुपये छीना था, उसके झोला में एक पासबुक भी था. राजकुमार बैंक के अंदर उसी पासबुक को लेकर जाता था, ताकि किसी को कोई शक न हो. पासबुक को हाथ में रखने के बाद वह काउंटर पर नजर रखता था कि कौन व्यक्ति कितनी रकम निकाल रहा है. जैसे ही कोई व्यक्ति मोटी रकम निकालता, वैसे ही यह अपने अन्य साथियों को खबर कर देता और यह जानकारी देता कि उसने किस तरह के कपड़े पहन रखे हैं. इसके बाद गैंग के अन्य साथी एक्टिव हो जाते और रुपयों से भरा थैला या बैग लेकर निकल भागते.

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एंड्रायड मोबाइल का नहीं करते थे इस्तेमाल

राजकुमार के पास से पुलिस ने एक कीपैड वाला मोबाइल फोन व दो सिम कार्ड बरामद किया है. यह कार्ड दूसरे के नाम पर लिया गया है. साथ ही ये लोग दूसरे के आधार कार्ड पर केवल अपना फोटो स्कैन कर लगा कर रखते और उसके माध्यम से किसी भी होटल में कमरा ले लेते थे. राजकुमार ने पुलिस को एक और अहम जानकारी दी है कि इसका गिरोह एक जिले में दो-चार घटनाओं को अंजाम देकर दूसरे जिले के लिए निकल जाता. कुछ दिन में मामला भी ठंडा हो जाता तो फिर छह माह-एक साल बाद वापस आते.

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