दिनभर शहर में लगा जाम सड़कों पर रेंगते रहे वाहन

हलकान. कई लोगों को सड़क पर ही बांधनी पड़ी राखी सावन की अंतिम सोमवारी व रक्षाबंधन को लेकर शहर की मुख्य सड़क व अन्य सड़कों पर दिनभर जाम लगा रहा. जाम की स्थिति ऐसी थी कि पैदल चलने वाले राहगीर आगे नहीं बढ़ पा रहे थे. सड़कों पर बेतरतीब ढंग से वाहन फंसे हुए थे. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 8, 2017 5:55 AM

हलकान. कई लोगों को सड़क पर ही बांधनी पड़ी राखी

सावन की अंतिम सोमवारी व रक्षाबंधन को लेकर शहर की मुख्य सड़क व अन्य सड़कों पर दिनभर जाम लगा रहा. जाम की स्थिति ऐसी थी कि पैदल चलने वाले राहगीर आगे नहीं बढ़ पा रहे थे. सड़कों पर बेतरतीब ढंग से वाहन फंसे हुए थे. दो पहिया वाहन व तीन पहिया वाहन कई घंटों तक रेंगते रहे. दोपहर बाद पुलिस ने किसी तरह वाहनों को आगे निकालने में सफल हुआ.
लखीसराय : सावन महीने का अंतिम दिन के साथ-साथ रक्षाबंधन को लेकर बाजार में सोमवार की सुबह से वाहनों की अधिकता देखी गयी़ जहां शहर के आसपास के लोग रक्षाबंधन के लिए राखी सहित मिठाइयां व उपहार खरीदने के लिए लखीसराय मुख्य बाजार में जुटे थे, वहीं सावन महीने के अंतिम दिन व सोमवार को बिहार का देवघर कहे जाने वाले श्रीइंद्रदमनेश्वर महादेव अशोक धाम में जलार्पण के लिए बाहर से आने वाले वाहनों की वजह से भी सोमवार को दिन भर शहर की मुख्य सड़क पर जाम की स्थिति बनी रही. सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक मुख्य सड़क पर जाम लगा रहा.
इस दौरान पुलिस प्रशासन के अथक प्रयास से वाहनों को सरकते देखा जा रहा था़ जाम हटाने के लिए यातायात पुलिस के अलावा नया बाजार थाना क्षेत्र में कवैया थाना पुलिस एवं पुरानी बाजार क्षेत्र में टाउन थाना पुलिस के जवान लगे दिखाई दिये़
बाइक सवारों मनमानी, बढ़ा रही थी परेशानी
पुरानी बाजार से नया बाजार बैंक मोड़ तक कतार में लगे रहे वाहन
शहर में सुबह आठ बजे के बाद से ही शहर के पुरानी बाजार महावीर स्थान से लेकर नया बाजार बैंक मोड़ तक जाम की स्थिति बनी रही़ हालांकि इस दौरान प्रशासन द्वारा जगह-जगह तैनात पुलिस व होमगार्ड के जवान वाहनों को व्यवस्थित रूप से निकालने की कोशिश करते दिखाई दे रहे थे, लेकिन सोमवार को शहर में अचानक दोपहिया वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी व सावन की अंतिम सोमवारी व पूर्णिमा होने की वजह से अशोकधाम में जलार्पण के लिए बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों की वजह से दिनभर जाम की स्थिति बनती रही.

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