इंटरमीडिएट कॉलेज अमरपुर में शिक्षाकर्मियों को नहीं मिलता है मानदेय

मेदनीचौकी : मेदनीचौकी क्षेत्र के इंटरमीडिएट कॉलेज अमरपुर-भिड़हा के शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी बीते 34 वर्षों से अवैतनिक कार्य कर अपना पसीना बहा रहे हैं. मानदेय को लेकर सरकार आश्वासन पर आश्वासन दिये जा रही है. कई बार कॉलेज का निरीक्षण किया गया, हर बार आशा बंधती है. महीने दो महीनों में हताशा हाथ लगती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 29, 2015 7:03 PM

मेदनीचौकी : मेदनीचौकी क्षेत्र के इंटरमीडिएट कॉलेज अमरपुर-भिड़हा के शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी बीते 34 वर्षों से अवैतनिक कार्य कर अपना पसीना बहा रहे हैं. मानदेय को लेकर सरकार आश्वासन पर आश्वासन दिये जा रही है. कई बार कॉलेज का निरीक्षण किया गया, हर बार आशा बंधती है. महीने दो महीनों में हताशा हाथ लगती है. उत्तीर्ण छात्रों के हिसाब से महज दो वर्षों का अनुदान मुहैया कराया गया. वर्ष 1981 में स्थापित इस कॉलेज से 2015 में विज्ञान संकाय से 930 तथा कला संकाय से 250 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए.

11वीं कक्षा में विज्ञान संकाय में 768, कला संकाय में 232 व वाणिज्य में 25 विद्यार्थी नामांकित है. विद्यार्थियों के बैठने के लिए फर्नीचर है, पक्के कमरे हैं, पुस्तकालय है, प्रयोगशाला है, शौचालय है, पेयजल सुविधा है. स्थानीय कुछ दबंग लोगों द्वारा कॉलेज की 15 कट्ठा जमीन अतिक्रमित कर ली गयी है. प्रभारी प्राचार्य प्रो इंदुभूषण सिंह ने डीएम, एसपी, सीओ, थाना पुलिस से इसकी शिकायत की किंतु कोई कार्रवाई नहीं की गयी.

उधर अतिक्रमण के कारण कॉलेज का खेल मैदान बाधित है. बाउंड्री वाल तक नहीं दिया जा सका है. इससे पठन-पाठन प्रभावित है. कॉलेज में शासी निकाय गठित है किंतु विकास फंड से शिक्षा कर्मियों को मानदेय नहीं मिलता है. बगैर पारिश्रमिक के सेवा देनेवाले ये कर्मी आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं. कॉलेज का पांच कमरा अभी तक अधूरा पड़ा है. इस बाबत प्राचार्य इंदुभूषण कहते हैं कि जल्द ही विकास फंड से कमरों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जायेगा.

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