अस्पताल में ओट खोजते हैं मरीज

सूर्यगढ़ा : पीएचसी सूर्यगढ़ा आने वाले मरीजों एवं उनके परिजनों को खुले में शौच जाने को मजबूर होना पड़ रहा है. पीएचसी के ओपीडी में हर रोज लगभग 250 मरीज इलाज के लिए आते हैं. सारा दिन मरीजों एवं उनके परिजनों के अलावा आम लोगों का पीएचसी में आना-जाना लगा रहता है लेकिन पीएचसी में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2017 6:14 AM

सूर्यगढ़ा : पीएचसी सूर्यगढ़ा आने वाले मरीजों एवं उनके परिजनों को खुले में शौच जाने को मजबूर होना पड़ रहा है. पीएचसी के ओपीडी में हर रोज लगभग 250 मरीज इलाज के लिए आते हैं. सारा दिन मरीजों एवं उनके परिजनों के अलावा आम लोगों का पीएचसी में आना-जाना लगा रहता है लेकिन पीएचसी में कोई सार्वजनिक शौचालय नहीं है. शौच लगने पर लोगों को खुले में शौच जाना पड़ता है. पीएचसी में सार्वजनिक शौचालय निर्माण की अब तक पहल भी नहीं की गयी है. ताज्जुब है जिस सूर्यपुरा पंचायत में पीएचसी आता है, वह शहरी क्षेत्र की आबादी में पड़ता है. उक्त पंचायत को 30 नवंबर 2017 को ही ओडीएफ होना था. पंचायत की मुखिया शीला देवी दावा कर रही है कि ओडीएफ का 95 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया.

पंचायत के 20-25 परिवारों को शौचालय के लिए जमीन नहीं है उनके लिए सार्वजनिक शौचालय का निर्माण किया जायेगा. ऐसे में दुरुस्त लोग जो इलाज के लिए पीएचसी आते हैं उन्हें शौच लगने की स्थिति में क्या विकल्प है. इस सवाल पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ धीरेंद्र कुमार की भी चुप्पी साध जाते हैं. ड्रेसर त्रिवेणी प्रसाद ने बताया कि हाल में ही बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पहली मंजिल पर मरीजों के लिए चार शौचालय है जिसमें दो महिला एवं दो पुरुष के लिए है.

शौचालय का इस्तेमाल सीएचसी में भरती मरीज ही कर सकते हैं. ऐसे में पीएचसी आने वाले अन्य मरीजों के लिए पेशाब लगने पर भी ओट तलासना पड़ता है. हाल में ही चेंबर की पहल पर अंचलाधिकारी प्रेम कुमार द्वारा थाना चौक के समीप शौचालय निर्माण के लिए छह सौ वर्गफीट जमीन उपलब्ध कराया गया है जहां चेंबर की स्थानीय इकाई छह सीट वाला सार्वजनिक शौचालय का निर्माण करेगा. लोग पीएचसी में भी सार्वजनिक शौचालय निर्माण की बाट जो रहे हैं.

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों के लिए शौचालय है लेकिन पीएचसी में सार्वजनिक शौचालय नहीं होने से लोगों को परेशानी होती है. पीएचसी में सार्वजनिक शौचालय निर्माण का प्रयास किया जायेगा.
पीएचसी में सार्वजनिक शौचालय नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. यहां हमेशा मरीजों की भीड़‍ होती है लेकिन शौचालय, यूरिनल जैसी मूलभूत सुविधा भी नहीं है.
राकेश कुमार, व्यवसायी
शौचालय के अभाव में पीएचसी आने वाले लोगों को शर्मसार होना पड़ता है. लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हो जाते हैं. सभ्य समाज के लिए ठीक बात नहीं है ़
श्रवण वर्मा, स्वर्ण व्यवसायी
सार्वजनिक स्थलों पर शौचालय की आवश्यकता है. पीएचसी में ओपीडी के समय मरीजों की भीड़ होती है, ऐसे में शौचालय की सुविधा नहीं होने से परेशानी बनी हुई है.
कैलाश प्रसाद सिंह, खेमयू अंचल सचिव
पीएचसी में सार्वजनिक शौचालय का अभाव है. प्रत्येक दिन पांच सौ से अधिक लोग पीएचसी आते हैं. ऐसे में शौच, यूरिनल लगने पर उन्हें शर्मसार होना पड़ता है.
विजय यादव, दवा व्यवसायी

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