प्रह्लाद कुमार/पटना. विदेशों में बिहार के विभिन्न जिलों से मजदूर काम करने के लिए हर साल जाते हैं. इनमें जो लोग निबंधित एजेंसी के माध्यम से विदेशों में जाते हैं, उनका रिकॉर्ड सरकार के पास होता है. जो लोग फर्जी एजेंसी से जाते हैं, उनका ब्योरा सरकार के पास नहीं होता है. ऐसे में जब विदेशों में मजदूर फंस जाते हैं, तो उन मजदूरों की जानकारी जुटाने में बिहार सरकार को काफी परेशानी होती है.
इन परेशानियों को दूर करने के लिए श्रम संसाधन विभाग ने एक लेबर लाइन यानी कॉल सेंटर शुरू करने का निर्णय लिया है, जहां मजदूर अपनी शिकायतों को खुल कर बता पायेंगे और उनका निबटारा भी संबंधित विभाग के माध्यम से तुरंत होगा.यह सुविधा इसी साल अंत तक शुरू हो जायेगी. कॉल सेंटर बिल्कुल फ्री होगा. यहां वैसे सभी मजदूरों की परेशानियों को रिकॉर्ड कर लिया जायेगा, जो विदेश में काम कर रहे है. मजदूरों के लिए यह सेवा 24 घंटे काम करेगी.
कोरोना काल के दौरान 20 लाख लोग देश के विभिन्न राज्यों से बिहार वापस लौट कर घर आये थे. वहीं, लाखों लोग दूसरे राज्यों में फंसे रहे थे, जो सरकार से राहत की गुहार लगा रहे थे और उन तक राहत पहुंचाने में अधिकारियों को काफी मेहनत करनी पड़ी थी. विभाग देश के विभिन्न राज्यों में रहने वालों के लिए भी अलग से टॉल फ्री नंबर तैयार करेगा.
कॉल सेंटर में बिहार के सभी मजदूरों का निबंधन होगा. निबंधन कराने वाले सभी मजदूरों का एक डेटाबेस भी तैयार होगा, ताकि श्रम विभाग को भी इसकी जानकारी रहे कि बिहार से कितने लोग किस राज्य में काम कर रहे है.
श्रम संसाधन विभाग के मंत्री जीवेश कुमार ने बताया कि विदेशों में काम करने के लिए जाने वाले बिहारी मजदूरों की परेशानियों को हल करने के लिए जल्द ही एक टॉल फ्री नंबर शुरू होगा. साथ ही, फर्जी तरीके से विदेश नौकरी के लिए भेजने वाली एजेंसियों पर कार्रवाई करने के लिए जिलों को दिशा – निर्देश दिया गया है.
2016 —- 76380
2017 —- 69389
2018 —- 59181
2019 —- 55420
2020 —- 13832
2021 —- 24040