भगवान महावीर की अतप्रिाचीन मूर्ति चोरी होना दुर्भाग्यपूर्ण
भगवान महावीर की अतिप्राचीन मूर्ति चोरी होना दुर्भाग्यपूर्ण फोटो : 5 से 5 जी(प्रतिक्रिया व्यक्त लोग)प्रतिनिधि, जमुई जन्मस्थान से भगवान महावीर की अतिप्राचीन मूर्ति का चोरी होना दुर्भाग्यपूर्ण है. लोगों की माने तो यह घटना कहीं ना कहीं प्रशासन और पुलिस की लापरवाही को दर्शाता है. जन्मस्थान जैन धर्म के लोगों की आस्था से जुड़ा […]
भगवान महावीर की अतिप्राचीन मूर्ति चोरी होना दुर्भाग्यपूर्ण फोटो : 5 से 5 जी(प्रतिक्रिया व्यक्त लोग)प्रतिनिधि, जमुई जन्मस्थान से भगवान महावीर की अतिप्राचीन मूर्ति का चोरी होना दुर्भाग्यपूर्ण है. लोगों की माने तो यह घटना कहीं ना कहीं प्रशासन और पुलिस की लापरवाही को दर्शाता है. जन्मस्थान जैन धर्म के लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ है. मूर्ति चोरी के पांच दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस द्वारा बरामदगी के नाम पर अंधेरे में तीर मारने का प्रयास किया जा रहा है. डाॅ नीरज साह व शिक्षक संजय कुमार साव मानते हैं कि सरकार को जन्मस्थान में स्थापित भगवान महावीर की अतिप्राचीन मूर्ति की सुरक्षा हेतु बहुत पूर्व ही पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल तैनात करना चाहिए था. क्योंकि भगवान महावीर का यह मंदिर सुदूर जंगली क्षेत्र में स्थित है. यहां प्रत्येक वर्ष जैन धर्म के हजारों श्रद्धालु भगवान महावीर के दर्शन के लिए पहुंचते है. इसलिए प्रशासन को इस क्षेत्र में पुलिस बल की पर्याप्त व्यवस्था करनी चाहिए. व्यवसायी विजय कुमार भारती,राजकुमार गुप्ता व संतोष कुमार की माने तो मूर्ति चोरी की इस घटना ने राष्ट्रीय स्तर पर बिहार की छवि को धूमिल करने का काम किया है. क्योंकि यह घटना राज्य सरकार और जिला प्रशासन की विफलता दर्शाती है. अगर राज्य सरकार या जिला प्रशासन इस मंदिर की सुरक्षा के लिए सजग रहती तो आज यह घटना नहीं घटती. व्यवसायी अमन सिंह व मो. साजिद की माने तो इस घटना ने प्रशासन की शत प्रतिशत विफलता को उजागर करने का काम किया है. क्योंकि जन्म स्थान जाने के दौरान कई बार यात्रियों के साथ लूटपाट भी हुई है. इस घटना की जितनी निंदा की जाय, वह कम होगी. सरकार और जिला प्रशासन को अविलंब भगवान महावीर की मूर्ति की बरामदगी के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए. क्योंकि जन्मस्थान जैन धर्म के लोगों की आस्था से पूर्णरूपेन जुड़ा हुआ है.