जिले की एक बड़ी आबादी का बालू व्यवसाय से जलता था घर का चूल्हा
दिहाड़ी मजदूर परेशान. किऊल नदी से बालू निकासी पर लगा हुआ है रोक बालू व्यवसाय को व्यवस्थित करने का प्रयास, डंप बालू की हुई नीलामी लखीसराय : जिला मुख्यालय, चानन, रामगढ़ चौक, सूर्यगढ़ा, हलसी और सदर प्रखंड का एक बहुत बड़ी आबादी बालू व्यवसाय पर निर्भर करता है. खास कर दिहाड़ी वाले मजदूरों के जीवन […]
दिहाड़ी मजदूर परेशान. किऊल नदी से बालू निकासी पर लगा हुआ है रोक
बालू व्यवसाय को व्यवस्थित करने का प्रयास, डंप बालू की हुई नीलामी
लखीसराय : जिला मुख्यालय, चानन, रामगढ़ चौक, सूर्यगढ़ा, हलसी और सदर प्रखंड का एक बहुत बड़ी आबादी बालू व्यवसाय पर निर्भर करता है. खास कर दिहाड़ी वाले मजदूरों के जीवन यापन का एक महत्वपूर्ण साधन किऊल नदी से बालू उठाव कार्य है. लगभग दो वर्ष से नियम कानून के उलझन में किऊल नदी से बालू उठाव कार्य पर रोक लगी हुई है. जबकि पूरे प्रदेश के बालू व्यवसाय को व्यवस्थित करने को लेकर नित्य नई व्यवस्था की जा रही है.
बालू उठाव पर ब्रेक लगे रहने के बावजूद खुदरा बालू क्रय विक्रय केंद्र के लिए इन दिनों नये सिरे से लाइसेंस निर्गत करने का कार्य प्रारंभ है. जिसके लिये विज्ञापन प्रकाशन के उपरांत काफी कम समय देने के कारण आवेदन देने की तिथि में बढ़ोतरी को लेकर राज्य मुख्यालय से निर्देश जारी करने की मांग रखी गयी है. इसके अतिरिक्त खनन विभाग द्वारा ही बालू बिक्री करने का नया निर्देश राज्य सरकार द्वारा प्राप्त हुआ है. जबकि अवैध बालू जब्ती के उपरांत भंडारण को लेकर भी गोदाम की खोज की जा रही है.
बालू घाट की पास धर्मकांटा लगाये जाने को कहा गया है. किऊल नदी से अवैध बालू खनन को रोकने को लेकर जिला प्रशासन काफी परेशान है. सितंबर-अक्तूबर माह में किऊल नदी के विभिन्न घाटों पर अवैध रूप से डंप किये बालू को जब्त कर जिला प्रशासन ने निर्माणाधीन पुलिस लाइन में जमा कर रखा है. जिसमें 20 हजार मैट्रिक टन बालू की नीलामी की प्रक्रिया आज संपन्न हो गयी. यह खुली डाक पूर्व में 31 अक्तूबर को ही निर्धारित था. जिसमें एक मात्र आवेदन स्वीकृत होने के कारण उसे रद्द कर दिया गया था.