खून-पसीने से तैयार ”सोने” पर न हो जाये तुसारापात

बारिश से किसान हताश, गेहूं फसल को नुकसान सूर्यगढा : प्राकृतिक आपदा का दंश झेल रहे किसान एक बार फिर मौसम की बेरूखी से हताश है. उन्हें यह चिंता सता रही है कि बारिश कहीं उनकी गेहूं की फसल को बर्बाद न कर दे. गुरुवार को हुई हल्की बारिश ने किसानों की नींद उड़ा दी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 6, 2018 5:29 AM

बारिश से किसान हताश, गेहूं फसल को नुकसान

सूर्यगढा : प्राकृतिक आपदा का दंश झेल रहे किसान एक बार फिर मौसम की बेरूखी से हताश है. उन्हें यह चिंता सता रही है कि बारिश कहीं उनकी गेहूं की फसल को बर्बाद न कर दे. गुरुवार को हुई हल्की बारिश ने किसानों की नींद उड़ा दी है. उनकी हजारों एकड मकई की फसल पहले ही बाली में दाना नहीं लगने से बर्बाद हो चुका है. अन्नदाता अपनी किस्मत को कोस रहे हैं. किसान गेहूं की फसल अच्छी होने को लेकर आशान्वित है. उन्हें उम्मीद है कि मक्का फसल की हुई बर्बादी कें बाद गेहूं की अच्छी फसल उनकी दुखती रग पर मरहम का काम करेगा. किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी, लेकिन गुरुवार को हुई हल्की बारिश ने किसानों की नींद उडा दी है.
सूर्यगढा प्रखंड में लगभग ढ़ाई हजार हेक्टेयर में मक्के की खेती होती है. किसान सलाहकार अंगद कुमार के मुताबिक बारिश से गेहूं की फसल को नुकसान हो रहा है. अभी हल्की बारिश हुई है अगर बारिश अधिक हुई तो गेहूं की फसल बर्बाद हो जायेगा. इतनी बारिश में गेहूं में पानी लगेगा लेकिन इसमें विशेष क्षति नहीं होगी. कृषि मामले के जानकार उर्वरक एवं बीज विक्रेता अजय ठाकुर ने बताया कि खेत में तैयार हो चुका गेहूं की फसल में बारिश के कारण काफी क्षति होगा. गेहूं का वजन हल्का हो जायेगा और अगले वर्ष अगर उसके बीज की बुआई होगी तो जर्मनेशन की समस्या आयेगा. प्याज की फसल में भी रोग का प्रकोप बढेगा. उसमें थ्रीप्स कीड़ा लगने की संभावना बढेगा. आम की फसल में बारिश से फायदा होगा. किसान प्रभाकर सिंह ने बताया कि मकई की बाली में दाना नहीं आने से किसान पहले ही परेशान है. आर्थिक विपन्न्ता ने उनकी कमर तोड दी है.

Next Article

Exit mobile version