गरीबों की थाली से गायब हुआ दाल

गरीबों की थाली से गायब हुआ दाल फोटो : 3 से 3 डी(प्रतिक्रिया देती महिलाएं) सिमुलतला . लगातार उछाल मार रहे दाल की कीमत के कारण गरीबों की थाली से दाल तो बिल्कुल गायब ही हो गया है और अब क्षेत्र के मध्यम वर्ग परिवार की भी रसोई का बजट अनियंत्रित होने लगा है. सिमुलतला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 1, 2015 7:02 PM

गरीबों की थाली से गायब हुआ दाल फोटो : 3 से 3 डी(प्रतिक्रिया देती महिलाएं) सिमुलतला . लगातार उछाल मार रहे दाल की कीमत के कारण गरीबों की थाली से दाल तो बिल्कुल गायब ही हो गया है और अब क्षेत्र के मध्यम वर्ग परिवार की भी रसोई का बजट अनियंत्रित होने लगा है. सिमुलतला क्षेत्र में वर्तमान में दाल की कीमत 175 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है. जिसके कारण रसोई बजट में खास कर महिलाओं को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस संदर्भ में सिमुलतला निवासी सुनीता देवी ने बतायी कि दाल की कीमत ने सबकी कमर तोड़ दी है. गरीब परिवार के लिए दाल तो एक सपना बन कर रह गया. आखिर कब इस पर सरकार की नींद खुलेगी. लौहिया चौक निवासी निशा कुमारी बताती है कि सरकार या प्रशासन को यह ध्यान देना चाहिए कि अगर दाल की कीमत इस कदर उछाल मार रहा है. इसके पीछे क्या कारण है,मुझे तो लगता है कि बड़े व्यापारियों के पास अब भी बड़े पैमाने पर दाल स्टॉक है. अगर इस पर प्रशासन थोड़ी सख्ती बरती तो सायद दाल की कीमत में गिरावट हो सकती है. वहीं रिपु देवी का कहना है कि दाल की कीमत इस कदर अनियंत्रित हो गया है कि अब हिम्मत नहीं जुटा पाती हूं कि रसोई की लिस्ट में दाल को भी लिखूं. मुझे तो समझ में नहीं आ नहीं है कि इस कदर महंगाई का मार कब तक झेलना पड़ेगा. सिमुलतला निवासी माधुरी सिंह का कहना है कि वर्तमान में बड़े-बड़े व्यापारियों के पास सैंकड़ों टन दाल स्टॉक है. अगर उस पर थोड़ी सी सख्ती बरती जाय तो स्वत: दाल की कीमत में गिरावट आ सकती है. लौकिया चौक निवासी चिंता देवी बताती हैं कि हमारा देश कृषि प्रधान है. लेकिन अपने देश में दाल की कीमतों में इस कदर उछाल हमारे कृषि प्रधान की गरीमा को धूमिल कर रही है.

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