धूप व बारिश से परेशानी
दुखद . किऊल जंकशन पर बैठने की सुरक्षित जगह की कमी धूप व पानी से बचने के लिए सभी रेलयात्री एक ही जगह एकत्रित होते हैं. लखीसराय : किऊल जंकशन पर यात्रियों को छांव में बैठने व बरसात के दिनों में पानी के बूंदों से बचने के लिये एक ही जगह भेड़ बकरियों की तरह […]
दुखद . किऊल जंकशन पर बैठने की सुरक्षित जगह की कमी
धूप व पानी से बचने के लिए सभी रेलयात्री एक ही जगह एकत्रित होते हैं.
लखीसराय : किऊल जंकशन पर यात्रियों को छांव में बैठने व बरसात के दिनों में पानी के बूंदों से बचने के लिये एक ही जगह भेड़ बकरियों की तरह बैठना पड़ता है. मॉडल स्टेशन का दर्जा मिल जाने के बाद भी यात्रियों की असुविधा को लेकर रेल प्रशासन थोड़ा भी गंभीर नहीं है. जबकि राजस्व के मामले में दानापुर रेल डिवीजन किऊल जंक्शन एक महत्वपूर्ण स्टेशन माना जाता है. दो से तीन महीने में इस रेलवे स्टेशन पर डीआरएम व एडीआरएम जैसे आलाधिकारियों का आना जाना लगा रहता है.
बावजूद इसके किऊल जंकशन का कायाकल्प तो क्या व्यापक रुप से फेरबदल भी अब तक नहीं हो पाया है. किऊल स्टेशन पर पांच प्लेटफॉर्म है. इसमें दो, तीन व चार नंबर प्लेटफॉर्म पर रेल परिचालन का लोड अधिक है. प्लेटफॉर्म दो पर धूप व बरसात के पानी से बचने के लिये शेड के नाम पर पूछताछ व पूर्वी छोर पर छोटा बड़ा छतरी के रूप में लगा है. जो प्लेटफॉर्म नंबर दो के अलावे तीन के यात्री भी रुकते हैं.
वहीं प्लेटफॉर्म चार व पांच पर दो जगह छोटा शेड बना है.
जबकि तीन व चार नंबर प्लेटफॉर्म पर ट्रेनों के परिचालन की व्यस्तता अधिक रहती है. बावजूद इसके यात्रियों को इस प्रकार की सुविधाएं नदारद है. बरसात व कड़ी धूप में प्लेटफॉर्मदो व तीन पर ट्रेन पकड़ने के लिये यात्री सतह पर भेड़ बकरी की तरह एक ही जगह जमा होने के लिये विवश हो जाते हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म बढ़ाने के लिये निर्माण कार्य शुरु है. यात्रियों की सुविधाओं के लिये स्टेशन का विस्तारीकरण का कार्य भी प्रारंभ है. यात्रियों की सुविधाओं के मद्देनजर पेयजल, यात्री शेड अतिरिक्त बुकिंग काउंटर व अ न्य सुविधा को लेकर प्रयास किया जा रहा है.
सुशील कुमार चौधरी, स्टेशन प्रबंधक, किऊल