दो दिन में दो हत्याओं से व्यवसायियों में खौफ

दो दिन में दो हत्याओं से व्यवसायियों में खौफ सिकंदरा . चुनाव समाप्त होते ही क्षेत्र में हत्याओं का सिलसिला शुरू हो गया. शुक्रवार की शाम मिर्जागंज से दुकान बंद कर अपने घर लोसघानी जा रहे हार्डवेयर व्यवसायी मदन मिस्त्री की अगवा कर नृशंस तरीके से हत्या कर दी गयी. पुलिस अभी मदन मिस्त्री के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 18, 2015 6:47 PM

दो दिन में दो हत्याओं से व्यवसायियों में खौफ सिकंदरा . चुनाव समाप्त होते ही क्षेत्र में हत्याओं का सिलसिला शुरू हो गया. शुक्रवार की शाम मिर्जागंज से दुकान बंद कर अपने घर लोसघानी जा रहे हार्डवेयर व्यवसायी मदन मिस्त्री की अगवा कर नृशंस तरीके से हत्या कर दी गयी. पुलिस अभी मदन मिस्त्री के गायब सर को तलाशी में ही जुटी थी कि शनिवार की रात अपराधियों ने सिकंदरा पुलिस को खुली चुनौती देते हुए उसके नाक के नीचे डेकोरेशन व्यवसायी संजीब नायक की गोली मार कर हत्या कर दी. विदित हो कि सिकंदरा थाना से महज डेढ़ दो सौ गज की दूरी पर स्थित पुरानी दुर्गा मंदिर में प्रतिमा निर्माण व पूजा पाठ से लेकर सारा कार्य सिकंदरा थाना के द्वारा ही किये जाने की परंपरा चली आ रही है और थाना अध्यक्ष ही नवरात्रा के दौरान मुख्य यजमान की भूमिका में होते है. इस वर्ष भी पुरानी दुर्गा स्थान में दुर्गा पूजा की तैयारी सिकंदरा पुलिस द्वारा ही संचालित की जा रही थी और सिकंदरा पुलिस ने दुर्गा पूजा के दौरान मंदिर की सजाबट की कार्य सिकंदरा बाजार स्थित पीयूष डेकोरेशन के मालिक संजीव नायक को सौंपा था. शनिवार की रात संजीव अपने ऑपरेटरों के द्वारा मंदिर में रंगीन बल्बों के सजावट का कार्य करवा रहा था. इसी दौरान अपराधियों ने उसकी गोली मार कर हत्या कर दी. दो दिनों में हुई लगातार दो हत्याओं से क्षेत्र के व्यवसायियों में खौफ पैदा कर दिया है और क्षेत्र के व्यवसायी काफी सहमे हुए नजर आ रहे है. उल्लेखनीय है कि गत 21 अप्रैल को भी बेखौफ अपराधियों ने सिकंदरा के एक आभूषण व्यवसायी विनय गुप्ता पर थाना क्षेत्र के लछुआड़ स्थित उसी के दुकान पर जानलेवा हमला किया था. इस हमले में गंभीर रूप से घायल विनय गुप्ता की जान तो बच गयी . लेकिन घटना में शामिल एक भी अपराधी की अब तक गिरफ्तारी नहीं होने से व्यवसायियों का पुलिस पर से भरोसा उठने लगा था. लेकिन दो दिनों में लगातार हुई दो हत्याओं ने क्षेत्र के व्यवसायियों को खौफजदा कर दिया है. ऐसे में अपराधियों के बढ़ते मनोबल को काबू में करते हुए व्यवसायियों में पुलिस के प्रति भरोसा बहाल करना पुलिस कप्तान जयंतकांत के लिए किसी चुनावी से कम नहीं है.

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