बिहार उपचुनाव: कुढ़नी का जनादेश पिछले दो उपचुनावों से अधिक खास, जानिये क्या है इसके पीछे की वजह
Kurhani by election Result: बिहार के कुढ़नी उपचुनाव का परिणाम आज सामने आने वाला है. वोटों की गिनती जारी है. इस चुनाव परिणाम पर सभी सियासी दलों की नजरें टिकी हुई है. ये चुनाव परिणाम पिछले दो उपचुनावों से अधिक खास माना जा रहा है. जानिये इसकी वजह...
Kurhani by election Result: बिहार के कुढ़नी उपचुनाव का परिणाम आज गुरुवार को सामने आ जाएगा. वोटों की गिनती सुबह आठ बजे से शुरू कर दी गयी. इस चुनावी मैदान में भाजपा और जदयू के बीच ही सीधी टक्कर है. कुढ़नी उपचुनाव का परिणाम हाल में ही बिहार में संपन्न हुए दो उपचुनावों से अधिक मायने रखता है. इसके पीछे की वजह भी कोई हैरान करने वाली नहीं है लेकिन सियासी चैप्टर्स को पलटा जाए तो बहुत कुछ सामने मिलता है.
बिहार में अब डबल इंजन की सरकार नहीं
बिहार में लंबे समय से एकसाथ चल रहे जदयू और भाजपा ने दूसरी बार एक दूसरे का साथ छोड़ दिया. जदयू ने भाजपा का साथ छोड़कर खुद को एनडीए से अलग कर लिया. इस तरह डबल इंजन की सरकार से एक इंजन अलग हो गया. जदयू राजद के साथ मिलकर महागठबंधन का हिस्सा बन गयी. नीतीश कुमार के नेतृत्व में सूबे में नयी सरकार बनी और भाजपा देखते ही देखते सत्ता से बेदखल होकर विपक्षी पार्टी बन गयी.
पिछले दो उपचुनाव का मुकाबला टाई, राजद-भाजपा थी आमने-सामने
बिहार में नयी सरकार बनी तो भाजपा ने जदयू को ही निशाने पर लिया. तो दूसरी तरफ जदयू भी भाजपा पर हमलावर रही. बात पिछले दो उपचुनावों की करें तो महागठबंधन सरकार बनने के बाद पहली बार सूबे में कोई चुनाव हो रहा था. इस चुनाव के जरिये भाजपा और नीतीश-लालू गठबंधन को लेकर जनता का मिजाज भांपा जा रहा था. हालाकि चुनाव परिणाम सामने आया तो महागठबंधन और भाजपा दोनों के हिस्से एक-एक सीट आई और मुकाबला टाई रहा. महागठबंधन की ओर से राजद ने मोकामा और गोपालगंज दोनों सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे.
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कुढ़नी उपचुनाव क्यों है अधिक खास
जब कुढ़नी उपचुनाव की घोषणा हुई तो महागठबंधन में ये सीट जदयू के पास आई. इससे पहले ये सीट राजद के पास थी. वहीं जदयू जब मुकाबले में उतरी तो भाजपा और जदयू इस सीट पर सीधे तौर पर आमने-सामने आ गये. अब इस सीट पर जीत और हार के बाद परिणाम के बहाने ही दोनों दल एक दूसरे के सियासी ग्राफ के उतार-चढ़ाव का मजबूत दावा ठोकेंगे. इसकी आशंका पूर्व से ही हो रहे हलचलों से प्रतीत होता है. वहीं वीआईपी पार्टी भी भाजपा पर निशाना साधे बैठी दिख रही है. अब चुनाव परिणाम ही तय करेगा कि किसे खुद को अधिक मजबूत दिखाने का मौका मिलेगा.
Posted By: Thakur Shaktilochan