नगर परिषद क्षेत्र की योजनाओं की लोकायुक्त की टीम ने की जांच

लखीसराय : नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर 6 के 3 योजनाओं की जांच बुधवार को अधीक्षण अभियंता बीरेंद्र कुमार दास के नेतृत्व में तीन सदस्य टीम के द्वारा किया गया वार्ड नंबर छह के बिना प्रिंटिंग प्रेस से लेकर प्रकाश चौधरी के मकान तक नाला निर्माण एवं प्रकाश चौधरी के घर से लेकर नवल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 5, 2019 8:54 AM

लखीसराय : नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर 6 के 3 योजनाओं की जांच बुधवार को अधीक्षण अभियंता बीरेंद्र कुमार दास के नेतृत्व में तीन सदस्य टीम के द्वारा किया गया वार्ड नंबर छह के बिना प्रिंटिंग प्रेस से लेकर प्रकाश चौधरी के मकान तक नाला निर्माण एवं प्रकाश चौधरी के घर से लेकर नवल भारती के मकान तक मुख्यमंत्री न लीगली निश्चय योजना की जांच की गयी.

इस दौरान जांच दल के द्वारा की गयी योजनाओं की माफी एवं अन्य प्रक्रिया भी किया गया. जांच दल ने नाला निर्माण की गुणवत्ता काफी जांच की. इस दौरान जांच दल आवेदक द्वारा लगाये गये आरोप के बारे में भी पूछताछ की जांच दल की टीम ने आवेदक संजय कुमार प्रजापति जांच के दौरान उपस्थित नगर परिषद उपसभापति प्रो सुनील कुमार, नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी डॉ विपिन कुमार एवं कनीय अभियंता से भी जानकारी लेते हुए पूछताछ की.
वार्ड नंबर 6 धर्मराज निवासी संजय कुमार प्रजापति द्वारा बिहार लोकायुक्त के समक्ष वार्ड नंबर आठ में मुख्यमंत्री नली गली योजना के तहत बिना प्रिंटिंग प्रेस से लेकर प्रकाश चौधरी के मकान तक पुरानी बनी हुई नाली पर ही दो चार धारी ईट की दीवार की जुड़ाई कर ऊपर से 84 लेवर डालकर नाला का रूप दे दिया गया है, जबकि प्रकाश चौधरी से लेकर नवल भारती के मकान तक नाला निर्माण की बात कही गयी है जबकि प्रकाश चौधरी से नवल भारती तक एवं विषहरी स्थान से काली अस्थान तक ना नाला निर्माण ही नहीं कराया गया है.
परिवाद दायर किया गया है संजय कुमार प्रजापति की शिकायत पर ही वार्ड नंबर 6 की योजनाओं की जांच की गयी है, जांच दल द्वारा जांच के दौरान शिकायत कर्ताओं की बातों को दरकिनार किया जा रहा था, जिससे कि जांच महज खानापूर्ति जैसा ही दिखाई दे रहा था, वहीं जांच दल द्वारा वार्ड नंबर 9 में बड़ी पोखर के अतिक्रमण की शिकायत की जांच पड़ताल की गयी.
इस दौरान शिकायतकर्ता रमण कुमार की उपस्थिति में जांचकर्ताओं द्वारा मापी भी की गयी, लेकिन रमण कुमार इस माटी को गलत बताते हुए आवेदन एवं मां की रिपोर्ट के अनुसार माफी करने को कहा. इस पूरे जांचकर्ता में सीओ से कागजात उपलब्ध कराने के बाद अतिक्रमण पोखर की माफी कर जांच करने की बातें कही गयी.
हालांकि लोकायुक्त के अधीक्षण अभियंता में अक्तूबर माह में सीओ रमेश कुमार सिंह से संबंधित अभिलेख की प्रमाणित छायाप्रति नक्शा एवं उसका फोटो तथा 10-10 फीट की दूरी पर नाला की चौड़ाई की को अंकित करते हुए लाल रंग से दर्शाते हुए दो प्रतियों में अभिलेख की मांग की गयी थी लेकिन सीओ द्वारा अब तकअभिलेख उपलब्ध कराए जाने की सूचना नहीं है.

Next Article

Exit mobile version