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कोसी के जलस्तर में आयी कमी, महानंदा उफान पर, तटबंध के अंदर हो रहे कटाव से लोग भयभीत

कोसी के कटाव से अबतक जिले के सुपौल, किशनपुर सहित अन्य प्रखंडों के लगभग डेढ़ सौ से अधिक घर कोसी में विलीन हो गया है. घर कटने के कारण तटबंध के अंदर बसे लोग अपने परिवार के साथ किसी तरह पूर्वी कोसी तटबंध पर शरण लिये हुए हैं.

सुपौल. कोसी नदी के जलस्तर में घटने व बढ़ने का सिलसिला जारी रहने के कारण तटबंध के अंदर बसे लोगों को कभी बाढ़ तो कभी कटाव की समस्या से जूझना पड़ रहा है. यही कारण है कि तटबंध के अंदर बसे लोग काफी भयभीत नजर आ रहे हैं. कोसी के कटाव से अबतक जिले के सुपौल, किशनपुर सहित अन्य प्रखंडों के लगभग डेढ़ सौ से अधिक घर कोसी में विलीन हो गया है. घर कटने के कारण तटबंध के अंदर बसे लोग अपने परिवार के साथ किसी तरह पूर्वी कोसी तटबंध पर शरण लिये हुए हैं.

तीन दर्जन घर नदी में समाये

जानकारी के अनुसार किशनपुर प्रखंड की मौजहा पंचायत के वार्ड नंबर 08 में कोसी के कटाव से लगभग तीन दर्जन घर नदी में समा जाने के कारण ग्रामीण भयभीत होकर रात गुजार रहे हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि अबतक उनकी सुधि लेने कोई नेता और न ही अधिकारी पहुंचते हैं. गौरतलब है कि हर साल की तरह कहर बरपाने वाली कोसी का कोई ठोस समाधान नहीं होने के कारण प्रतिवर्ष सैकड़ों लोग कोसी के प्रकोप से बेघर हो यत्र-तत्र जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं.

तटबंध व एनएच बना पीड़ितों की शरणस्थली

कोसी के कटाव से बेघर हुए पीड़ितों के लिए कोसी तटबंध व एनएच शरणस्थली बना हुआ है. पीड़ित दोनों जगहों पर किसी तरह बांस-बल्ला के सहारे अस्थायी घर खड़ा कर अपने परिवार के साथ रहने को मजबूर हैं. पीड़ितों का कहना है कि बाढ़ से अधिक खतरनाक कटाव होता है. इसमें लोगों को अपना घर-द्वार सहित खेत-खलिहान में लगे फसल को बचाना मुश्किल हो जाता है. कटाव ऐसा की आज तक जहां लोगों को घर व खेत खलिहान दिख रहा है कल दिखेगा यह कहना कठिन है.

नहीं रोका गया कटाव तो मोजहा का मिट जायेगा अस्तित्व

पीड़ित चंदन महतो, लक्ष्मण महतो, सुभाष यादव, मुनेश्वर यादव, शम्भू यादव, लक्ष्मी नारायण महतो, विशुनदेव सदा, अधूलिया देवी, ललन महतो, रविन्द्र महतो, योगेंद्र महतो, जगदेव महतो, उमेश महतो, रणधीर यादव, सचिदानंद यादव सहित अन्य लोगों ने बताया कि पिछले चार दिनों के अंदर लगभग तीन दर्जन से अधिक घर कोसी नदी के गर्भ में समा चुका है. अगर समय रहते प्रशासन द्वारा इस दिशा में ठोस पहल नहीं की गयी तो गांव का अस्तित्व मिट जायेगा.

बलवा पंचायत के नरहैया गांव का अधिकांश भाग पर बह रही नदी

कोसी के कटाव से सदर प्रखंड की बलवा पंचायत का नरहैया गांव में लगभग 125 घर नदी में विलीन हो गया. स्थिति यह है कि नरहैया गांव के अधिकांश भाग में जहां कल तक घर व खेत-खलिहान नजर आता था वहां आज नदी की तेज धारा बह रही है. पीड़ित कोसी तटबंध पर शरण लेकर किसी तरह रह रहे हैं.

कराया जा रहा सर्वेक्षण : एसडीएम

सदर एसडीएम मनीष कुमार ने कहा कि अंचल स्तर से प्रभावित गांवों का सर्वेक्षण कराया जा रहा है. प्रभावित परिवारों को प्रारंभिक सहायता दी गयी है. जल्द ही आपदा के तहत सहायता दी जायेगी.

पूर्णिया में महानंदा उफान पर

इधर, पूर्णिया में महानंदा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. 16 से ज्यादा घर कटाव के चलते नदी में समा गये हैं. लोग सुरक्षित जगहों पर अपना ठिकाना बना रहे हैं. पूर्णिया के बायसी अनुमंडल के सुगवा महानंदपुर पंचायत के काजल गांव में महानंदा नदी में कटाव जारी है. स्थानीय लोगों और मुखिया की मानें तो पिछले सप्ताह भर में 16 घर कटकर महानंदा नदी में समा गए हैं. वहीं, सौरा नदी के जलस्तर में वृद्धि से नदी किनारे रहने वाले आधा दर्जन लोगों ने कच्चे मक्का खाली कर दिया है और वे ऊंचे स्थानों पर शिफ्ट हो गए हैं. ये घर अब पानी में विलीन हो गए हैं.

कटिहार में बाढ़ का पानी कई गांवों में घुसा

कटिहार के कई गांवों में महानंदा नदी का पानी घुस चुका है. कटिहार जिले के आजमनगर प्रखंड़ महानंदा नदी का पानी गांव में घुस गया है. आधे दर्जन गांव बेरिया इमाम नगर, शाह नगर ,धवल ,गौरीपुर में बाढ़ का पानी घुस चुका है. आवागमन बाधित हो गया है. सड़क पर 3 फीट से अधिक पानी बह रहा है. बढ़ते घटते जलस्तर के बीच ग्रामीण डरे हुए हैं. आवागमन के लिए नाव का इस्तेमाल किया जा रहा है.

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