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लखीसराय : नक्सली सरयुग कोड़ा गिरफ्तार, जमानत पर छूटने के बाद कई नक्सली हमलों को दिया था अंजाम

लखीसराय/मुंगेर : एसटीएफ ने शनिवार को गुप्त सूचना के आधार पर कजरा थाना के लाल वारंटी सरयूग कोड़ा को शृंगी ऋषि धाम के पास से गिरफ्तार किया है. इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला के एएसपी अभियान पवन कुमार उपाध्याय ने बताया कि सरयूग कोड़ा की गिरफ्तारी हुई है, लेकिन उसके पास से कोई […]

लखीसराय/मुंगेर : एसटीएफ ने शनिवार को गुप्त सूचना के आधार पर कजरा थाना के लाल वारंटी सरयूग कोड़ा को शृंगी ऋषि धाम के पास से गिरफ्तार किया है. इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला के एएसपी अभियान पवन कुमार उपाध्याय ने बताया कि सरयूग कोड़ा की गिरफ्तारी हुई है, लेकिन उसके पास से कोई हथियार बरामद नहीं हुआ है.

उन्होंने ने बताया कि गिरफ्तार सरयूग कोड़ा पर कजरा थाना में नक्सल गतिविधियों को लेकर चार मामले दर्ज हैं. जिसमें पुलिस के साथ नक्सलियों के मुठभेड़ का भी मामला है. पुलिस उससे पूछताछ कर रही है. इन दिनों वह कजरा थाना क्षेत्र के राजघाट कोल में अपना ठिकाना बनाये हुए था. वहीं सूत्रों की माने तो 50 वर्षीय सरयूग कोड़ा विगत काफी समय से अपने आपको नक्सली गतिविधियों से अलग रखे हुए था तथा राजघाट कोल में रहकर जीवन यापन कर रहा था, वहीं लाल वारंटी होने की वजह से पुलिस उसकी तलाश में थी.

मुंगेर जेल से जमानत पर छूटने के बाद कई नक्सली हमलों को अंजाम दिया सरयुग
मुंगेर : हार्डकोर नक्सली सरयुग कोड़ा मुंगेर प्रक्षेत्र के पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था. जिसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही थी. जमालपुर एसटीएफ भी उसकी गिरफ्तारी के लिए पिछले कई माह से रैकी कर रहा था और अपने गुप्तचर को उसके बारे में सूचना के लिए छोड़ रखा था. शनिवार को जमालपुर एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उसे लखीसराय जिले के कजरा थाना क्षेत्र के श्रृंगीऋषि नवका टोला बकोर गांव से उसके घर से गिरफ्तार कर लिया.

बताया जाता है कि 14 जून 2013 को धरहरा थाना के दशरथपुर से हार्डकोर नक्सली सरयुग कोड़ा को गिरफ्तार किया था. वह धरहरा थाना क्षेत्र में बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में है. सूचना मिलने के बाद पुलिस ने दशरथपुर में छापामारी कर सरयुग कोड़ा को एक देशी कट्टा एवं दो जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद वह मंडल कारा मुंगेर में बंद था. लेकिन, जब वह जेल से जमानत पर बाहर निकला, तो वह नक्सली संगठन के मारक दस्ता में शामिल हो गया और मुंगेर, जमुई एवं लखीसराय के अलावे दूसरे राज्यों में जाकर नक्सली कार्रवाई को अंजाम देने लगा.

कई संगीन मामलों में शामिल रहा है सरयुग कोड़ा
सरयुग कोड़ा हार्डकोर नक्सली है. मुंगेर जेल से छुटने के बाद वह कई संगीन मामलों को अंजाम दिया. जिसमें कुंदर हाल्ट पर ट्रेन पर हमला एवं चानन में बालू कारोबारियों पर हमला प्रमुख है. 14 जून 2013 को लखीसराय जिले के चानन थाना क्षेत्र के बसतपुर गांव में नक्सलियों ने देर रात एक अवैध बालू केंद्र पर धावा बोलकर पांच ट्रक सहित आठ वाहनों को फूंक दिया था. एक जेसीबी चालक भंडार गांव निवासी राजेश बिंद (22) की गोली मारकर हत्या कर दी थी. उस समय पुलिस ने बताया था अवैध बालू खनन करने वाले लोगों द्वारा किऊल नदी से अवैध तरीके से बालू का खनन कर बसतपुर के गंगटिया घाट पर जमा किया जाता था. फिर ट्रकों पर लोड कर उसे बाहर भेजा जाता है. देर रात 15-20 हथियारबंद नक्सलियों ने सेंटर पर हमला बोल दिया और वहां खड़े वाहनों को आग के हवाले कर दिया था.

लेवी नहीं देने के कारण नक्सलियों ने हमला किया था. इस घटना में सरयुग कोड़ा का नाम आया था. इधर 15 अप्रैल 2017 को धनबाद-पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन को दिन दहारे झाझा-किऊल रेलखंड के कुंदर रेलवे हाल्ट पर नक्सलियों ने बंधक बना लिया था. इस दौरान नक्सलियों ने जमकर गोलीबारी की और बम फोड़े थे. गोलीबारी में आरपीएफ जवान सुखांतो देवनाथ, जमुई निवासी यात्री कुमार अमित और मुहम्मद सरवर इस्लाम की मौत हो गयी थी. मृतक कुमार अमित बिहार पुलिस में अवर निरीक्षक के पद पर कार्यरत थे, वह पटना जा रहे था. इस घटना में भी सरयुग कोड़ा शामिल था. उसके खिलाफ जमुई जिले के बरहट थाने में मामला दर्ज है.

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