कोसी, सीमांचल व पूर्व बिहार में आग का कहर, एक बच्चे की मौत, आधा दर्जन मवेशी झुलसे
कोसी, सीमांचल व पूर्व बिहार में आग ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है. सोमवार को मधेपुरा व जमुई में आग से झुलस कर दो बच्चों की मौत हुई थी, वहीं मंगलवार को भी आग ने कहर बरपाया है.
कोसी, सीमांचल व पूर्व बिहार में आग ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है. सोमवार को मधेपुरा व जमुई में आग से झुलस कर दो बच्चों की मौत हुई थी, वहीं मंगलवार को भी आग ने कहर बरपाया है. मधेपुरा में एक बच्चे की और कुछ जगहों पर झुलसने से मवेशियों की मौत हो गयी. मिली सूचना के मुताबिक मधेपुरा के सदर प्रखंड के महेशुआ गांव में सोमवार की रात 40 घर जल गये. इस घटना में एक बच्ची जिंदा जल गयी. मृतका की पहचान महेशुआ निवासी श्रवण कुमार दास की सात वर्षीय बेटी कोमल कुमारी के रूप में हुई.
सहरसा के कोसी तटबंध के अंदर अचानक सलखुआ अंचल के अलानी वार्ड 04 गांव में लगी आग की चपेट में 5 घर राख हो गये और पांच मवेशी जिंदा जले. सौरबाजार थाना क्षेत्र की चंदौर पूर्वी पंचायत स्थित सखुआ में मंगलवार को गांव के समीप करीब दस कट्ठा खेत में लगी गेहूं में 11 हजार बिजली करंट प्रवाहित तार के गिरने आग लग गयी. इसके कारण दस कट्ठा में लगी गेहूं जलकर राख हो गया.
सुपौल के त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र की पिलवहा पंचायत के वार्ड नंबर 7 स्थित भीत्ता टोला में चूल्हे के चिंगारी से लगी आग में 50 और सरायगढ़ में 35 घर जलकर राख हो गये.
मुंगेर के बरियारपुर के कल्याणपुर में आग लगने से एक घर में रखे दो लाख के सामान व महदेवा में 10 एकड़ गेहूं में आग लगने से फसल जल गयी.
लखीसराय जिले के अमहरा थाना क्षेत्र स्थित वार्ड संख्या आठ में देर रात अचानक आग लग गयी. आग ने पांच घरों को अपने लपेटे में ले लिया. इसमें गर्भवती गाय, खाने-पीने का सामान, नकद रुपये, कपड़ा, बर्तन सभी जलकर राख हो गये.
आशियाना बसाने की चिंता में डूबे पीड़ित
छातापुर (सुपौल) प्रखंड के माधोपुर पंचायत वार्ड संख्या 03 में सोमवार को हुई अगलगी की घटना में 19 परिवार बेघर हो गये. बसा बसाया आशियाना गंवाने वाले अग्नि पीड़ित खुले आसमां के नीचे पॉलीथिन सीट टांगकर वक्त गुजारने को विवश हैं. रोजा रमजान के महीने में हुई अगलगी की भीषण घटना के बाद सरकारी स्तर पर सहायता पहुंचाने की हरसंभव कोशिश हो रही है. वहीं जनप्रतिनिधि व समाजसेवी मानवीय मदद के लिए आगे आ रहे हैं. जानकारी के बाद अग्नीपीड़ितों के रिश्तेदार भी पहुंचकर यथासंभव मदद करने में जुटे हैं. मंगलवार को घटना स्थल पर हालात का जायजा लिया गया. जहां पीड़ित परिवारों के बीच गम और बेसुधगी का आलम बना था. कोई फिर से आशियाना बसाने की चिंता में डूबा था तो किसी को जीवन यापन की फिक्र चेहरे पर झलक रही थी. स्थानीय समाजसेवी रहमत अली ने युवाओं के साथ मिलकर सोमवार की शाम अग्नीपीड़ितों के लिए इफ्तार पार्टी की. वहीं रात्रिकाल जगह -जगह रौशनी जलाये गए और भोजन की व्यवस्था भी की गई. घटना स्थल पर अगलगी से बाधित विद्युत व्यवस्था को फिर से बहाल करने में विभाग जुटा हुआ ह. विद्युत विभाग के प्रोजेक्ट इंजीनियर कुंदन कुमार की मानें तो डीएम के निर्देश पर विद्युत संचरण लाइन को दुरुस्त कर बस्ती में बिजली पहुंचाया जा रहा है. पीड़ितों ने बताया कि अगलगी के बाद से बस्ती में पेयजल की गंभीर समस्या बनी हुई है. पीएचईडी विभाग के द्वारा अभी तक पेयजल की व्यवस्था नहीं की गई है. पीड़ित मो सिराज व अलीराज ने बताया कि तत्काल सहायता के रूप में अंचल कार्यालय द्वारा पॉलीथिन सीट व सुखा राशन दिया गया. रेडक्रास सोसाइटी त्रिवेणीगंज की तरफ से कंबल, बाल्टी व दरी दिया गया है. राजस्व कर्मचारी खाता विवरण लिखकर ले गये हैं.
कैसे मनेगी ईद
रमजान के शेष दिन कैसे गुजरेंगे और ईद पर्व कैसे मनेगा इसकी चिंता सता रही है. सरकारी सहायता के अलावे अब उनलोगों के पास कोई उम्मीद नहीं बचा है. पीड़िता रूखसाना खातून पति मोतीउर्रहमान ने बताया कि बेटी की रूकसदी के लिए मेहनत मजदूरी कर सारा सामान जुटा कर रखा था. सभी सामान जलकर नष्ट हो गया. बेटी को रूकसद करने के लिए घर तक नहीं बचे हैं. बताया कि घर में कमाने वाला कोई नहीं है. नौ माह पूर्व उसका जवान बेटा सड़क हादसे का शिकार हो गया. सरकारी प्रावधान के तहत मिलने वाली अनुग्रह राशि भी अभी तक नहीं मिल पाया है.
कहते हैं एसडीएम
त्रिवेणीगंज एसडीएम शंभूनाथ ने बताया कि पीड़ित परिवारों को हरसंभव सरकारी सहायता पहुंचायी जा रही है. पीड़ितों के खाते में सहायता राशि जल्द ही चली जाएगी. पेयजल की व्यवस्था के लिए पीएचईडी को निर्देश दिया गया है.