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PHOTOS: बिहार में यहां गांव का गांव बहा ले जाती है कोसी, बाद में अपनी ही जमीन को ढूंढने लौटते हैं लोग…

बिहार के सुपौल में कोसी इस कदर उग्र होती है कि पूरा गांव ही अपने साथ बहाकर ले जाती है. कटाव की मार इस तरह लोग झेलते हैं कि अपनी ही जमीन बाद में ढूंढते रहते हैं.

By ThakurShaktilochan Sandilya | July 12, 2024 9:41 AM
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Bihar Flood News: नेपाल के पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में बारिश थम गयी है जिससे कोसी नदी के जलस्तर में कमी आयी है. बिहार के सुपौल जिले में कोसी नदी का पानी कभी घट और कभी बढ़ रहा है. दोनों ही स्थिति में कई गांवों की संकट बढ़ती जा रही है. जब पानी बढ़ता है तो बाढ़ का संकट गहराता है और जब नदी में पानी कम होता है तो कटाव का दंश ग्रामीणों को झेलना पड़ता है. लोग कभी अपने घर-मकान को छोड़कर सुरक्षित जगहों पर जाते हैं तो पानी कमने पर वो वापस भी अपने घर की ओर लौटते दिखते हैं.

नेपाल में बारिश थमने-बढ़ने से बिहार में मुसीबत

नेपाल में बारिश थमने के बाद अब कोसी नदी में पानी थोड़ा घटा है. पिछले कुछ दिनों से नेपाल के पहाड़ी और मैदानी भाग में जिस तरह से तेज बारिश हो रही थी उससे बिहार के सुपौल जिले की स्थिति बिगड़ती जा रही थी. नदी का पानी कई इलाकों में फैल गया था. स्थिति इस कदर हो चुकी थी कि कोसी बराज के सभी 56 फाटक खोलने पड़ गए थे. बुधवार को कोसी बराज के 28 फाटक खोले गए.

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गांव का गांव बहा ले जाती है कोसी

कोसी तटबंध के बीच बसे लोगों की हालत यह है कि जब कोसी नदी में पानी बढ़ता है तो ये बाढ़ से तबाह होते हैं और पानी घटने या उतरने लगे तो ये कटाव की मार झेलते हैं. कोसी अपने साथ गांव का गांव बहा ले जाती है. लोग कोसी के उग्र रूप के आगे नमतस्तक होकर गांव से पलायन कर जाते हैं.

जमीन तक निगल जाती है कोसी, नया आशियाना बसाते हैं लोग

यहां कटाव की वजह से लोगों के घर-मकान ही नहीं बल्कि जमीन भी कोसी निगल जाती है. जमीन कटकर नदी में समा जाती है. बाद में जब तबाही शांत होती है तो लोग अपनी ही जमीन आकर ढूंढते हैं और फिर से किसी तरह बसकर नया आशियाना बनाते हैं.

तीन दर्जन से अधिक परिवार गांव छोड़कर गए

किशनपुर प्रखंड के मौजहा, सदर प्रखंड के बलवा पंचायत में कटाव की मार अभी जारी है और तीन दर्जन से अधिक परिवार गांव छोड़कर सुरक्षित जगह में शरण लिए हुए हैं. लोग बताते हैं कि कोसी हर साल अपना रौद्र रूप दिखाती है. जमीन और सड़क तब बहाकर साथ ले जाती है.अंदर के गांवों में हाहाकार मचा हुआ है. सावन और भादो की बारिश अभी और तबाही मचा सकती है. जिसकी आशंका से ये ग्रामीण और डरे हुए हैं.

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