10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दाल का कटोरा हो रहा खाली साहब अब तो करिए रखवाली

लखीसराय : बड़हिया-मोकामा टाल के किसानों का दोहरी फसलीकरण की ड्रीम योजना पिछले छह दशक से पूरा नहीं हो सकी है. सरकार ने कई बार कोशिश की लेकिन दृढ़ इच्छाशक्ति की कमी के कारण सपना पूरा नहीं हो सका. किसानों के परिवार बढ़ जाने और प्रत्येक वर्ष उत्पादन कम होने से किसानों की हालत दयनीय […]

लखीसराय : बड़हिया-मोकामा टाल के किसानों का दोहरी फसलीकरण की ड्रीम योजना पिछले छह दशक से पूरा नहीं हो सकी है. सरकार ने कई बार कोशिश की लेकिन दृढ़ इच्छाशक्ति की कमी के कारण सपना पूरा नहीं हो सका. किसानों के परिवार बढ़ जाने और प्रत्येक वर्ष उत्पादन कम होने से किसानों की हालत दयनीय होने के साथ ही बैंक ऋण और साहूकारों के ऋण से दब कर जीवन मरण पर सोचने को मजबूर होकर चौराहे पर खड़ा है.

बिहार के प्रसिद्ध दलहन फसल उत्पादक क्षेत्र बड़हिया मोकामा-फतुहां टाल एक लाख हेक्टेयर में फैला हुआ है. इसमें बड़हिया टाल 1064 हेक्टेयर में फैली है. इसकी मिट्टी काली व सुगंधित होती है. इसमें उत्पादित दलहन फसल भी सुगंधित होती है. पूरे भारत में इस स्वाद की दाल अन्य स्थलों पर पैदा नहीं होती है.

कम होती जा रही दलहन की पैदावार
टाल में प्रत्येक वर्ष दलहन का पैदावार कमतर होता जा रहा है, जिससें दाल की कमी होती जा रही है. सरकार ऐसी परिस्थिति में अरबों रुपये का विदेश से दाल खरीद कर देश में उसकी कमी को पूरा करती है. यहीं धन विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ टाल क्षेत्र में योजना बना कर दो फसलीकरण करती तो सारे भारत को बड़हिया, मोकामा, फतुहा टाल दलहन व अन्य फसल को पूरा कर सकती है.
छह दशक से दोहरी फसलीकरण योजना खटाई में
आजादी के लगभग 69 वर्ष बीत जाने के बाद भी टाल के किसानों को दो फसलीकरण का सपना पूरा नहीं हो सका है. जिसके लिये किसान लगातार संघर्ष करते रहे हैं. लेकिन केंद्र एवं राज्य सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है. जिसके कारण आज भी इस क्षेत्र में एक फसल रबी जिसमें चना, मसूर, केराव, खेसारी, राई एवं गेहूं का ही पैदावार किया जाता है. इसके बावजूद कभी सुखाड़, कभी जलजमाव तथा कभी कीड़ाखोरी से किसान परेशान हैं.
बोले टाल के किसान
किसान नेता सह किसान महेश्वरी प्रसाद सिंह ने बताया कि अगर सरकार दाल का कटोरा माने जाने वाले बड़हिया-मोकामा टाल में एक योजना बना कर एक मुश्त से कार्य कर दे तो इस क्षेत्र के किसानों की तकदीर ही बदल जायेगी. साथ ही बिहार राज्य भी पंजाब, हरियाणा की तरह विकसित राज्यों में शामिल हो जायेगा. जिससे मजदूरों को रोजगार एवं पूरे भारत को दाल भी अपने ही क्षेत्र में पैदा हुई दाल मिल सकेगा. अनिल सिंह ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री भी टाल क्षेत्र से ही संबंध रखते हैं और पिछले 13 वर्षो से सूबे की बागडोर संभाले हुए हैं. उन्हें टाल की हर समस्या की जानकारी है. वे चाहें तो केंद्र सरकार की मदद से इस क्षेत्र में भी दो फसलीकरण की योजना ला सकते हैं. कृष्णनंदन सिंह ने कहा कि नीतीश सरकार टाल योजना को प्राथमिकता के आधार सोचा और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह ने पइन उगाही कर किसान का ड्रीम सपना पूरा करने को लेकर एंटी फ‍्लड स्लुईस गेट निर्माण की स्वीकृति प्रदान की. जिसका शिलान्यास मुख्यमंत्री के हाथों होगा. मुकेश सिंह ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि इस क्षेत्र में दाल का अत्यधिक पैदा होने की संभावना के बावजूद केंद्र व राज्य सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. टाल क्षेत्र को दो फसलीकरण होने से किसान, मजदूरों की माली हालत सुधरेगी और पैदा भी अच्छी होगी.
वर्ष 1963 में केएल राव ने टाल का प्रोजेक्ट बनाया था
टाल क्षेत्र के विकास को लेकर केंद्र एवं राज्य सरकार ने अपने इंजीनियर केएल राव को वर्ष 1963 में इस क्षेत्र का दौरा कर प्रोजेक्ट बनाने की जिम्मेवारी सौंपी, लेकिन श्री राव के रिपोर्ट में अधिक राशि की लागत को देख कर उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. इसके बाद वर्ष 1969 एवं 70 में किसान रामनारायण सिंह के आमरण अनशन के बाद केंद्र सरकार ने दो वर्षो तक इस क्षेत्र को कीड़ाखोरी से बचाव को लेकर हवाई जहाज से कीटनाश का छिड़काव भी कराया. वर्ष 1980 में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र ने बड़हिया टाल दियारा, हरूहर नदी के किनारे पचास से उपर की संख्या में लिफ्ट इरिगेशन का टावर बना कर मोटर पंप बैठा कर सिंचाई की सुविधा प्रदान की, लेकिन यह सरकार को शोभा बन कर रह गया.
बोले प्रखंड कृषि पदाधिकारी
बड़हिया प्रखंड के कृषि पदाधिकारी धर्मेंद्र चौधरी ने बताया कि टाल योजना उनके स्तर से उपर की चीज है. यह राज्य सरकार स्वयं प्रोजेक्ट बना कर केंद्र सरकार को देती है. केंद्र सरकार राशि देगा तो टाल योजना के तहत कार्य प्रारंभ किया जा सकता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें