बिहार: रेलवे ट्रैक पर चल रहा था पूरा परिवार, ट्रेन आई तो किऊल नदी में गिरने से महिला की गयी जान
Bihar News: अस्थायी रास्ता ध्वस्त होने की वजह से एक परिवार अन्य लोगों की तरह मजबूरन रेलवे ट्रैक होकर सफर कर रहा था. यह कदम एक महिला के लिए जानलेवा साबित हुआ और सामने से अचानक आ रही ट्रेन से हादसे के बाद महिला किऊल नदी में गिर गयी. उसकी मौत हो गयी.
किऊल नदी के ऊपर बने रेलवे ट्रैक को पैदल पार करना एक महिला को महंगा पड़ गया. किऊल जंक्शन एवं लखीसराय जंक्शन के बीच इस पुल से पार कर रहे एक परिवार के साथ बड़ा हादसा हो गया. पति-पत्नी अपने बच्चे के साथ ट्रैक पर चल रहा था. अचानक सामने से ट्रेन आ गयी और महिला इसकी चपेट में पड़ गयी. महिला नदी में गिर गयी और उसकी मौत हो गयी.
किऊल नदी में गिरी महिला
किऊल जंक्शन एवं लखीसराय जंक्शन के बीच किऊल नदी के ऊपर बने रेलवे ट्रैक को पैदल पार करना शनिवार को एक महिला को महंगा पड़ा. पति व बच्चे संग किऊल से रेलवे ट्रैक के सहारे पैदल लखीसराय आ रही महिला अचानक ट्रैक पर ट्रेन के आने से हादसे की शिकार हो नदी में गिर गयी. हालांकि महिला के पति व बच्चे ने पुल पर बने पैदल पथ पर पहुंचकर अपनी जान बचा ली. महिला के पुल से नीचे गिरने के बाद अफरातफरी की स्थिति हो गयी.
अस्पताल में तोड़ा दम
स्थानीय लोगों ने इसकी जानकारी रेल पुलिस समेत शहीद द्वार स्थित ट्रैफिक पुलिस को दी. ट्रैफिक पुलिस ने स्थानीय लोगों के सहयोग से काफी मशक्कत के बाद महिला को नदी से बाहर निकाला. महिला की गंभीर स्थिति को देखते हुए फौरन उसे सदर अस्पताल पहुंचाया गया. जहां इमरजेंसी वार्ड में इलाज के दौरान ही महिला की मौत हो गयी. मृत महिला की पहचान सूर्यगढ़ा प्रखंड के पवई गांव निवासी दिवेश कुमार की 33 वर्षीया पत्नी पूजा सिंह के रूप में हुई.
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मजबूरन रेलवे ट्रैक से जा रहे लोग
बता दें कि 28 जून से लगातार हो रही बारिश के कारण किऊल एवं लखीसराय को जोड़नेवाली अस्थायी सड़क के ध्वस्त हो जाने के कारण लोगों को मजबूरन रेलवे ट्रैक से होकर आवागमन करना पड़ रहा है. इसकी कीमत मौत के रूप में चुकानी भी पड़ रही है. सदर अस्पताल से पोस्टमार्टम के बाद पूजा सिंह के शव को परिजनों को सौंप दिया गया.
अस्थायी रास्ता हो चुका है ध्वस्त
इधर, रेल पुलिस ट्रैक पर आने-जाने वाले लोगों पर सख्ती के साथ रोक लगाने में पूरी तरह असफल दिख रही है. इस पुल से गुजरनेवाले यात्रियों को दोनों साइड दिये गये संकीर्ण रास्ते पर चलना भी मुश्किल हो जाता है. बीच नदी से चलने के लिए बना अस्थायी रास्ता किऊल नदी में पानी आ जाने से ध्वस्त हो चुका है. ऐसे में जान जोखिम में डालकर लोग ट्रैक पार कर रहे हैं.