शुक्र है, ओले नहीं गिरे नहीं तो हो जाते बर्बाद

लखीसराय : एकाएक मौसम का मिजाज बदला और खुले आसमान में काली घटा घिर गया. जिससे टाल एवं दियारा में कटनी एवं दौनी करा रहे किसानों का दिल दहलने लगा और ईश्वर से प्रार्थना करने लगे बचाव बचाव. आपके सिवाय कोई सहारा नहीं. हालांकि बूंदाबांदी होकर दोपहर बाद आसमान साफ हो गया. जिससे किसानों ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 6, 2018 5:29 AM

लखीसराय : एकाएक मौसम का मिजाज बदला और खुले आसमान में काली घटा घिर गया. जिससे टाल एवं दियारा में कटनी एवं दौनी करा रहे किसानों का दिल दहलने लगा और ईश्वर से प्रार्थना करने लगे बचाव बचाव. आपके सिवाय कोई सहारा नहीं. हालांकि बूंदाबांदी होकर दोपहर बाद आसमान साफ हो गया. जिससे किसानों ने राहत की सांस ली. जिले के 1064 हेक्टेयर एवं दियारा के हजारों बीघा में दलहन और गेहूं की फसल की कटनी और दौनी उत्पादक किसान करा रहे थे.

इसी बीच गुरुवार को प्रात: मौसम का मिजाज बदला और आसमान में काली घटा घिर गया. जिससे किसान का दिल दहलने लगा कि अगर हवा, बारिश और ओला पड़ा तो बर्बाद हो जाऊंगा. ईश्वर से प्रार्थना करने लगे. हालांकि बूंदाबांदी पड़ी.कई घंटे आसमान में काली घटा छायी रही, लेकिन दो बजे के बाद आसमान साफ हुआ और धूप निकला तो किसानों ने राहत की सांस ली. इस संबंध में टाल के किसान महेश्वरी प्रसाद सिंह ने बताया कि जिस समय आसमान में काली घटा छायी तो हम सब किसानों का दिल दहलने लगा ,क्या होगा.

वहीं अमरनाथ सिंह, विपिन कुमार, प्रफुल्ल चंद्र आदि ने बताया कि ऐसे ही बड़हिया टाल एक फसल है उपर से किसानों का अनाज का उचित कीमत बाजार में नहीं मिल रहा है . केंद्र और राज्य सरकार सहयोग नहीं दे रही है. उपर से प्राकृतिक भी साथ नहीं देगा तो किसान के समक्ष आत्म हत्या के सिवाय कोई और चारा नहीं रहेगा. मौसम बिगड़ा तो लगा कि हमलोग बर्बाद हो जायेंगे, लेकिन ईश्वर ने बचा लिया. वहीं दियारा के किसान प्रहृलाद प्रसाद सिंह ,बमबम सिंह, संजय कुमार ने बताया कि आज साक्षात होकर किसानों को ईश्वर ने बचा लिया. बारिश होती तो गेहूं की कटनी नहीं हो पाता और न ही दौनी. ओला पड़ जाता तो बर्बाद हो जाते.

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