पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष नहीं गिरा सब्जी का भाव, टमाटर लाल, आलू के भाव तेवर में

पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष नहीं गिरा सब्जी का भाव, टमाटर लाल, आलू के भाव तेवर मेंफोटो संख्या-20-ज्योति गुप्ताफोटो संख्या-21-मंजू देवीफोटो संख्या-22-प्रेमा कुमारीफोटो संख्या-23-वंदना गुप्ताप्रतिनिधि, लखीसरायसभी खाने-पीने की चीजों पर महंगाई की मार है. इसका कारण उत्पाद कम होना व जमाखोरी बताया जा रहा है. सर्दी के मौसम में आमतौर पर सब्जियों का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 26, 2015 6:36 PM

पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष नहीं गिरा सब्जी का भाव, टमाटर लाल, आलू के भाव तेवर मेंफोटो संख्या-20-ज्योति गुप्ताफोटो संख्या-21-मंजू देवीफोटो संख्या-22-प्रेमा कुमारीफोटो संख्या-23-वंदना गुप्ताप्रतिनिधि, लखीसरायसभी खाने-पीने की चीजों पर महंगाई की मार है. इसका कारण उत्पाद कम होना व जमाखोरी बताया जा रहा है. सर्दी के मौसम में आमतौर पर सब्जियों का भाव कम हो जाता है, लेकिन इस बार टमाटर का भाव 40 रुपये है जो पिछले वर्ष 20 से 25 रुपये प्रति किलो बिक रहा था. नया आलू अब भी बाजारों में 16 रुपये प्रति किलो मिल रहा है. जबकि पुराना आलू की कीमत 12 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. हाल यह है कि अब भी मध्यम वर्गीय परिवार की थाली में हरी सब्जियों की कमी दिख रही है. पिछले वर्ष से कुछ हरी सब्जियों के भाव दो से तीन गुना अधिक है. हालांकि कुछ हरी सब्जियों के भाव दो से तीन गुणा अधिक है व कुछ हरी सब्जियों के भाव में गिरावट भी आयी है. दुकानदार मो नसीम ने बताया कि सब्जी का भाव गिर रहा है. लेकिन इसमें पिछले वर्ष की अपेक्षा कम गिरावट आयी है. इसका कारण दलहन व तेलहन समेत अन्य खाद्यान्न का भाव बढ़ना भी है. टमाटर इस बार अभी तक समान्य खेतों से बाजार में भी नहीं आया है. इसे बाहर से मंगाया जा रहा है. एक अन्य सब्जी दुकानदार मो मुन्ना ने बताया कि कुछ ऐसी भी सब्जियां हैं जिसका सीजन ऑफ होने की वजह से दाम बढ़े हैं. जैसे परवल, भिंडी, नेनुआ आदि.क्या कहती हैं गृहणियांगृहणी ज्योति गुप्ता बताती हैं कि सब्जी का दाम घटने-बढ़ने का पता नहीं लेकिन महंगाई के कारण रसोई का वजट बिगड़ गया है. अधिकतर सब्जियां का दाम बढ़ा हुआ है. फूलगोभी जैसे सीजन की सब्जियां का दाम घटा है तो आंशिक राहत मिली है. मंजू देवी के मुताबिक हरी सब्जी की खरीदारी में लोगों को पसीना आ रहा है. दाल व सरसों तेल महंगा होने के बाद हरी सब्जी की बढ़ी कीमतें परेशानी का कारण बनी हुई है. प्रेमा कुमारी के मुताबिक ठंड के मौसम में भी सब्जी की कीमतें नहीं घट रही है. महंगाई अपने चरम पर है. रसोई का बजट पूरी तरह बिगड़ गया है. वंदना गुप्ता के मुताबिक दाल, तेल, मसाला, हरी सब्जी सहित अन्य चीजों की कीमतों में बढ़ोत्तरी हुई है. इस महंगाई में मध्यम वर्गीय परिवार को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है. कहीं बिगड़ न जाये जायकाएक माह के अंदर दलहन, मसाला व चीनी के दाम अचानक बढ़ने से घर का चौका खासा प्रभावित हुआ है. इसमें एक ओर जहां घर की गृहणियों को रसोई का वजट संतुलित करने में परेशानी हो रही है. वहीं दूसरी बार आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के साथ मध्यमवर्गीय परिवार के लोगों के भी थाली से जायकेदार भोजन गायब होने लगा है. दाल पहले ही थाली से गायब हो चुकी है. लाल मिर्च, हल्दी, काली मिर्च, जीरा सभी चीजों में तेजी का रूख है.

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