मनमानी पर लगे लगाम तो शहर से खत्म हो जाम

नियम ताक पर . रेलवे पुल के समीप बस चालकों की मनमानी जिला प्रशासन के गाहे-ब-गाहे की गयी दंडात्मक कार्रवाई के बावजूद वाहन चालकों की मनमानी पर अंकुश नहीं लग पाया है. सवारी उठाने की आपाधापी में जत्र-तत्र वाहन खड़ा कर दिया जाता है. इससे शहर में जाम लगता रहता है. नतीजतन, शहरवासियों को जाम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 28, 2017 4:31 AM

नियम ताक पर . रेलवे पुल के समीप बस चालकों की मनमानी

जिला प्रशासन के गाहे-ब-गाहे की गयी दंडात्मक कार्रवाई के बावजूद वाहन चालकों की मनमानी पर अंकुश नहीं लग पाया है. सवारी उठाने की आपाधापी में जत्र-तत्र वाहन खड़ा कर दिया जाता है. इससे शहर में जाम लगता रहता है. नतीजतन, शहरवासियों को जाम की समस्या से जूझना पड़ता है. सबसे बुरी स्थिति तो रेलवे पुल के निकट होती है. चालक बस खड़ी कर ऑटो चालकों से उलझते रहते हैं और लोग घंटों जाम में फंसे रहते हैं.
लखीसराय : लगातार आपत्ति व विरोध प्रकट किये जाने के बावजूद शहर की मुख्य सड़क पर रेलवे पुल के निकट बस खड़ा कर यात्री चढ़ाने उतारने का सिलसिला जारी है. जिला प्रशासन के गाहे-ब-गाहे किये दंडात्मक कार्रवाई के बावजूद इनकी मनमानी पर अंकुश नहीं लग पाया है. नतीजतन, शहरवासियों को जाम की समस्या से जूझना पड़ता है. अन्यत्र शहरों से यात्री लेकर इस शहर से गुजरने वाले यात्री बसों को ही इसके लिये कुछ मिनटो का ठहराव दिया गया है. लेकिन इसका गलत फायदा उठाते हुए लखीसराय से ही खुलने वाली बस यहां अहले सुबह से ही एक के बाद एक खड़ी रहती है. इसके लिये इन बसों के खुलने का समय भी निर्धारित किया गया है.
मनमानी का आलम यह है कि ये लोग रेलवे पुल के पास ऑटो चालकों को वाहन लगाने या यात्री उठाने का विरोध करते हैं. बुधवार की अहले सुबह एक रिजर्व ऑटो वाले को यात्री बैठाने को लेकर बस चालकों के विरोध के कारण काफी जद‍्दोजहद उठानी पड़ी. ऐसा नजारा आये दिन रेलवे पुल के निकट दक्षिणी भाग में देखा जा सकता है.ऐसे में वजनी सामान के साथ दालपट‍्टी, कचहरी आदि तक जाने वाले यात्रियों को भी परेशानी झेलनी पड़ती है. इस संदर्भ में ऑटो चालकों द्वारा जिला प्रशासन से बस वालों की मनमानी के विरूद्ध कई दफा शिकायत किया जा चुका है. लेकिन आज भी स्थिति यह है कि जाम के लिये प्रसिद्ध इस शहर के मुख्य मार्ग से दिन भर यात्री वाहन वह भी ओवरलोड प्रशासनिक पदाधिकारियों के नाक नीचे से लगातार गुजरते देखे जा रहे हैं. इन बसों की हालत यह है कि सुरक्षा मानकों पर भी यह खरा नहीं उतरते हैं. मेडिकल सुविधा, अग्निशामक यंत्र का नितांत अभाव रहता है. इस संबंध में डीटीओ अरविंद कुमार ने बताया कि मुंगेर आयुक्त कार्यालय से बस वालों के लिये निर्गत परमिट के संबंध में विस्तृत जानकारी ली जा रही है. जल्द ही पुलिस प्रशासन की सहायता से इनके विरूद्ध दमनात्मक अभियान चलाया जायेगा. ऑटो परिचालन को भी नियंत्रित करने को लेकर आवश्यक जानकारी जुटायी जा रही है. अवैध परिचालन पर जल्द ही अंकुश लगाया जायेगा.

Next Article

Exit mobile version