झाझा : आजादी के वर्षों बीत जाने के बावजूद प्रखंड क्षेत्र के बाराजोर पंचायत अंतर्गत नयावादीगंज निवासी आज भी बदहाली की जिंदगी जी रहे हैं और विकास की रोशनी इस गांव के लोगों से कोसों दूर है. मूलभूत सुबिधाओं से महरूम इस गांव की आबादी लगभग 250 है.
इसके बावजूद भी इस गांव के लोगों को पीने के लिए शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं है. दूषित पेयजल के कारण इस गांव के लोग हड्डी के रोग से ग्रसित होकर हाथ व पैर से विकलांग होते चले जा रहे है और इस गांव में जन्म लेने वाले बच्चे भी मानसिक व शारीरिक रूप से कमजोर है. इस बाबत ग्रामीण रामसेवक मंडल, छेदी मंडल, रामचंद्र मंडल , बासुकी मंडल, समाजसेवी व पूर्व जिला परिषद् सदस्य धर्मदेव यादव आदि ने बताया कि पुरुषों से ज्यादा महिलाएं कमर एवं हाथ व पैर से लाचार होती चली जा रही है और उनकी उम्र वास्तविक आयु से अधिक दिखने लगी है.
लोगों ने बताया की दूषित जल के सेवन करने से इस तरह की समस्याओं से ग्रामीण ग्रसित हो गंभीर बीमारियों की चपेट में आकर जल्द ही काल कलवित हो जातें है. ग्रामीणों ने बताया कि कई बार प्रखंड से लेकर जिला स्तर तक के अधिकारियों को इस समस्या से अवगत करवाया है. लेकिन आज तक किसी ने सुधि लेना मुनासिब नहीं समझा.
ग्रामीण दुलारी देवी, जुगली देवी, वसंती देवी, तारा देवी, रुना देवी, शांति देवी अदि दर्जनों महिलाओं की स्थिति काफी नाजुक है. उपरोक्त महिलाएं लाठी के सहारे ही चलने को विवश हैं. ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि यदि अविलंब सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठाती है तो हम ग्रामीण चरणबद्ध आंदोलन के लिए मजबूर हो जाएंगे़.
कहते हैं पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता इस बाबत पूछे जाने पर कार्यपालक अभियंता शिवशंकर दयाल ने बताया कि मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं थी. अगर एेसी बात है तो उस गांव में टेक्निशीयन को भेजवा कर जल की शीघ्र जांच करा ली जायेगी और पानी दूषित पाये जाने पर वहां पानी शुद्ध करने के लिए मशीन लगवा दिया जायेगा.