नये श्रम कानून के तहत बिहार में अब खत्म होंगे लेबर कोर्ट, ट्रिब्यूनल में होगी सुनवाई

राज्य सरकार नये श्रम कानून के तहत औद्योगिक मालिक व श्रमिकों के बीच पारदर्शिता बनाने के लिए औद्योगिक नीति 2020 तैयार कर नयी बिहार नियमावली का ड्राफ्ट प्रकाशित कर दिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 23, 2021 7:27 AM

प्रह्लाद कुमार,पटना. राज्य सरकार नये श्रम कानून के तहत औद्योगिक मालिक व श्रमिकों के बीच पारदर्शिता बनाने के लिए औद्योगिक नीति 2020 तैयार कर नयी बिहार नियमावली का ड्राफ्ट प्रकाशित कर दिया है.

नियमावली में जिला स्तर पर छोटे उद्योगों को बढ़ावा दिया जायेगा, ताकि ग्रामीण इलाकों में रोजगार बढ़ेगा और नये -नये उद्योग खुलेंगे. इसमें स्टील व सीमेंट फैक्टरी लगाने वालों को सरकार की ओर से सहायता दी जायेगी. इसलिए नयी नियमावली में सभी लेबर कोर्ट को खत्म कर दिया गया है और अब श्रमिकों एवं कारखाना मालिकों की सुनवाई ट्रिब्यूनल में होगी.

विभाग ने इस ड्फ्ट की काॅपी को आॅनलाइन कर सुझाव मांगा है . अगर किसी तरह का सुझाव किसी को भेजना है, तो वह डाफ्ट प्रकाशन के 21 दिनों के भीतर दे सकते हैं, वरना इसे श्रम विभाग की ओर से स्वीकृति के लिए कैबिनेट भेज दिया जायेगा.

सभी को बनानी होगी शिकायत निवारण समिति

इस नियमावली के अनुसार जिस प्रतिष्ठान में 20 से अधिक कामगार काम करते हैं, उन्हें शिकायत निवारण समिति बनानी होगी. वहीं, इसके अलावा या अधिक कामगार वाले उद्योगों में द्वितीय मंच होंगे, जिसमें कामगारों व श्रमिकों की हिस्सेदारी होगी.

इस शिकायत समिति में सभी तरह के मामलों की सुनवाई होगी. इसमें कारखाना मालिक व श्रमिक दोनों के प्रतिनिधि बराबर संख्या में रहेंगे और कारखाना या श्रमिकों से जुड़ा कोई भी मामला उठेगा,तो पहले उस शिकायत का निबटारा यहीं किया जायेगा.

सभी लेबर कोर्ट को समाप्त करने के बाद उद्योग मालिकों को अब श्रम संघों को नियमानुसार मान्यता प्रदान करनी होगी एवं काम बंदी के विशेष प्रावधान 300 से अधिक कामगार वाले कारखानों पर अब लगेगा. उन्हें सरकार को सूचित करना होगा.

300 से अधिक कामगार वाले प्रतिष्ठानों के लिए स्थायी आदेश बनाना आवश्यक होगा. यानी अब 300 से अधिक कर्मियों वाले कारखाने में छंटनी होगी. पहले यह अधिकार 100 कर्मचारियों पर लागू था. वहीं, छंटनी की सूचना सभी कारखानों को पहले देनी होगी. बिना सूचना दिये छंटनी नहीं करनी होगी.

Posted by Ashish Jha

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