पर्यटक स्थल का दर्जा नहीं मिलने से आहत हैं लोग

पर्यटक स्थल का दर्जा नहीं मिलने से आहत हैं लोगफोटो संख्या 3- बड़हिया स्थित मां जगदंबा मंदिर फोटो संख्या 4- अशोक धाम मंदिर फोटो संख्या 5- श्रृंगिऋषि धाम प्रतिनिधि, लखीसरायबिहार व झारखंड अलग-अलग राज्य बनने के बाद बिहार में नालंदा के बाद दूसरा लखीसराय जिला है जहां पर्यटक स्थल की असीम संभावना है. इसके बावजूद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 4, 2015 6:42 PM

पर्यटक स्थल का दर्जा नहीं मिलने से आहत हैं लोगफोटो संख्या 3- बड़हिया स्थित मां जगदंबा मंदिर फोटो संख्या 4- अशोक धाम मंदिर फोटो संख्या 5- श्रृंगिऋषि धाम प्रतिनिधि, लखीसरायबिहार व झारखंड अलग-अलग राज्य बनने के बाद बिहार में नालंदा के बाद दूसरा लखीसराय जिला है जहां पर्यटक स्थल की असीम संभावना है. इसके बावजूद भी बिहार सरकार इसके प्रति रूचि नहीं दिखा रही है. अगर रुचि दिखा दे और स्थल को खूबसूरत बना दे तो प्रति वर्ष पर्यटक से करोड़ों रुपये की आय राज्य सरकार के कोष में जमा हो सकेगा और यहां के युवकों को बंदूक उठाने की जगह रोजगार मिल सकता है. जिले के पटना व भागलपुर के मध्य रेलवे व सड़क मार्ग के मध्य हरूहर व गंगा नदियों से घिरी हरियाली की गोद में बड़हिया स्थित 156 फीट लंबी गगनचुंबी संगमरमरी श्री ओझा जी द्वारा स्थापित मां बाला त्रिपुर सुंदरी मंदिर में प्रत्येक मंगलवार व शनिवार के साथ-साथ चैत व आश्विन माह में पूजे जाने वाले नवरात्र के दिन मां वैष्णो देवी के श्रद्धालुओं का आना जाना होता है. पूजा अर्चना के बाद शांति मिलती है. वहीं लखीसराय सदर प्रखंड के वार्ड नं एक स्थित इंद्रदमनेश्वर अशोक धाम मंदिर में सावन माह के अलावे प्रत्येक दिन हजारों श्रद्धालु कांवर, बाइक, वाहन से यहां आते हैं और बाबा इंद्रदमनेश्वर महादेव पर जलाभिषेक करते हैं. जबकि सूर्यगढ़ा प्रखंड के श्रृंगीऋषि में गरम कुंड में लोग पिकनिक मनाते हैं और गरम कुंड मे स्नान कर मजा उड़ाते हैं. इस स्थान पर रामायण काल के राजा दशरथ ने श्रृंगीऋषि से आर्शीवाद प्राप्त कर पुत्र रत्न की प्राप्ति की थी. बाद में उनके द्वारा भगवान राम सहित चारों भाईयों का मुंडन इसी स्थान पर किये जाने का प्रमाण मिला है. इतना ही नहीं माता सीता भी भगवान राम के साथ इस स्थान पर पूजा अर्चना कर चुकी है. हाल के दिनों में सुरक्षा के अभाव में मां पार्वती की मंदिर से मूर्ति गायब हो गयी लेकिन इसकी तलाश करने में पुलिस नाकाम रही. इसके अलावा चानन प्रखंड के जलप्पा स्थान शक्तिपीठ में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. जिले में इतने प्रसिद्ध स्थान होने के बावजूद आज तक किसी भी स्थान को बिहार सरकार द्वारा पर्यटक स्थल घोषित नहीं किया गया है. जबकि इन स्थानों को पर्यटक स्थल घोषित करने के लिए विधान सभा से लेकर सड़कों उतर कर मांग की गयी है. इसके बावजूद भी अभी तक पर्यटक स्थल का दर्जा नहीं मिल सका है. जिससे इन क्षेत्रों के लोगों में बिहार सरकार के प्रति गहरा आक्रोश व्याप्त है. वहीं रामगढ़ प्रखंड के किषकिंधा पहाड़ पर अवस्थित प्राचीन मुर्ति को लेकर डीएम व एसडीओ के अश्वासन के बाद भी प्रर्यटन स्थल का दर्जा नही मिल सका.

Next Article

Exit mobile version