* शनिवार को किया था चालक व मुंशी का अपहरण
* जला दिया बोलेरो
* मुंशी रविवार को मुक्त
* दर्ज की गयी प्राथमिकी
सूर्यगढ़ा : शनिवार को कजरा थाना क्षेत्र के राजघाट कोल के समीप नक्सली संगठनों द्वारा लेवी की मांग को लेकर एक बोलेरो को आग के हवाले कर देने एवं चालक सहित दो लोगों को बंदी बनाने की घटना के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल है. सड़क निर्माण कार्य में लगे मुंशी मनोज यादव को नक्सलियों ने रात्रि 11 बजे मुक्त कर दिया. जबकि बोलेरो चालक गोलू कुमार रविवार की देर शाम तक नक्सलियों के कब्जे से मुक्त नहीं हो पाया.
घटना को लेकर मुंगेर जमुई सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक के निदेशक मंडल सदस्य सह उरैन पैक्स अध्यक्ष सुबोध कुमार के बयान पर कजरा थाना में दस अज्ञात नक्सलियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इधर घटना के बाद शनिवार के शाम से ही पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्र के नेतृत्व में सीआरपीएफ, एसटीएफ, बीएमपी एवं जिला पुलिस बल द्वारा कजरा पीरीबाजार एवं चानन थाना क्षेत्र के जंगली पहाड़ी इलाकों में सघन तालाशी अभियान चलाया जा रहा है.
घटना को लेकर उरैन पैक्स अध्यक्ष सुबोध कुमार ने बताया कि वे सड़क निर्माण देखने शिवडीह गांव गये थे. जहां से बोलेरो चालक एवं मुंशी गाड़ी में तेल लेने कजरा की ओर आ रहे थे. कजरा मोड़ के पास आते ही तीन हथियार बंद लोगों ने जबरन चालक को कब्जे में ले लिया. चालक एवं मुंशी का और गाड़ी के साथ अपहरण कर राजघाट कोल के समीप ले गये. वहां बोलेरो को आग के हवाले कर दिया. सूत्रों के मुताबिक, अपहरण के तुरंत बाद नक्सलियों द्वारा फिरौती की मांग की जाने लगी.
कजरा थानाध्यक्ष पवन कुमार के मुताबिक फिरौती नहीं मांगी गयी है और न ही प्राथमिकी में फिरौती का जिक्र किया गया है.
* दर्जन भर नक्सली वारदातों का गवाह बना कजरा
सूर्यगढ़ा : नक्सली संगठनों के लिए सेफजोन माना जाने वाला कजरा क्षेत्र अब तक लगभग एक दर्जन नक्सली घटनाओं के कारण सुर्खियों में रहा है. शनिवार को राजघाट कोल के समीप लेवी को लेकर संगठन के सदस्यों ने एक बोलेरो को आग के हवाले कर चालक सहित सड़क निर्माण कार्य में लगे मुंशी का अपहरण कर लिया. रात्रि 11 बजे छोड़ दिया गया. इसके पूर्व भी 29 अगस्त 2010 को कजरा राजघाट कोल के समीप ही घात लगाये नक्सलियों ने छापेमारी अभियान में गये सुरक्षा बलों पर हमला कर दिया था.
घटना में कवैया ओपी अध्यक्ष भूलन यादव सहित बीएमपी के आठ जवान शहीद हो गये. नक्सलियों ने चार अपहृत लोगों में से एक की हत्या कर दी थी. जबकि तीन को मुक्त कर दिया गया. वहीं तीन जनवरी 2005 को कजरा स्टेशन पर तैनात बीएमपी जवानों के हथियार लूट लिये गये. उसमें महिलाओं की भूमिका अहम रही. जींस टॉप पहनी युवतियां पुलिस कर्मियों के आंखों में मिर्च डाल कर घटना को अंजाम दे गयीं. वहीं 26 जनवरी 2006 को उरैन स्टेशन पर एवं वहां खड़ी एक पैसेंजर ट्रेन को नक्सलियों ने तीन घंटा तक बंधक बनाये रखा.
चार अगस्त 2006 को कजरा थाना क्षेत्र के खैरा गांव में बुधौली बुनकर पंचायत के मुखिया साधुशरण यादव सहित तीन लोगों की पुलिस मुखबिरी के आरोप में नक्सलियों ने हत्या कर दी. 26 जनवरी 2007 को खैरा गांव में पुलिस पिकेट पर हमला कर नक्सलियों ने बीएमपी के चार जवानों की हत्या कर दी. 12 दिसंबर 2007 को उसी थाना क्षेत्र अंतर्गत उरैन रेलवे स्टेशन के समीप रेलवे ट्रैक को क्षतिग्रस्त कर दिया गया. 21 दिसंबर 2007 को कजरा थाना क्षेत्र के खैरा गांव में 70 वर्षीय किसान भोला यादव की अपहरण कर हत्या कर दी गयी.
13 जून 2008 को कजरा थाना क्षेत्र के शीतला कोरासी में नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के आरोप भाकपा कार्यकर्ता तनिक कोड़ा एवं टुनटुन कोड़ा की हत्या कर दी. 11 जुलाई 2008 को पीरीबाजार थाना क्षेत्र के घोघी बरियारपुर हॉल्ट के समीप रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त कर दिया गया. 25 दिसंबर 2008 को घोघी बरियारपुर हॉल्ट के समीप भागलपुर मुजफ्फरपुर जनसेवा एक्सप्रेस ट्रेन में हमला कर नक्सलियों ने दो आरपीएफ जवानों की हत्या कर दी. 16 मार्च 2009 को कजरा थाना क्षेत्र खैरा गांव में नक्सलियों ने अपनी एक साथी रवि रविदास की हत्या का बदला लेने के लिए तीन व्यक्तियों की नृशंस हत्या कर दी.
उक्त घटनाक्रम के लगभग तीन साल बाद शनिवार को हुए इस नक्सली वारदात से लोग स्तब्ध है. हालांकि इस दरम्यान क्षेत्र में नक्सली संगठनों ने लगातार अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है. पुलिस बल नक्सलियों के खिलाफ ठोस अभियान चलाने में असफल रही है.