रामायण मंदिर के उद्घाटन में PM मोदी को बुलाना चाहते थे कुणाल किशोर, अपने साथी से जताई थी इच्छा
Kunal Kishore: आचार्य कुणाल किशोर के साथी ने बताया कि कुणाल जल्द ही प्रधानमंत्री से मिलकर मंदिर के उद्घाटन में आने का निमंत्रण देने वाले थे.
पूर्वी चम्पारण के कथवलिया में बन रहे विशाल रामायण मंदिर का निर्माण आचार्य किशोर कुणाल जल्द पूरा करना चाहते थे. मंदिर के उद्घाटन में वे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाना चाहते थे. पर उनकी इच्छा पूरी नहीं हो सकी. मंदिर का निर्माण तेजी से हो इसको लेकर उन्होंने विगत दो माह पूर्व निर्माण स्थल का दौरा भी किया था. हालांकि उस समय भी वह अस्वस्थ्य दिख रहे थे. दिन भर रुकने के बाद वे पटना के लिए निकल गये. यह बातें उनके करीबी और मंदिर निर्माण स्थल के भ्रमण के दौरान उनके साथ चल रहे बरुराज निवासी अरुण कुमार शाही ने बतायी.
दो माह पूर्व हुई थी मुलाकात: अरुण कुमार शाही
आचार्य किशोर कुणाल के निधन के दिन अरुण कुमार शाही अपने बरुराज स्थित आवास पर थे. तकरीबन आठ बजे के करीब उन्हें घटना कि सूचना मिली. सूचना से वे स्तब्ध रह गये. उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि जिस व्यक्ति से वे दो माह पूर्व मिले थे उनका अचानक निधन हो गया. उन्होंने बताया कि दो माह पूर्व आचार्य किशोर कुणाल ने उन्हें मिलने के लिए रामायण मंदिर निर्माण स्थल पूर्वी चम्पारण के कथवलिया बुलाया था. वे वहां जाकर उनसे मिले थे. उन्होंने बताया कि तकरीबन तीन चार घंटे वे उनके साथ रहे. इस दौरान उन्होंने निर्माण स्थल का जायजा लिया था.
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कुणाल किशोर को निजी तौर पर जानते हैं PM मोदी
निर्माण कार्य में लगे अभियंताओं से प्रोजेक्ट को लेकर चर्चा की थी. उन्होंने बताया कि इस दौरान उन्होंने खुलकर बातें की. परिवार के संबंध में भी बातें की. वे मंदिर निर्माण को जल्द पूरा करना चाहते थे. अरुण कुमार शाही मे बताया कि उन्होंने बताया था कि उनकी सांसद बहु शाम्भवी चौधरी और पुत्र सायन कुणाल दिल्ली में प्रधानमंत्री से मिलने गये थे. तब सायन कुणाल ने प्रधानमंत्री को अपना परिचय देते हुए अपने को किशोर कुणाल का पुत्र बताया था. अरुण कुमार शाही ने बताया कि तब प्रधानमंत्री ने सायन को आश्वस्त किया कि वे आचार्य किशोर कुणाल को निजी तौर पर जानते हैं और सम्मान देते हैं.
रामयाण मंदिर के उद्घाटन में PM मोदी को बुलाना चाहते थे कुणाल किशोर
अरुण कुमार शाही ने बताया कि कुणाल जी जल्द ही प्रधानमंत्री से मिलकर मंदिर उद्घाटन में आने का निमंत्रण देने वाले थे. अरुण कुमार शाही ने बताया कि मंदिर निर्माण स्थल के दौरे के वक्त भी वे अस्वस्थ्य थे. मंदिर परिसर के बगल स्थित सर्किट हाउस में भुजा खाने के बाद अरुण कुमार शाही बरुराज के लिए और आचार्य किशोर कुणाल पटना के लिए रवाना हो गये थे.