लखीसराय. जुलाई माह से प्रारंभ एवं अगस्त माह में अच्छी बारिश होने से जिले में खरीफ फसल के आच्छादन का शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने में सफलता मिली है. जबकि धान फसल का आच्छादन लक्ष्य से कुछ अधिक ही हुआ है. उपरोक्त जानकारी देते हुए डीएओ सुबोध कुमार सुधांशु ने इस वर्ष बंपर पैदावार होने की संभावना व्यक्त की है. पिछले 2-3 वर्षों से अकाल एवं सुखाड़ की मार झेल रहे किसानों के लिए यह वर्ष राहत प्रदान करने वाला साबित होने जा रहा है. अगस्त महीने में अच्छी बारिश होने के चलते जिलेभर में खरीफ फसल की खेती इस बार अच्छी होने की उम्मीद है. लक्ष्य के अनुरूप आच्छादन का कार्य पूरे जिला में पूर्ण हो चुका है. उक्त दावा करते हुए डीएओ ने बताया कि 58 हजार चार सौ हेक्टेयर में विभिन्न तरह के खरीफ फसलों की खेती का आच्छादन कर लिया गया है. जिनमें मक्का की खेती का आच्छादन आठ हजार 970 हेक्टेयर में हुई है. धान की खेती को लेकर 41 हजार 374 हेक्टेयर में आच्छादन के लक्ष्य के विरूद्ध कुछ अधिक ही 41 हजार 720 हेक्टेयर में धनरोपनी का कार्य पूरा कर लिया गया है. इसी तरह अन्य खरीफ फसलों की जानकारी देते हुए बताया कि दलहनी फसल में अरहर की खेती 900 हेक्टेयर में की गयी है. इसके अतिरिक्त पौष्टिक आहार युक्त मोटा अनाज की खेती पर चर्चा करते हुए बताया कि बाजरा की खेती 204 हेक्टेयर में, ज्वार की खेती 472 हेक्टेयर में, कौनी की खेती 250 हेक्टेयर में तथा मडुआ की खेती 513 हेक्टेयर में की गयी है. इस तरह यह वर्ष खेतिहर किसानों के लिए समृद्धशाली बनाने का जरिया बनता दिख रहा है. धान की खेती को लेकर निर्धारित लक्ष्य की चर्चा करते हुए बताया कि सदर प्रखंड के लिए छह हजार 547 हेक्टेयर, सूर्यगढ़ा प्रखंड के लिए 10 हजार 909 हेक्टेयर, बड़हिया प्रखंड के लिए 673 हेक्टेयर पिपरिया प्रखंड में 526 हेक्टेयर, चानन प्रखंड के लिए 5 हजार 412 हेक्टेयर में धान की खेती, रामगढ़ चौक प्रखंड क्षेत्र में 8 हजार 570 हेक्टेयर तो हलसी प्रखंड क्षेत्र में क्षेत्रफल के अनुपात में सबसे अधिक आठ हजार 735 हेक्टेयर में धान की फसल का लक्ष्य निर्धारण किया गया था. जो पूर्ण कर लिया गया है. इस वर्ष अधिकांश किसान अच्छी पैदावार देने वाले सक्षम प्रभेद के धान की बुआई की है.
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