पटना में क्षत्रिय समाज का महासम्मेलन आज, जुटेंगे देश भर के कई प्रतिनिधि
राजधानी पटना के होटल सम्राट में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा (1897) के कार्यकारणी की बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें सभ्यता और संस्कृति बचाने, समाज में भिन्नताओं को दूर करने, रामायण के ऊपर किए जा रहे आपत्तिजनक टिपण्णी जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. 18 जून को क्षत्रिय अधिवेशन पटना में होना है.
पटना: राजधानी पटना के होटल सम्राट में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा (1897) के कार्यकारणी की बैठक का आयोजन किया गया. कार्यकारणी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर दिनेश प्रताप सिंह, मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार, राष्ट्रीय संरक्षक ठाकुर गुल चैन सिंह चरक पूर्व मंत्री जम्मू कश्मीर, श्री निखिल कुमार पूर्व राज्यपाल, डॉ अजय कुमार सिंह पूर्व एमएलसी, राष्ट्रिय उपाध्यक्ष, रविन्द्र प्रताप सिंह प्रदेश अध्यक्ष, विशाल सिंह राष्ट्रिय कार्यकारणी सदस्य, अधिवक्ता अमित कुमार सहित अध्यक्ष अधिवक्ता मंच आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे. आपको बता दें कि 18 जून को बिहार की राजधानी पटना में क्षत्रिय महासम्मेलन का आयोजन होना है. जिसमें देश भर से क्षत्रिय समाज के प्रतिनिधि भाग लेने आएंगे.
कार्यकारिणी की बैठक में सभ्यता और संस्कृति बचाने पर हुई चर्चा
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के कार्यकारिणी की बैठक में जहां कई मुद्दों पर चर्चा हुई वही समाज को एकजुट करना और समाज के द्वारा सामाजिक कार्यों में ज्यादा से ज्यादा भागीदारी निभाने, देश और राज्य का विकास करने सहित सभ्यता और संस्कृति को बचाने पर चर्चा की गई.
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समाज में भिन्नताओं को दूर करने का प्रयास किया जाए
कार्यकारिणी की बैठक में पूर्व राज्यपाल निखिल प्रसाद सिंह ने कहा जहां समाज के बिखरे लोगों को एक मंच पर लाना और एकता में बढ़ोतरी करना वहीं सामाजिक कार्यों में ज्यादा से ज्यादा भागीदारी निभाना जिससे लोगों का भला हो सके. वही पूर्व राज्यपाल निखिल प्रसाद ने कहा समाज में भिन्नताओं को दूर करने का प्रयास किया जाए. वही यूपी के मंत्री और् राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर दिनेश प्रताप सिंह ने यह बताया की क्षत्रिय समाज के लोगों को एकजुट करने और अपने संस्कृति को बचाने की कोशिश है.
भगवन राम ने सभी धर्मों के लोगों को साथ लेकर चलने का काम किया
यूपी के मंत्री ठाकुर दिनेश प्रताप सिंह ने रामायण के ऊपर किए जा रहे आपत्तिजनक टिपण्णी पर यह बताया कि समाज में दो तरह के लोग होते है एक बुरे और एक अच्छे जैसे प्राचीन काल में भी राक्षस और देवता हुए करते थे. रामायण का विरोध करने वाले भी बुरे लोग है. रामायण हमारे समाज का महत्वपूर्ण ग्रन्थ है और भगवान राम ने भी समाज के तमाम लोगो को साथ लेकर चलने का काम किया था. कोर कमिटी की बैठक में सभी लोगों ने अपने विचारों से अवगत कराया.