दवा दुकानों की बंदी प्रारंभ,दवा को ले भटकते दिखे रोगी व उनके परिजन
लखीसराय : बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज एवं लखीसराय केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर औषधि नियंत्रण प्रशासक के द्वारा खुदरा व्यवसायियों को फार्मासिस्ट की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के नाम पर एवं अन्य व्यवसायियों को छोटे-छोटे खुद रहा दवा विक्रेताओं के साथ सरकार की ओर से लगातार की जा रही उत्पीड़न एवं प्रताड़ना […]
लखीसराय : बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज एवं लखीसराय केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर औषधि नियंत्रण प्रशासक के द्वारा खुदरा व्यवसायियों को फार्मासिस्ट की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के नाम पर एवं अन्य व्यवसायियों को छोटे-छोटे खुद रहा दवा विक्रेताओं के साथ सरकार की ओर से लगातार की जा रही उत्पीड़न एवं प्रताड़ना वाली वार्ताओं से नाराज दवा दुकानदार संगठन के लोगों की ओर से तकनीकी कारणों से किये जा रहे उत्पीड़न एवं शोषण के विरोध में तीन दिवसीय दुकान बंद रखने का कार्यक्रम बुधवार से प्रारंभ हो गया.
इस दौरान जिला केमिस्ट के द्वारा जिला प्रशासन को अपनी समस्याओं को लेकर सात सूत्री मांग पत्र भी संपर्क है उक्त आशय की जानकारी लखीसराय के अध्यक्ष सुनील कुमार एवं सचिव शैलेंद्र कुमार के द्वारा को संयुक्त रूप से जारी प्रेस विज्ञप्ति में दी गयी. इस बीच जिलेभर में बुधवार को लखीसराय केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर लगभग सभी थोक एवं खुदरा दवा दुकानदारों के दुकान बिल्कुल बंद दिखे.
इस दौरान दुकानों में ताला लगे रहे दिन भर मरीजों एवं रोगियों के परिजन के द्वारा अपनी जरूरत की दवाओं का लेने के लिए काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, बावजूद प्रशासनिक स्तर से इस दिशा में किसी भी प्रकार के सकारात्मक प्रयास नहीं किये गये और मरीज अपनी रोग से यूं ही कराहते नजर आये.
गौरतलब हो कि फॉर्मासिस्ट समस्याओं का समाधान होने तक इन संगठनों की ओर से राज्य सरकार से पूर्व की स्थिति बाहर रखे जाने के लिए गुजारिश किया गया था एवं स्वास्थ्य विभाग से विभागीय शोषण एवं उत्पीड़न के क्रियाकलापों को तत्काल बंद करने का आग्रह किया गया था.
इस बीच एसोसिएशन के लोगों की ओर से दवा दुकानों में निरीक्षण के दौरान ड्रग एप्प को परिभाषित होने तक तकनीकी गलतियों के ऊपर दंडित नहीं करने एवं उसमें सुधार लाने का निर्देश देने का गुजारिश किया गया था.
विभागीय निरीक्षण के क्रम में एकता एवं पारदर्शिता के उद्देश्य से जिला केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के लोगों की ओर से प्रशासन को आगाह किया गया था, बावजूद जिला प्रशासन की ओर से केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की बातों को राज्य सरकार तक नहीं रखा गया एवं उस पर कोई सुनवाई नहीं की गयी, अंततोगत्वा संगठन की ओर से 22, 23 एवं 24 जनवरी को अपनी-अपनी थोक एवं खुदरा दवा दुकान को बंद रखकर विरोध प्रदर्शन करने का संगठन की ओर से सर्वसम्मति निर्णय लिया गया.
हालांकि संघ के पदाधिकारियों की ओर से बीसीडी के तहत आपातकालीन स्थिति में होने वाली परेशानियों के मद्देनजर आकस्मिक दवाओं को उपलब्ध कराये जाने का जनसामान्य के बीच भरोसा भी दिया गया है, लेकिन बुधवार को जिला मुख्यालय सहित जिले के सभी प्रखंडों में एवं अन्य बाजारों में अक्सर दवा दुकानें बंद रही.
कहीं से भी आमलोगों को अपनी जरूरत की दवा उपलब्ध नहीं हो सका, इसके चलते आम आवाम को घोर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. बावजूद जिला स्वास्थ्य समिति इन आपातकालीन हालातों से निपटने के लिए कोई खास बंदोबस्त नहीं कर सकी है.
जिले में केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के आह्वान पर आयोजित तीन दिवसीय दवा दुकानदारों के दुकान बंद के मद्देनजर जिले में आपातकालीन सेवा के तहत सभी निजी क्लिनिक में एवं बिहार सरकार से निबंधित नर्सिंग होम के अंदर संचालित दवा दुकानों तथा प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर जरूरत की हर दवाओं को मुहैया कराया गया है.
सिविल सर्जन ने कहा प्रखंड भार 44 दवा दुकानों को खुलवाये गये दवा दुकानों के बंदी के मद्देनजर जरूरतमंदों के बीच दवा मुहैया कराये जाने को लेकर जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से हरसंभव बंदोबस्त किये गये हैं. सिविल सर्जन ने कहा की दवा मामलों में आपातकालीन व्यवस्था से मुकाबला करने में डीएचएस सक्षम है. उन्होंने कहा किसी भी मरीजों का दवा के बगैर तकलीफ होने नहीं दिया जायेगा.
डॉ सुरेश शरण, सिविल सर्जन
क्या है दवा कारोबारी की मांग
सूबे के दवा कारोबारी की मांग है कि फॉर्मासिस्ट समस्या का जब तक सरकार के द्वारा समाधान नहीं हो जाता है तक तक विभाग द्वारा जारी किये गये सभी अनुज्ञप्तिधारी के साथ निरीक्षण के दौरान नियमों की आड़ में विभागीय उत्पीड़न एवं शोषण बंद किया जाय तथा इस नियम के आलोक में किये गये विभागीय कार्रवाई के उपर राहत दिया जाय.
दवा दुकानों में निरीक्षण ड्रग एक्ट में परिभाषित फार्मेट फॉर्म 35 के अनुसार होना चाहिये. अनुज्ञप्ति के नवीकरण में केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के आलोक में राज्य औषधि नियंत्रक द्वारा चलान जमा करने में एक स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किया जाये. निरीक्षण के क्रम में पाये गये तकनीकी गलतियों के उपर दंडित करने के पहले उसे सुधार के लिये उचित समय देने आदि मांग कर रहे हैं.
एसोसिएशन सूर्यगढा इकाई के संगठन अध्यक्ष विजय यादव, संगठन मंत्री अंकित केडिया, दवा कारोबारी अरूण केडिया, सुमन कुमार आदि ने संयुक्त रूप से बताया कि तीन दिवसीय बंदी के बावजूद भी सरकार के द्वारा उपरोक्त मांगों पर उचित निर्णय नहीं किया जाता है तो एसोसिएशन द्वारा अनिश्चितकालीन बंदी रखकर आंदोलन तेज किया जायेगा.