एसआइटी की कामयाबी ने किया बिहार पुलिस को गौरवान्वित
एसआइटी की कामयाबी ने किया बिहार पुलिस को गौरवान्वित सिकंदरा . यू तो आम जन मानस में बिहार पुलिस की छवि को बेहतर नहीं माना जाता है. मुन्ना सिंह प्रकरण में बिहार पुलिस की कारगुजारियों की याद कर आज भी जिले भर के लोग सहम उठते हैं. लेकिन जैन समुदाय की आस्था व जमुई जिले […]
एसआइटी की कामयाबी ने किया बिहार पुलिस को गौरवान्वित सिकंदरा . यू तो आम जन मानस में बिहार पुलिस की छवि को बेहतर नहीं माना जाता है. मुन्ना सिंह प्रकरण में बिहार पुलिस की कारगुजारियों की याद कर आज भी जिले भर के लोग सहम उठते हैं. लेकिन जैन समुदाय की आस्था व जमुई जिले को प्रतिष्ठा से जुड़े भगवान महावीर की 2600 साल पुरानी प्रतिमा बरामदगी कर उल्लेखनीय सफलता हासिल करने के बाद से आम लोगों के बीच बिहार पुलिस की छवि में व्यापक सुधार देखने को मिल रहा है.चौक चौराहों से लेकर गली मोहल्ले तक में बिहार पुलिस द्वारा प्रतिमा बरामदगी को लेकर चलाये गये अभियान एवं पुलिस के कार्यकुशलता की सर्वत्र प्रशंसा हो रही है. उल्लेखनीय है कि 27 नबंबर की रात जन्मस्थान से भगवान महावीर की प्रतिमा बरामदगी को लेकर पुलिस पदाधिकारी सक्रिय रहे.इस दौरान 29 नबंबर को एसपी जयंतकांत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मूर्ति बरामदगी को लेकर एसआईटी का गठन कर दिया.जमुई एसडीपीओ नेशार अहमद शाह के नेतृत्व में गठित एसआईटी में सिकंदरा इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार,झाझा इंस्पेक्टर चंदेश्वर पासवान,सिकंदरा थाना अध्यक्ष विवेक भारती, झाझा थानाध्यक्ष अरुण कुमार राय, खैरा थानाध्यक्ष रामनाथ राय,एसआई ज्योति कुमार व खैरा थाना में पदस्थापित एसआई प्रजेश कुमार दूबे को शामिल कर अनुभव व युवा जोश के समिश्रण से बनी इस टीम को प्रतिमा के बरामदगी की जिम्मेवारी दी गयी.इस दौरान भागलपुर क्षेत्र केे आईजी बच्चू सिंह मीणा जमुई में कैंप कर लगातार मामले की मॉनीटरिंग करते रहे. वहीं प्रतिमा की बरामदगी की लेकर एसआईटी ने अपना अभियान शुरु कर दिया और टूटी कडि़यों को जोड़ते हुए एसआईटी की टीम मूर्ति चोर के नजदीक पहुंचने लगी. इस दौरान भले ही राज्य सरकार ने मामले की जांच की सीबीआई से कराने की अनुशंसा कर दी.लेकिन सीबीआई द्वारा जांच की औपचारिक प्रक्रिया शुरु करने के पूर्व ही एसआईटी द्वारा बनाये गये दबाब में अपराधियों की प्रतिमा वापस करने के लिए मजबूर होना पड़ा.सूत्रों की माने तो प्रतिमा चोरी के मामले का उदभेदन होने पर कुछ ऐसे लोगो के नाम सामने आने की संभावना है,जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती और नाम सामने आने के बाद पूरे जिले में खलबली मच सकती है. ऐसे में पुलिस फुंक फुंक कर कदम उठ रही है और मामले के उद्भेदन के पूर्व साक्ष्य के तौर पर ठोस सबूत इक ठ्ठा करने में जुटी है.वहीं एसआइटी की इस उल्लेखनीय कामयाबी पर पूरा पुलिस महाकमा गौरवान्वित है और राज्य सरकार से लेकर गृह मंत्रालय तक में मूर्ति बरामद करने में सफलता हासिल करने वाली एसआइटी के लिए पुरस्कारों की घोषणा कर दी है.