पटना. कुढ़नी उपचुनाव के कांटे के मुक़ाबले में जदयू के मनोज कुशवाहा भाजपा के उम्मीदवार केदार प्रसाद गुप्ता से 3632 वोटों से हार गये. भाजपा प्रत्याशी को 76653 वोट मिले, वहीं जदयू प्रत्याशी को 73008 वोट ही मिल सके. जीत का अंतर 3645 वोट का रहा. जदयू और खासकर नीतीश कुमार की यह बड़ी हार मानी जा रही है. महागठबंधन सरकार बनने के बाद हुए तीन उपचुनावों में से दो भाजपा और एक राजद ने जीता है. इन सभी नतीजों में एक बात स्पष्ट देखी जा रही है कि बिहार की सियासत में ‘MO’ (मुकेश-औवेशी) फैक्टर महागठबंधन के लिए काल साबित हो रहा है. महागठबंधन को अब ‘MO’ फैक्टर का तोड़ तलाशना होगा. कुढ़नी में महागठबंधन की हार के पीछे भी मुख्य वजह ‘MO’ फैक्टर ही बताया जा रहा है.
सियासी जानकारों का कहना है कि ‘MO’ फैक्टर महागठबंधन के गले की फांस बन चुकी है. मुस्लिम और मल्लाह के वोटों को मुकेश और औवेशी उतना लामबंद करने सफल हो रहे हैं, जिससे वो चुनाव जीत तो नहीं सकते, लेकिन महागठबंधन को चुनाव जीतने भी नहीं दे रहे हैं. यही उनकी ताकत और यही उनकी जीत है. कुढ़नी उपचुनाव में भी ओवैसी की पार्टी ने उतने ही वोट अपनी ओर खींच लिया है, कमोवेश जितने वोटों के अंतर से महागठबंधन को हार मिली है. महागठबंधन से भाजपा को कुल 3645 वोट अधिक मिले हैं, वहीं ओवैसी की पार्टी को 3202 वोट मिले हैं. ऐसा ही कुछ गोपालगंज में भी महागठबंधन के साथ हुआ था. कुल मिलाकर ‘MO’ यानी मुकेश-ओवैसी की पार्टी महागठबंधन के हार का कारण बनी है.
मुकेश सहनी भी औवेशी की तरह अपने कोर वोट को लामबंद करने में सफल होते जा रहे हैं. बिहार में वो अपनी ताकत का एहसास महागठबंधन को कराने में सफल होते दिख रहे हैं. अगर मुकेश सहनी की ताकत को महागठबंधन हल्के में नहीं लिया होता, तो आज मल्लाहों के ज्यादातर वोट महागठबंधन की झोली में आते. लेकिन, लगभग दस हजार के करीब वोट नीलाभ को मिले हैं, उसमें से दो हजार वोट तो महागठबंधन के हिस्से का माना ही जा सकता है. मुकेश और ओवैसी की पार्टी के उम्मीदवार की ओर से काटे गये वोट मिला दें, तो महागठबंधन के प्रत्याशी की जीत हो गयी होती. इस उपचुनाव में महागठबंधन की हार का मुख्य कारण मुकेश सहनी और ओवैसी रहे.
इधर कुढ़नी उपचुनाव में मिली जीत को भाजपा अपनी बड़ी जीत मान रही है. पार्टी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने तंज कसते हुए कहा है कि न लालू प्रसाद के बीमारी का इमोशनल कार्ड काम आया, न जदयू का पैसा. उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि कुढ़नी हार पर नीतीश कुमार इस्तीफा दें. भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार का अब कोई जनाधार नहीं है. महागठबंधन को जनता पूरी तरह ठुकरा चुकी है. मोकामा उपचुनाव छोटे सरकार अनंत सिंह का चुनाव था, उसमें महागठबंधन के जनादेश को देखना उचित नहीं है. गोपालगंज और कुढ़नी की जीत बिहार की जनता का जनादेश है.