सोनपुर मेले में ‘लैला-मजनू’ और ‘फर्स्ट लव’ बना आकर्षण का केंद्र, देखने के लिए जुट रहे हैं विदेशी सैलानी
सोनपुर मेला का अपना एक महत्व है. कार्तिक पूर्णिमा से ये मेला शुरू हो जाता है. ये पहले पशु मेला के रूप में विख्यात था. लेकिन अब इसका रूप बदल गया है. वहीं, इस बार कृषि विभाग के तरफ से लगाए प्रदर्शनी में 'लैला-मजनू' और 'फर्स्ट लव' नाम का पौधा चर्चा में है.
सोनपुर : बिहार के सारण जिला में गंगा किनारे प्रत्येक वर्ष विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेले का आयोजन होता है. इस साल भी कार्तिक पूर्णिमा के दिन से सोनपुर मेला शुरू हो चुका है. इस साल मेले में लोगों की काफी भीड़ जुट रही है. वहीं, कृषि विभाग के तरफ से स्टाल लगाया गया है. जिसमें ‘लैला-मजनू’ और ‘फर्स्ट लव’ प्लांट आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. जिसे देखने के लिए विदेशी सैलानियों की भीड़ जुट रही है.
लैला- मजनू और फर्स्ट लव की हो रही है चर्चा
सोनपुर मेला पूरे विश्व में पशुओं के लिए प्रसिद्ध है. यहां हाथी, घोड़े से लेकर कुत्ता तक की ब्रिक्री होती थी. हालांकि अभी बहुत से पशुओं की खरीद ब्रिक्री पर रोक है. वहीं, इस साल सोनपुर मेले में कृषि विभाग के तरफ से लगाए गए प्रदर्शनी काफी चर्चा में है. इस प्रदर्शनी में पौधों के नाम लैला- मजनू, फर्स्ट लव, मीठा नीम, गरम मसाला और स्टीविया प्लांट की खूब चर्चा हो रही है. इन पौधों को देखने के लिए लोगों की काफी भीड़ जुट रही है. साथ ही विदेशी सैलानियां भी देखने के लिए पहुंच रहे हैं.
सोनपुर में मेले में जुट रही है लोगों की भारी भीड़
बिहार के सोनपुर में लगने वाले विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले की अपनी एक अलग ही पहचान है. धार्मिक मान्यताओं और ऐतिहासिक स्थल होने की वजह से हिन्दू धर्म में सोनपुर का एक विशेष महत्व है. कोरोना महामारी की वजह से दो वर्षों तक यह मेला प्रभावित रहा था. ऐसे में लंबे अंतराल के बाद लगे सोनपुर मेले को लेकर इस साल अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा है
इस साल 2136 स्टाल लगाए गए हैं
कार्तिक पूर्णिमा के दिन से शुरू होने वाले इस सोनपुर मेले में लोग कभी जानवरों और पशुओं को देखने आया करते थे. लेकिन वक्त के साथ-साथ मेले का स्वरूप बदलता चला गया. वहीं, इस साल सोनपुर मेला में कुल 2136 स्टाल लगाए गए हैं. इसमें सभी विभागों के उत्पाद के अलावा घरेलू उपयोग के सारे सामान बाजार में उपलब्ध है.