लद्दाख में सैनिकों का वाहन नदी में गिरा, बिहार के लाल समेत 7 जवान की हुई मौत, आज विशेष विमान से आयेगा शव

लद्दाख में सैनिकों का वाहन नदी में गिर गया, जिसमें पटना के पालीगंज प्रखंड के एक जवान की मौत हो गयी. घटना की सूचना जैसे ही मृत जवान रामानुज यादव के पिता ललन यादव को मिली, तो वह गश खाकर गिर पड़े और उनकी तबीयत खराब हो गयी.

By Prabhat Khabar News Desk | May 28, 2022 8:21 AM
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पटना. थल सेना के जवानों को ले जा रहा एक वाहन शुक्रवार को लद्दाख के तुकतुक सेक्टर में सड़क से फिसल कर श्योक नदी में गिर गया, जिससे सात सैनिकों की मौत हो गयी और 19 अन्य घायल हो गये. मृत जवानों में पटना के पालीगंज प्रखंड के परियों गांव के 24 वर्षीय रामानुज यादव भी शामिल हैं. रामानुज के शव को विशेष विमान से शनिवार को पटना लाया जायेगा और फिर यहां से परियों गांव में ले जाया जायेगा.

घटना की सूचना मिलते ही पिता की हालत बिगड़ी

घटना की सूचना जैसे ही मृत जवान रामानुज यादव के पिता ललन यादव को मिली, तो वह गश खाकर गिर पड़े और उनकी तबीयत खराब हो गयी. उनका भी इलाज किया जा रहा है. रामानुज की मां के साथ ही दो भाइयों की हालत खराब हो गयी है. सेना के अधिकारियों ने बताया कि करीब 26 सैनिकों के एक दल को लेकर वाहन परतापुर ट्रांजिट कैंप से हनीफ सब सेक्टर में स्थित एक अग्रिम स्थान पर जा रहा था.

सभी 19 घायल सैनिकों को हरियाणा के अस्पताल में भर्ती कराया गया

इसी दौरान थोइसे से करीब 25 किमी दूर एक स्थान पर सुबह करीब नौ बजे यह हादसा हुआ. अब तक सात सैनिकों को मृत घोषित किया गया है. अन्य को गंभीर चोटें भी आयी हैं. अधिकारियों ने बताया कि वाहन सड़क से करीब 50-60 फुट की गहराई में श्योक नदी में गिर गया. सभी घायलों को शुरुआत में परतापुर स्थित 403 फील्ड हॉस्पिटल ले जाया गया. कुछ घंटों के बाद सभी 19 घायल सैनिकों को हरियाणा के पंचकुला जिले में चंडीमंदिर स्थित सेना के पश्चिमी कमान अस्पताल ले जाया गया

ग्रामीण बोले-काफी शांत स्वभाव का था रामानुज

रामानुज के शहीद होने की खबर से पालीगंज के परियों गांव स्थित पैतृक गांव में मातम पसर गया. शुक्रवार के दिन से ही उनके गांव के साथ ही आसपास के गांव के लोगों का जमावड़ा घर पर होने लगा था. सारे ग्रामीणों के मुंह से एक ही बात निकल रही थी कि यह क्या हो गया? ग्रामीण नीरज कुमार ने बताया कि रामानुज काफी मिलनसार था और शांत चित्त का था. उसे झगड़ा-झंझट से कोई मतलब नहीं था. वह बहन की शादी में भी आया तो केवल अपने काम में लगा रहा. ग्रामीणों का कहना था कि बचपन से लेकर आज तक उसने किसी से बहस तक नहीं की थी. उसकी सारी शिक्षा-दीक्षा पटना में ही हुई थी.

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